पुरानी दोस्ती रंग लाई! रूस की वजह से तेल के मोर्चे पर भारत को मिली बड़ी राहत
भारत को ब्रेंट क्रूड ऑयल की तुलना में रूस से 30% सस्ता कच्चा तेल मिल रहा है। मौजूदा समय में क्रूड ऑयल की कीमत 120 डाॅलर के आस-पास है यानी भारत को रूस 90 डाॅलर से कम की कीमत पर तेल बेच रहा है।
रूस और यूक्रेन युद्ध (Russia-Ukraine War) की वजह से कच्चे तेल की कीमतों लगातार उछाल देखने को मिल रही है। जिसकी वजह से एक बैरेल क्रूड ऑयल की कीमत 120 डाॅलर को क्राॅस कर गई है। कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों ने भारत की चिंताएं बढ़ा दी थी। लेकिन अब रूस की वजह से तेल के मोर्चे पर भारत सरकार को बड़ी राहत मिली है। बता दें, भारत रूस से तेल खरीदने वाला सबसे बड़ा देश बन गया है।
रूस से कितना सस्ता तेल भारत को मिल रहा है?
भारत को ब्रेंट क्रूड ऑयल की तुलना में रूस से 30% सस्ता कच्चा तेल मिल रहा है। मौजूदा समय में क्रूड ऑयल की कीमत 120 डाॅलर के आस-पास है यानी भारत को रूस 90 डाॅलर से कम की कीमत पर तेल बेच रहा है। बता दें, भारत पहले रूस यूक्रेन युद्ध की वजह से बने हालातों की वजह से भारत को यह छूट मिल रही है। मौजूदा समय में यूरोप ने रूस पर कई तरह के प्रतिबंध लगाए हैं।
एक दिन में रूस से कितना तेल खरीद रहा है भारत?
मई 2022 में भारत ने रूस से प्रतिदिन 8,40,645 बैरेल तेल का आयात प्रतिदिन करता था। लेकिन मई में यह बढ़कर एक मिलियन प्रति बैरेल तक पहुंचता हुआ दिखाई दे रहा है। अगर यही ट्रेंड बरकरार रहा तो भारत अपनी जरूरतों का 20% कच्चा तेल रूस से आयात करने लगेगा। जोकि रूस और यूक्रेन युद्ध के पहले महज 2% था।
समय की होगी भारी बचत
मंगलवार को रूस ने एक नए रास्ते से तेल भेजना शुरू किया है। यह रास्ता सेंट्स पीटर्सबर्ग से नहावा सेवा पोर्ट के बीच का है। स्वेज नहर की वजह से जो समय 10 सप्ताह तक लगता था वह नए रास्ते की वजह से घटकर 3 सप्ताह हो गया है। मौजूदा समय में चीन और भारत रूस से सबसे अधिक कच्चा तेल आयात कर रहा है।
रूस से सस्ता कच्चा तेल आयात करने का फायदा भारतीय रिफाइनरी कंपनियों को भी खूब हो रहा है। वे फिलहाल दुनिया में सबसे अधिक मुनाफा कमाने वाली रिफाइनरी बन गई हैं।
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