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न्यू टैक्स रिजीम के 8 फायदे, देखें इनकम टैक्स स्लैब से लेकर मानक कटौती तक की सारी डिटेल्स

  • Income Tax Slabs: आपको यह जानना बेहद जरूरी है कि न्यू टैक्स रिजीम बेहतर है या ओल्ड। आज हम आपको बताते हैं कि नई कर व्यवस्था के 8 फायदे, जिसे हमारे एकस्पर्ट्स सीए अजय बगड़िया, सीए संतोष मिश्रा और सीए अभिनंदन पांडेय ने बताया है।

Drigraj Madheshia नई दिल्ली, हिन्दुस्तान संवाददाताTue, 23 April 2024 10:01 AM
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Income Tax Slabs: अगर आप वित्त वर्ष (2023-24) यानी असेसमेंट ईयर 2024-25 के लिए आईटीआर फाइल करने जा रहे हैं तो आपको यह जानना बेहद जरूरी है कि न्यू टैक्स रिजीम बेहतर है या ओल्ड। आज हम आपको बताते हैं कि नई कर व्यवस्था के 8 फायदे, जिसे हमारे एकस्पर्ट्स सीए अजय बगड़िया, सीए संतोष मिश्रा और सीए अभिनंदन पांडेय ने बताया है।

नई कर व्यवस्था के 8 फायदे

1) लोअर टैक्स रेट्स

टैक्स पेयर्स को नई कर व्यवस्था में लो टैक्स रेट्स से लाभ हो सकता है। इसके परिणामस्वरूप कर देनदारी कम होगी और खर्च करने योग्य आय अधिक होगी।

सीए अजय बगड़िया ने बताया कि मोदी सरकार करदाताओं के लिए इसे और अधिक आकर्षक बनाकर न्यू टैक्स रिजीम पर जोर दे रही है। नई कर व्यवस्था करदाताओं को काफी कम टैक्स रेट प्रदान करती है।

2) सिम्पल टैक्स स्ट्रक्चर

नई कर व्यवस्था कम टैक्स रेट्स की पेशकश करके कर इस स्ट्रक्चर को बेहद आसान बना दिया है। नई कर व्यवस्था के तहत स्लैब्स इस प्रकार हैं।

3 लाख रुपये तक की आय पर कोई टैक्स नहीं।

3 लाख से 6 लाख रुपये के बीच की इनकम पर 5 फीसद टैक्स लगेगा (धारा 87ए के तहत कर छूट उपलब्ध है)

6 लाख से 9 लाख रुपये के बीच की आय पर 10 फीसद टैक्स लगेगा (7 लाख रुपये तक की आय पर धारा 87ए के तहत कर छूट उपलब्ध है)

9 लाख से 12 लाख रुपये के बीच आय पर 15 फीसद टैक्स लगेगा।

12 लाख से 15 लाख रुपये के बीच आय पर 20 प्रतिशत टैक्स का प्रावधान है।

15 लाख रुपये और उससे अधिक की आय पर 30 फीसदी टैक्स लगेगा.

3) कोई कर कटौती नहीं

नई व्यवस्था के तहत करदाताओं के लिए समय और प्रयास की बचत करने के उद्देश्य से टैक्स डिडक्शन को ट्रैक करने और दावा करने की आवश्यकता को खत्म कर दी गई है।

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सीए अभिनंदन पांडेय कहते हैं, " करदाताओं को खर्च और निवेश के लिए विवरण और साक्ष्य एकत्र करने और सबमिट करने की परेशानी भी नहीं है।"

4) मूल छूट सीमा यानी बेसिक एक्जंप्शन लिमिट

सीए संतोष मिश्रा कहते हैं, “बेसिक एक्जंप्शन लिमिट ₹2.5 लाख से बढ़ाकर ₹3 लाख कर दी गई है। यह बढ़ी हुई छूट सीमा न्यू टैक्स रिजीम को और अधिक आकर्षक बनाती है। ध्यान दें कि सबसे हाई टैक्स रेट यानी 30%, 15 लाख रुपये से अधिक की आय पर लगाई जाएगी।"

5) सरचार्ज रेट में बदलाव

नई कर व्यवस्था के लागू होने से सरचार्ज 37% से घटकर 25% हो गई है। यह 5 करोड़ रुपये से अधिक आय वाले व्यक्तियों के लिए लागू है। यह घटा हुआ सरचार्ज केवल उन करदाताओं के लिए मान्य है, जो नई कर व्यवस्था चुनते हैं और जिनकी आय ₹5 करोड़ से अधिक है।

 

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6) छूट सीमा में बदलाव

सीए अजय बगड़िया कहते हैं, "ओल्ड टैक्स रिजीम के तहत 5 लाख रुपये तक की आय के लिए लागू छूट सीमा 12,500 रुपये है। हालांकि, नई कर व्यवस्था के तहत यदि कर योग्य आय ₹7 लाख से कम या उसके बराबर है, तो यह छूट सीमा बढ़कर ₹25,000 हो गई है। ध्यान दें कि धारा 87ए छूट दोनों आयकर व्यवस्थाओं के तहत लागू है। फिर, बजट घोषणा ने न्यू टैक्स रिजीम के तहत टैक्सेबल लिमिट को ₹5 लाख से बढ़ाकर ₹7 लाख कर दिया गया।"

7) मानक कटौती

पुरानी और नई दोनों व्यवस्थाओं के तहत वेतनभोगी व्यक्तियों की मानक कटौती ₹50,000 है।

8) लीव इनकैशमेंट पर छूट

न्यू टैक्स रिजीम के तहत आपको लीव इनकैशमेंट पर छूट मिलेगी। सीए संतोष मिश्रा कहते हें, "बजट 2023 में, गैर-सरकारी कर्मचारियों के लिए लीव इनकैशमेंट की छूट सीमा 8 गुना यानी ₹3 लाख से बढ़ाकर ₹25 लाख कर दी गई थी। इसलिए सेवानिवृत्ति पर धारा 10(10AA) के अनुसार, ₹25 लाख तक की लीव इनकैशमेंट टैक्स फ्री है।"

नई व्यवस्था के तहत अन्य कटौतियां

पारिवारिक पेंशन इनकम से 15,000 रुपये या पेंशन का 1/3 (जो भी कम हो) की कटौती।

धारा 80CCH(2) के तहत अग्निवीर कॉर्पस फंड में भुगतान की गई या जमा की गई राशि की कटौती।

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