हरियाणा में 5वीं और 8वीं कक्षा की होगी बोर्ड परीक्षा, फिसड्डी छात्रों को किया जाएगा फेल
हरियाणा के स्कूल में अब पहले की तरह पांचवीं और आठवीं कक्षा की वार्षिक बोर्ड परीक्षा होगी। न्यूनतम अंक नहीं लेने वाले बच्चों को फेल भी किया जाएगा। शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. महावीर सिंह...
हरियाणा के स्कूल में अब पहले की तरह पांचवीं और आठवीं कक्षा की वार्षिक बोर्ड परीक्षा होगी। न्यूनतम अंक नहीं लेने वाले बच्चों को फेल भी किया जाएगा। शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. महावीर सिंह ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी है। राज्य सरकार में शिक्षा मंत्री, चौधरी कंवर पाल ने इस फैसले जानकारी देते हुए ट्वीट किया, 'शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए हरियाणा सरकार द्वारा प्रदेश में 5वीं और 8वीं की बोर्ड परीक्षा लागू कर दी गई है। इस ऐतिहासिक निर्णय से शिक्षा प्रणाली में उच्च स्तरीय सुधार होगा।'
सरकार की ओर से शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत संशोधन करते हुए आठवी कक्षा तक किसी को भी फेल नहीं करने की नीति में बदलाव कर दिया गया है।
अब सभी सरकारी और मान्यता प्राप्त निजी विद्यालयों में प्रत्येक शैक्षणिक वर्ष की समाप्ति पर कक्षा पांचवीं और आठवीं की वार्षिक परीक्षाओं में यदि कोई बच्चा पास नहीं होता है तो उसे परीक्षा पास करने के लिए अतिरिक्त पढ़ाई कराई जाएगी। परीक्षा परिणाम के दो महीने के अंदर उसकी फिर से परीक्षा होगी। इसमें पास नहीं होने पर उसे उसी कक्षा में रखा जाएगा। गौरतलब है कि प्रदेश में आठवीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा वर्ष 2010 से बंद हैं और पांचवीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाएं पहले जिला लेवल की जी जाती थी।
अधिसूचना के अनुसार पांचवी और आठवीं कक्षाओं के लिए बोर्ड परीक्षाओं के आयोजन के एक माह के भीतर नतीजों की घोषणा कर दी जाएगी और छात्रों को प्रमाण-पत्र भी जारी कर दिए जाएंगे।
स्कूल संगठन जहां सरकार के इस फैसले को पूरी तरह गलत बताते हुए इसे सिरे से नकार रहे हैं। वहीं शिक्षक संगठनों ने इस फैसले को छात्र हित में बताते हुए इसका स्वागत किया है।
रमेश डागर (अध्यक्ष, फरीदबाद प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन) ने कहा कि सरकार का पांचवी और आठवी कक्षा में परीक्षाएं कराने का फैसला पूरी तरह बेबुनियाद है। सत्र की समाप्ति पर इस तरह के फैसले से छात्रों पर काफी दबाव बढ़ेगा। कोविड काल में स्कूलों में पढ़ाई बुरी तरह बाधित रही है और छात्र इसके लिए तैयार नहीं होंगे। इस फैसले का हम पूरी तरह विरोध करतें हैं और सरकार से मांग है कि इसे वापल ले लिया जाए।
संदीप चौहान ( जिला प्रधान, हसला) ने कहा, 'आठवीं तक छात्रों को फेल नहीं करने की नीति के बाद स्कूलों में शिक्षा का स्तर काफी गिरा है। सरकार का पांचवी और आठवी में परीक्षाएं कराने का फैसलाे का स्वागत करते हैं। इससे पदेश में शिक्षा के स्तर में सुधार आएगा। छात्र परीक्षाओं की तैयारी के लिए पढ़ेंगे और आठवी से ही परीक्षाएं देते रहेंगे तो इससे आगे होने से बोर्ड परीक्षाओं के परिणाम में भी सुधार होगा।'
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