Hindi Newsछत्तीसगढ़ न्यूज़Chhattisgarh PSC paper was leaked before the exam; CBI made shocking claims in chargesheet

परीक्षा से पहले ही लीक हो गया था छत्तीसगढ़ PSC का पेपर; चार्जशीट में CBI ने किए चौंकाने वाले दावे

  • यम में बदलाव के बाद, सोनवानी के दोनों भतीजों ने CGPSC राज्य सिविल सेवा परीक्षा 2021 के लिए आवेदन किया। इन दोनों के साथ ही शशांक गोयल और भूमिका कटियार ने भी आवेदन दिया।

Sourabh Jain हिन्दुस्तान टाइम्स, रितेश मिश्रा, रायपुर, छत्तीसगढ़Sat, 18 Jan 2025 08:01 PM
share Share
Follow Us on
परीक्षा से पहले ही लीक हो गया था छत्तीसगढ़ PSC का पेपर; चार्जशीट में CBI ने किए चौंकाने वाले दावे

छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (CGPSC) में हुए कथित भर्ती घोटाले के मामले में कोर्ट में दायर आरोपपत्र में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने संस्था में व्याप्त भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद और धन के दुरुपयोग का खुलासा किया है। साथ ही बताया है कि इसमें CGPSC के तत्कालीन अध्यक्ष समेत अन्य अधिकारियों की मिलीभगत भी सामने आई है। चार्ज शीट में जांच एजेंसी ने चौंकाने वाला दावा करते हुए यह भी कहा कि परीक्षा से पहले ही PSC का प्रश्नपत्र लीक हो गया था।

16 जनवरी को दाखिल अपने आरोपपत्र में सीबीआई ने CGPSC के तत्कालीन अध्यक्ष तमन सिंह सोनवानी, उनके कई पारिवारिक सदस्यों, सहयोगियों और निजी संस्थाओं पर निजी लाभ के लिए राज्य की सिविल सेवा परीक्षा प्रक्रिया में हेराफेरी करने का आरोप लगाया है।

सीबीआई ने पिछले साल अप्रैल में इस मामले की जांच अपने हाथ में ली थी, इस दौरान उसने डिप्टी कलेक्टरों, पुलिस उपाधीक्षकों और अन्य वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों की भर्ती के लिए साल 2020-2022 में आयोजित CGPSC परीक्षाओं में पक्षपात के आरोपों की जांच की।

सीबीआई ने अपने आरोपपत्र में दावा किया है कि CGPSC के अध्यक्ष पद पर अपने कार्यकाल के दौरान तमन सिंह सोनवानी ने अपने भतीजों नितेश सोनवानी और साहिल सोनवानी को लाभ पहुंचाने के लिए परीक्षा प्रोटोकॉल में हेरफेर किया।

सोनवानी ने जुलाई 2021 में कथित तौर पर एक विवादास्पद कदम उठाते हुए CGPSC के दिशानिर्देशों में 'रिश्तेदार' शब्द को 'परिवार' से बदल दिया। इस पुनर्परिभाषा ने भतीजों को परिवार के सदस्यों की सूची से बाहर कर दिया, जिसके चलते भतीजों के परीक्षा में उम्मीदवार होने के बावजूद उन्हें पूरी परीक्षा प्रक्रिया को संभालने की आजादी मिल गई।

उधर नियम में बदलाव के बाद, सोनवानी के दोनों भतीजों ने CGPSC राज्य सिविल सेवा परीक्षा 2021 के लिए आवेदन किया। इन दोनों के साथ शशांक गोयल और भूमिका कटियार भी थे, जो इस केस के एक अन्य आरोपी व्यक्ति यानी BPIL (बजरंग पावर एंड इस्पात लिमिटेड) के पूर्णकालिक निदेशक श्रवण कुमार गोयल के रिश्तेदार थे।

चार्जशीट में इस बात को जोर देकर बताया गया कि फरवरी 2022 में होने वाली प्रारंभिक परीक्षा के प्रश्न पत्र पहले ही लीक हो गए थे। आरोप पत्र में कहा गया है कि लीक हुए पेपर कथित तौर पर सोनवानी के भतीजों और गोयल के परिवार के दोनों सदस्यों के साथ साझा किए गए थे।

