Hindi Newsक्रिकेट न्यूज़Gautam Gambhir wanted Cheteshwar Pujara for the Border Gavaskar Trophy but selectors turned it down by Selectors

चेतेश्वर पुजारा को बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में चाहते थे गौतम गंभीर, लेकिन सिलेक्टर्स ने नहीं दिया साथ!

  • टीम इंडिया के हेड कोच गौतम गंभीर बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में चेतेश्वर पुजारा को टीम में चाहते थे, लेकिन सिलेक्टर्स ने उनका साथ नहीं दिया। यहां तक कि पर्थ टेस्ट जीतने के बाद भी गंभीर पुजारा को टीम में चाह रहे थे।

Vikash Gaur लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीWed, 1 Jan 2025 08:54 AM
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बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के चार मैच खेले जा चुके हैं और सीरीज का आखिरी मुकाबला 3 जनवरी से सिडनी में इंडिया और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेला जाना है। इस समय सीरीज की स्कोरलाइन ऑस्ट्रेलिया के पक्ष में 2-1 है। टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ इस पांच मैचों की सीरीज में पहला मुकाबला जीता था, लेकिन अगले तीन में से दो मैच हार गई। एक मैच ड्रॉ रहा। इस बीच एक बड़ी रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें कहा गया है कि टीम के हेड कोच गौतम गंभीर ने मांग की थी कि उनको बीजीटी में चेतेश्वर पुजारा टीम में चाहिए, लेकिन सिलेक्टर्स ने उनकी इस डिमांड को पूरा नहीं किया। पुजारा इस सीरीज में कमेंट्री करते नजर आए।

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, मेलबर्न में बॉक्सिंग डे टेस्ट मैच में मिली हार के बाद, भारत का ड्रेसिंग रूम शांत नहीं था। हेड कोच गौतम गंभीर टीम के हालिया खराब प्रदर्शन से तंग आ चुके हैं, उन्होंने खिलाड़ियों का कठोर मूल्यांकन किया है। पुजारा, एक खिलाड़ी जिसने 100 से अधिक टेस्ट मैचों में भारत का प्रतिनिधित्व किया है, ओवल में 2023 विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल के बाद से राष्ट्रीय टीम से बाहर है, जहां भारत ऑस्ट्रेलिया से हार गया था। बल्लेबाज उस मैच की दो पारियों में केवल 14 और 27 रन ही बना सका था और ऑस्ट्रेलियाई टीम ट्रॉफी लेकर चली गई थी।

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हालांकि, मौजूदा सीरीज में भारतीय शीर्ष क्रम के विफल होने के कारण, पुजारा जैसे खिलाड़ी, जिन्होंने ऑस्ट्रेलिया में 11 मैचों में 47.28 की औसत से 993 रन बनाए हैं, बड़ा अंतर पैदा कर सकते थे। अब रिपोर्ट सामने आई है कि टीम इंडिया ने भले ही पर्थ में पहला टेस्ट जीत लिया था, लेकिन गौतम गंभीर ने 36 वर्षीय सौराष्ट्र के बल्लेबाज के बारे में बात की थी।

पुजारा 2018-19 की बीजीटी सीरीज में 1258 गेंदों पर 521 रन बनाकर अग्रणी रन बनाने वाले खिलाड़ी थे और तीन साल बाद एक बार फिर भारतीय बल्लेबाजी की रीढ़ बने, जब उन्होंने 928 गेंदों पर 271 रन बनाए, जिससे भारत को ऑस्ट्रेलिया में दोनों सीरीज जीतने में मदद मिली। यहां तक कि ऑस्ट्रेलिया के पेसर जोश हेजलवुड ने सीरीज से पहले पुजारा की तारीफ करते हुए कहा था कि अच्छा नहीं है कि इस बार पुजारा नहीं हैं।

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अक्टूबर में, चेतेश्वर पुजारा ने राजकोट में छत्तीसगढ़ के खिलाफ सौराष्ट्र के लिए दूसरे दौर में अपना 25वां रणजी ट्रॉफी शतक लगाया और इसे अपने 18वें प्रथम श्रेणी दोहरे शतक में बदल दिया। इस उपलब्धि के साथ, वह सबसे अधिक प्रथम श्रेणी दोहरे शतक लगाने वाले बल्लेबाजों की शानदार सूची में केवल डॉन ब्रैडमैन (37), वैली हैमंड (36) और पैट्सी हेंड्रेन (22) से पीछे हैं। वे रेड बॉल क्रिकेट में फॉर्म में नजर आए, लेकिन बीजीटी में उन्होंने कमेंट्री की।

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