ICC कर सकती है बड़े बदलाव, 3 मैचों की हो टेस्ट सीरीज और पिंक बॉल टेस्ट पर भी रहे जोर; ODI में बदले ये नियम
- ICC आने वाले समय में बड़े बदलाव कर सकती है। खासकर टेस्ट और वनडे क्रिकेट में, क्योंकि ये दोनों फॉर्मेट दिलचस्पी खो रहे हैं। फैंस स्टेडियम नहीं जा रहे। ऐसे में 3 मैचों की टेस्ट सीरीज और पिंक बॉल टेस्ट पर जोर देखने के लिए कहा गया है।
इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल यानी आईसीसी जल्द कुछ बड़े बदलाव टेस्ट और वनडे इंटरनेशनल क्रिकेट को लेकर कर सकती है। टेस्ट और वनडे क्रिकेट को प्रमोट करने के लिए आईसीसी योजना बना रही है कि अगली वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप चक्र में कम से कम तीन टेस्ट मैचों की सीरीज हो। इसके अलावा वनडे क्रिकेट में 25 ओवर तक दो नई गेंदें इस्तेमाल की जाएं और फिर एक ही गेंद से बाकी के 25 ओवर फेंके जाएं। इस तरह के बदले हुए नियम पर बात चल रही है। आईसीसी की बोर्ड मीटिंग दुबई में हुई है, जिसने महिला क्रिकेट को लेकर भी कई बड़े ऐलान सोमवार 21 अक्टूबर को किए।
वहीं, अगर टीओआई की रिपोर्ट की मानें तो आईसीसी की क्रिकेट कमिटी को बोर्ड मीटिंग में कई सजेशन मिले हैं। इसी वजह से क्रिकेट कमिटी ने सिफारिश की है कि टेस्ट क्रिकेट को प्रमोट करने के लिए अगली WTC साइकिल में ज्यादा से ज्यादा डे-नाइट टेस्ट यानी पिंक बॉल टेस्ट मैच आयोजित किए जाएं और टेस्ट सीरीज भी WTC के अंतर्गत कम से कम 3 मैचों की हो। आईसीसी के सूत्र ने बताया, "दक्षिण अफ्रीका, न्यूजीलैंड और श्रीलंका जैसे कुछ देश ज्यादातर मौकों पर सिर्फ दो टेस्ट मैचों की सीरीज खेलते हैं। सिर्फ भारत, इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया ही लंबी टेस्ट सीरीज खेलते हैं। इससे टेस्ट क्रिकेट को बढ़ावा देने में मदद नहीं मिलती और अंकों का वितरण बहुत अनुचित हो जाता है। सिफारिशें ऐसी असमानताओं को मिटाने के उद्देश्य से की गई हैं।"
आईसीसी क्रिकेट समिति की अध्यक्षता भारत के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली करते हैं और इसमें बीसीसीआई सचिव और जल्द ही आईसीसी के चेयरमैन बनने वाले जय शाह के अलावा श्रीलंका के पूर्व कप्तान महेला जयवर्धने, पूर्व भारतीय क्रिकेटर वीवीएस लक्ष्मण, साउथ अफ्रीकी दिग्गज शॉन पोलक, पूर्व न्यूजीलैंड कैप्टन डेनियल विटोरी और रोजर हार्पर भी शामिल हैं। डे-नाइट टेस्ट इस समय सिर्फ क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया आयोजित करता है, लेकिन बीसीसीआई ने दो साल से गुलाबी गेंद से एक भी टेस्ट मैच अपनी धरती पर नहीं खेला है। टीम इंडिया दिसंबर में ऑस्ट्रेलिया में पिंक बॉल टेस्ट खेलेगी।
सूत्र ने बताया, "आईसीसी समिति का मानना है कि गुलाबी गेंद से खेले जाने वाले टेस्ट मैचों की वजह से स्टेडियम में ज्यादा लोग आते हैं। हाल ही में पाकिस्तान में दर्शकों की संख्या बहुत कम देखी गई। भारत में खेले गए 3 पिंक बॉल टेस्ट मैचों में सामान्य से ज्यादा टिकटें बिकीं। टेस्ट खेलने वाले देशों को ज्यादा पिंक बॉल से खेले जाने वाले टेस्ट मैचों के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।" एक और सुझाव यह है कि वनडे मैचों के पहले 25 ओवरों में केवल दो गेंदें ही इस्तेमाल की जाएं और उसके बाद केवल एक गेंद का इस्तेमाल किया जाना चाहिए। पिछले करीब एक दशक से दो नई गेंदें दोनों छोर से फेंकी जाती हैं। ऐसे में आखिरी ओवर तक गेंद 25 ओवर ही पुरानी होती है। ऐसे में गेंदबाजों को कम मदद मिलती है और फिंगर स्पिनर परेशान रहते हैं।
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