जांच में पाया गया कि पेपर लीक करने की जिम्मेदार CGPSC की परीक्षा नियंत्रक आरती वासनिक और मेसर्स एकेडी प्रिंटर्स प्राइवेट लिमिटेड के अरुण द्विवेदी हैं। उनकी फर्म के साथ गोपनीय परीक्षा सामग्री को संभालने के लिए अनुबंध किया गया है।

इस रिपोर्ट में गोयल परिवार के दोनों सदस्यों की, की गई मदद के बदले सोनवानी के साथ हुए वित्तीय लेन-देन का भी खुलासा किया गया है। रिपोर्ट में बताया गया कि GVS (ग्रामीण विकास समिति) सोनवानी के परिवार द्वारा संचालित एक गैर-सरकारी संगठन है। गोयल परिवार की मदद के बदले संगठन ने बजरंग पावर एंड इस्पात लिमिटेड से CSR (कॉर्पोरेट सोशल रिस्पोंसिबिलिटी) योजना के तहत धन मांगा, जिसका उद्देश्य गलत था।

नवंबर 2021 में कॉलेज भवन के निर्माण के लिए जीवीएस ने सोनवानी की पत्नी और परिवार के अन्य सदस्यों के नेतृत्व में BPIL कंपनी से 50 लाख रुपए मांगे। आरोप पत्र में बताया गया कि यह प्रस्ताव कंपनी अधिनियम की अनुसूची VII के तहत परिभाषित सीएसआर गतिविधियों के दायरे से बाहर था, लेकिन इसके बावजूद, सीएसआर समिति द्वारा कथित तौर पर गोयल के प्रभाव में इसके लिए 20 लाख रुपए मंजूर किए गए।

इसके बाद NGO को अतिरिक्त धनराशि किश्तों में दी गई। इस दौरान अप्रैल 2022 में 25 लाख रुपए भी शामिल है, जो कि कथित तौर पर महिला छात्रावास की स्थापना करने के लिए दिए गए थे। हालांकि, जांच से पता चला कि इस राशि को अनधिकृत उद्देश्यों के लिए डायवर्ट किया गया था।

मार्च 2022 में प्रारंभिक परीक्षा के नतीजे घोषित हुए, जिसमें सोनवानी के भतीजे और गोयल के रिश्तेदार सफल रहे। जांच में पाया गया कि सोनवानी और परीक्षा के उप नियंत्रक ललित गणवीर सहित CGPSC के कई अधिकारी इस पूरे घपले में शामिल थे।

बाद में मई 2022 में तीनों को मुख्य परीक्षा के लिए परीक्षा केंद्र आवंटित किए गए, जिसके बाद इस पूरी प्रक्रिया की शुचिता पर लगातार सवाल उठ रहे हैं। सीबीआई के इस खुलासे के बाद उम्मीदवारों और आम लोगों में भारी आक्रोश है और वे जवाबदेही तय करने की मांग कर रहे हैं।

बता दें कि परीक्षा के लिए 1.29 लाख से ज्यादा उम्मीदवारों ने आवेदन किया था, जिनमें से 2548 मुख्य चरण के लिए योग्य पाए गए।

ये भी पढ़ें:छत्तीसगढ़ में पकड़ा गया सैफ पर हमले का संदिग्ध, RPF ने दुर्ग स्टेशन से दबोचा
ये भी पढ़ें:छत्तीसगढ़ में मुठभेड़ के बाद 8 लाख रुपए का इनामी नक्सली गिरफ्तार,हथियार भी बरामद
ये भी पढ़ें:छत्तीसगढ़ के लिए BJP अध्यक्ष का ऐलान, किरण सिंहदेव के हाथों में दोबारा कमान
ये भी पढ़ें:छत्तीसगढ़ के नारायणपुर में नक्सलियों ने किया IED विस्फोट, BSF के दो जवान घायल

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें