बिहार बोर्ड इंटरमीडिएट एग्जाम 2020 : क्लासरूम के बाहर टेंट में देनी पड़ी छात्रों को परीक्षा, देखें तस्वीरें
Bihar Board Inter Exam 2020: बिहार बोर्ड इंटरमीडिएट की परीक्षाएं शुरू हो चुकी हैं। लेकिन पहले ही दिन इंटर की परीक्षा में शिक्षा विभाग होमवर्क में फेल हो गया। सेंटर टैगिंग के दौरान बरती गई...
Bihar Board Inter Exam 2020: बिहार बोर्ड इंटरमीडिएट की परीक्षाएं शुरू हो चुकी हैं। लेकिन पहले ही दिन इंटर की परीक्षा में शिक्षा विभाग होमवर्क में फेल हो गया। सेंटर टैगिंग के दौरान बरती गई छोटी-छोटी असावधानी की वजह से टेंट में बैठाकर परीक्षा लेनी पड़ रही है। छपरा के दो केंद्रों पर टेंट शामियाना में बैठाकर परीक्षा ली जा रही है। शहर के लोकमान्य हाईस्कूल और मध्य विद्यालय सेमरिया पूर्वी परीक्षा केंद्र पर क्षमता से अधिक परीक्षार्थी होने की वजह से टेंट लगाना पड़ा है। हालांकि एक बेंच पर दो ही परीक्षार्थियों के बैठाने की पहल की प्रशंसा परीक्षार्थी के साथ अभिभावक कर रहे हैं। साथ ही विभाग की तैयारी पर व्यंग्य कसने से भी लोग नहीं कतरा रहे हैं।
केंद्र के बाहर बैठे अभिभावक दिनेश प्रसाद, राजेश सिंह, अरविंद मांझी व अन्य ने कहा कि शिक्षा विभाग ने तो ‘हथिसार में बकरी और अस्तबल में हाथी बांधने वाली कहावत को चिरतार्थ करने का काम किया है। बी बी राम नगरा, शहर के पीसी सांइस कॉलेज समेत कई ऐसे केंद्र का उदाहरण देते हुए कहा कि यहां क्षमता से कम परीक्षार्थी हैं। एक बेंच पर दो परीक्षार्थी बैठाने के बाद भी कमरे खाली हैं। जबकि ऐसे भी केंद्र दिख रहे जहां क्षमता से अधिक परीक्षार्थी की वजह से टेंट लगाना पड़ा। केंद्र का भौतिक सत्यापन और सेंटर टैगिंग के दौरान इन बातों का ख्याल रखा गया होता तो आज इस तरह की नौबत नहीं आती और शिक्षा विभाग की तैयारी की किरकिरी नहीं होती।
शहर के कई स्कूल को केंद्र नहीं बनाना अव्यावहारिक
परीक्षा दिलवाने आए कुछ अभिभावक शहर के महाबीर मंदिर कैंपस में आराम कर रहे थे। अभिभावक गोपाल सिंह, सुबोध कुमार, रिंकू सिंह, संतोष प्रसाद, सोनू सोनी व अन्य ने बताया कि जिले के दूर दराज इलाके में भी केंद्र बनाए गये हैं। क्षमता से अधिक परीक्षार्थियों को भी टैग कर दिया गया है जबकि शहर में ही कई स्कूल को केंद्र नहीं बनाया गया है। अगर इन स्कूलों को केंद्र बनाया जाता तो टेंट की नौबत नहीं आती।
अभिभावकों ने शहर के गर्ल्स स्कूल, इंपीरियल पब्लिक स्कूल और गुदरी बुनियादी विद्यालय का उदाहरण प्रस्तुत कर रहे थे। वे तो श्रीनंदन पथ पर डबल डेकर को लेकर निर्माण कार्य की वजह से आवागमन बाधित रहने और परीक्षार्थियों की परेशानी पर भी जिला प्रशासन व शिक्षा विभाग को कोस रहे थे। जेपीएम व बी सेमिनरी परीक्षा केंद्र पर समीप अभिभावक व परीक्षार्थियों के फिसलन वाली गीली मिट्टी पर गिरने की बात कह रहे थे।
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