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Phd डिग्री है तो UGC NET की आवश्यकता नहीं, यूजीसी ने बताए असिस्टेंट प्रोफेसर बनने के 3 रास्ते

  • अगर आपकी क्वालिफिकेशन पीएचडी डिग्री है तो यूजीसी नेट पास करने की आवश्यकता नहीं है। पीएचडी डिग्री जिस विषय में होगी, उसके आधार पर नियुक्ति होगी।

Pankaj Vijay लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीFri, 24 Jan 2025 06:15 PM
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Phd डिग्री है तो UGC NET की आवश्यकता नहीं, यूजीसी ने बताए असिस्टेंट प्रोफेसर बनने के 3 रास्ते

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने हाल ही में यूजीसी विनियम, 2025 (विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में शिक्षकों और शैक्षणिक कर्मचारियों की नियुक्ति और पदोन्नति के लिए न्यूनतम योग्यता और उच्च शिक्षा में मानकों के रखरखाव के लिए उपाय) का ड्राफ्ट जारी किया है जिसमें यूनिवर्सिटीज में शिक्षकों की भर्ती व प्रमोशन के नियम कायदे बताए गए हैं। यूजीसी ने इस ड्राफ्ट पर राय मांगी है। इसके बारे में बात करते हुए यूजीसी चेयरमैन एम जगदीश कुमार ने कहा कि रेगुलेशन में हमने विश्वविद्यालय व कॉलेजों में असिस्टेंट प्रोफेसर बनने के लिए तीन तरह की क्वालिफिकेशन का जिक्र किया है। पहली कैटेगरी है कि जिनके पास अंडर ग्रेजुएट डिग्री व पीएचडी है या फिर मास्टर डिग्री एवं पीएचडी है, उन्हें यूजीसी नेट की जरूरत नहीं है। अगर आपकी क्वालिफिकेशन पीएचडी डिग्री है तो यूजीसी नेट पास करने की आवश्यकता नहीं है। पीएचडी डिग्री जिस विषय में होगी, उसके आधार पर नियुक्ति होगी।

यूजीसी अध्यक्ष ने कहा, 'क्वालिफिकेशन की दूसरी कैटेगरी है कि जिन्होंने मास्टर डिग्री की है जैसे एमए, एमकॉम, एमबीए, एमएससी अलग अलग विषयों में, अगर ये लोग किसी विश्वविद्यालय या कॉलेज में पढ़ाना चाहते हैं तो उनके लिए यूजीसी नेट पास करना अनिवार्य है।

यूजीसी अध्यक्ष ने कहा कि अब हमने तीसरी कैटेगरी भी शुरू की है। बहुत सी यूनिवर्सिटी में स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग व स्कूल ऑफ टेक्नोलॉजी जैसे विभाग हैं, तो यहां पढ़ाने को लेकर इंजीनियरिंग फैकल्टी की भर्ती के लिए हमने कहा कि थर्ड कैटेगरी में वे प्रोफेशनल होंगे जिन्होंने इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी में मास्टर डिग्री हासिल की है, तो असिस्टेंट प्रोफेसर पद के लिए आवेदन के पात्र हो जाएंगे। इन्हें यूजीसी नेट पास करने की जरूरत नहीं है। इंजीनियरिंग और टेक्नोलॉजी विभागों में फैकल्टी पदों पर नियुक्तियों के लिए कम से कम 55 फीसदी अंकों (या समकक्ष ग्रेड) के साथ पीजी डिग्री (एनसीआरएफ लेवल 7; उदाहरण के लिए एमई, एमटेक) चाहिए।

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विश्वविद्यालयों में टीचर्स की प्रमोशन के नियमों को लेकर जगदीश कुमार ने कहा, 'नए ड्राफ्ट रेगुलेशन में हम शिक्षकों का क्वालिटेटिव असेसमेंट करेंगे। शिक्षक पब्लिकेशन कर सकते हैं, किताब लिख सकते हैं, किताब में चैप्टर लिख सकते हैं, पेटेंट्स को फाइल कर सकते हैं, इस पूरे एरिया का मूल्यांकन करेंगे।'

वाइस चांसलर नियुक्ति नियमों पर उठे विवाद पर उन्होंने कहा, 'हम चाहते है कि ऐसे लीडर्स की नियुक्ति हो जिनके पास विस्तृत और मल्टीडिसिप्लिनरी नॉलेज हो, जिनके पास पेचीदे सिस्टम को हैंडल करने की क्षमता हो।'

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