PhD : 30 और यूनिवर्सिटी यूजीसी की जांच के दायरे में, किन नियमों के उल्लंघन पर 3 विश्वविद्यालयों पर लगा बैन
- यूजीसी की ओर से तीन प्राइवेट विश्वविद्यालयों के पीएचडी एडमिशन लेने पर बैन लगाने के बाद देश की 30 और यूनिवर्सिटी जांच के दायरे में हैं। तीनों विश्वविद्यालयों में पीएचडी प्रवेश परीक्षा प्रोटोकॉल, आरएसी के गठन और थीसिस चेक करने जैसी गाइडलाइंस का उल्लंघन हो रहा था।
यूजीसी की ओर से तीन प्राइवेट विश्वविद्यालयों के पीएचडी एडमिशन लेने पर बैन लगाने के बाद देश की 30 और यूनिवर्सिटी जांच के दायरे में हैं। पीएचडी नियमों के उल्लंघन पर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) इनके खिलाफ भी सख्त एक्शन ले सकती है। यूजीसी ने राजस्थान के तीन विश्वविद्यालयों को अगले पांच साल तक पीएचडी कोर्स कराने से रोक दिया है क्योंकि उन्हें डिग्री की शुचिता से समझौता करते पाया गया। यूजीसी ने पाया कि तीनों विश्वविद्यालयों में पीएचडी प्रवेश परीक्षा प्रोटोकॉल, रिसर्च एडवाइजरी कमिटी (आरएसी) के गठन और थीसिस चेक करने जैसी गाइडलाइंस का उल्लंघन हो रहा था।
यूजीसी के अध्यक्ष एम. जगदीश कुमार ने पीएचडी कोर्स की क्वालिटी बनाए रखने के महत्व पर जोर दिया और बताया कि और भी विश्वविद्यालय जांच के दायरे में हैं। नियमों का उल्लंघन पाए जाने पर भारतीय उच्च शिक्षा की साख को बनाए रखने के लिए इसी तरह की सख्त सजा दी जा सकती है।
यूजीसी अध्यक्ष ने कहा, 'विश्वविद्यालयों को पीएचडी कोर्स में उच्चतम मानकों को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध होना चाहिए। यूजीसी उन संस्थानों के खिलाफ उचित कार्रवाई करेगा जो यूजीसी के पीएचडी नियमों का पालन करने में नाकाम रहते हैं। हम कुछ अन्य विश्वविद्यालयों में पीएचडी कोर्स की गुणवत्ता की जांच कर रहे हैं। जांच प्रक्रिया जारी है। यदि वे पीएचडी नियमों का उल्लंघन करते पाए जाते हैं, तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। ऐसे गलत संस्थानों की पहचान करना और उन्हें पीएचडी छात्रों को प्रवेश देने से रोकना आवश्यक है। हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि भारतीय उच्च शिक्षा की पारदर्शिता, गुणवत्ता और वैश्विक प्रतिष्ठा से कोई समझौता न हो।'
इन नियमों का पालन आवश्यक
टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक पीएचडी डिग्री में कई मापदंडों को ध्यान में रखा जाता है जैसे कि एंट्रेंस स्कोर को दाखिले में 70 फीसदी और इंटरव्यू को 30 फीसदी वेटेज दिया जाता है या नहीं, क्या छात्र हर सेमेस्टर में आरएसी के सामने प्रेजेंटेंशन दे रहे हैं, थीसिस जमा करने के बाद परीक्षकों की गुणवत्ता और थीसिस पर विशेषज्ञों द्वारा प्रतिक्रिया आदि को शामिल किया जाता है।
यूजीसी ने पीएचडी गाइडलाइंस का पालन सुनिश्चित करने के लिए हर साल 10-10 यूनिवर्सिटी के बैच में विश्वविद्यालयों का मूल्यांकन करने की योजना बनाई है।
यदि स्थायी समिति को नियमों के उल्लंघन का पता चलता है, तो यूजीसी कारण बताओ नोटिस जारी करता है। विश्वविद्यालय अपील कर सकते हैं और समिति फिर से इस पर विचार करती है। इसके बाद भी यदि यह पुष्टि हो जाती है कि मानदंडों का उल्लंघन किया जा रहा है, तो समिति कार्रवाई की सिफारिश करती है और आयोग की ओर से उच्च शिक्षा संस्थानों के नाम सार्वजनिक किए जाते हैं।
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