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राजस्थान की इन 3 यूनिवर्सिटी में पीएचडी कोर्स पर रोक, UGC ने लिया बड़ा फैसला

यूजीसी ने एक बड़ा फैसला लेते हुए राजस्थान के तीन यूनिवर्सिटी में पीएचडी पाठ्यक्रम पर रोक लगा दी है। यूजीसी ने अकादमिक मानदंडों का उल्लंघन करने पर यह कदम उठाया है। छात्रों को सलाह दी गई है कि वे इन विश्वविद्यालयों से पीएचडी न करें, क्योंकि उनकी डिग्री को वैध नहीं माना जाएगा।

Subodh Kumar Mishra पीटीआई, नई दिल्लीThu, 16 Jan 2025 04:45 PM
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विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने एक बड़ा फैसला लेते हुए राजस्थान के तीन यूनिवर्सिटी में पीएचडी पाठ्यक्रम पर रोक लगा दी है। यूडीसी ने अकादमिक मानदंडों का उल्लंघन करने पर यह कदम उठाया है। छात्रों को सलाह दी गई है कि वे इन विश्वविद्यालयों से पीएचडी न करें, क्योंकि उनकी डिग्री को वैध नहीं माना जाएगा।

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने नियमों और अकादमिक मानदंडों का उल्लंघन करने पर राजस्थान में तीन विश्वविद्यालयों में अगले पांच वर्षों के लिए पीएचडी पाठ्यक्रम पेश करने से रोक दिया है। इन तीन विश्वविद्यालयों में ओपीजेएस विश्वविद्यालय (चूरू), सनराइज यूनिवर्सिटी (अलवर) और सिंघानिया यूनिवर्सिटी (झुंझुनू) शामिल हैं।

यूजीसी सचिव मनीष जोशी ने कहा कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की एक स्थायी समिति ने पाया है कि राजस्थान की इन विश्वविद्यालयों ने यूजीसी के पीएचडी नियमों के प्रावधानों और पीएचडी डिग्री प्रदान करने के लिए अकादमिक मानदंडों का भी पालन नहीं किया है। विश्वविद्यालयों को डिग्री की अखंडता से समझौता करते हुए पाया गया और उन्हें अगले पांच वर्षों के लिए नई पीएचडी में दाखिला लेने से रोक दिया गया है।

उन्होंने कहा कि भावी छात्रों और अभिभावकों को सलाह दी जाती है कि वे इन विश्वविद्यालयों द्वारा प्रस्तावित पीएचडी कार्यक्रम में प्रवेश न लें। क्योंकि, उच्च शिक्षा और रोजगार के उद्देश्य से उनकी डिग्री को मान्यता प्राप्त या वैध नहीं माना जाएगा।

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