महिलाओं ने पति खोया, बच्चे हुए यतीम; सीवान की जहरीली शराब ने छपरा में मचाई तबाही
मंगलवार की रात से मौत के तांडव का जो सिलसिला शुरू हुआ वह लगातार जारी है। लगभग बीस लोगों की आंखों की रोशनी धुंधली पड़ गयी। सारण के इन इलाकों में मौत व आंखों की रोशनी धुंधली पड़ने की खबर के बाद सनसनी फैल गयी। जिला प्रशासन से लेकर पुलिस प्रशासन का रुख घटना स्थल की ओर हो गया।
सारण के पड़ोसी जिले सीवान के भगवानपुर हाट से लाई गयी शराब से दो दिनों के अंदर छपरा, सीवान और गोपागंज में कम से कम 39 लोगों की मौत हो गयी। इस जानलेवा शराब ने कई घरों को उजाड़ दिया। कई जिंदगियां तबाह हो गयीं। जिले के मशरक, पानापुर व मढौरा के न सिर्फ छह गांव प्रभावित हुए बल्कि कई घरों का रोजी-रोजगार छिन गया और चूल्हा जलने पर भी आफत आ गयी।
मंगलवार की रात से मौत के तांडव का जो सिलसिला शुरू हुआ वह लगातार जारी है। इस बीच लगभग बीस लोगों की आंखों की रोशनी धुंधली पड़ गयी। सारण के इन इलाकों में मौत व आंखों की रोशनी धुंधली पड़ने की खबर के बाद सनसनी फैल गयी। जिला प्रशासन से लेकर पुलिस प्रशासन का रुख घटना स्थल की ओर हो गया। छापेमारी के लिए आनन-फानन में टीमों का गठन होने लगा। गिरफ्तारी से लेकर शराब की बरामदगी के लिए अभियान शुरू हो गया पर मौतों का सिलसिला नहीं थमा। गुरुवार की सुबह से ही मरने वालों की संख्या बढ़नी शुरू हो गयी। मशरक में देखते-देखते छह लोगों की मौत हो गयी और यह संख्या अकेले मशरक में बढ़कर दस तक जा पहुंची। फिर पानापुर में दो व मढौरा में एक व्यक्ति की जान जाने के बाद उनके घरों में मातमी सन्नाटा पसर गया।
शराब कांड में सारण जिले के तीन प्रखंडों के छह गावों की 12 महिलाओं ने अपना पति खो दिया तो 21 मासूमों के सिर से पिता का साया उठ गया है। जहरीली शराब ने मशरक के दस, पानापुर के दो व मढौरा के एक परिवार को बेसहारा किया है। हर घर में चीख पुकार से गांव में मातमी सन्नाटा पसरा है। विधवा विलाप व मासूमों की चीत्कार से लोगों का कलेजा फट रहा है। सबसे दयनीय स्थिति मशरक के मृतक इस्लामुद्दीन व पानापुर के अनिल रावत की है।
मशरक के ब्राहिमपुर गांव में मौत के मुंह में समाए इस्लामुद्दीन का परिवार पूरी तरह टूट गया है। परिवार का एक मात्र कमाऊ सदस्य 35 वर्षीय इस्लामुदीन थे। जहरीली शराब का सेवन करते ही मौत की नींद सो गये। वह अपने पीछे एक हंसता-खेलता परिवार मुसीबत में छोड़ गये। मजदूरी कर बड़ी कठिनाई से अपने परिवार का भरण पोषण करने बाले इस्लामुदीन परिवार के काफी विरोध के बावजूद कभी कभार संगत में नशा करते थे। उसकी मौत की सूचना मिलते ही उसके घर में मातम छा गया। पत्नी तबस्सुम परवीन को अपने दो पुत्र अमन और आरिफ की परवरिश की चिंता ज्यादा सता रही थी।
सारण के मशरक जहरीली शराब कांड में एक के बाद एक की मौत की खबर आती रही। इसके साथ ही मृतक के परिजनों के घर मातमी सन्नाटा पसरता चला गया। शराब कांड के दूसरे दिन गुरुवार को भी कई लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा। इसके बाद उनके घर व अरमान बिखरते चले गए। मृतक के परिजनों को सहसा विश्वास ही नहीं हो रहा था कि कल तक जिनके मजबूत कंधे पर घर परिवार की गाड़ी चलाने की जिम्मेवारी थी, आज वह इस दुनिया में नहीं रहे। छोटे-छोटे बच्चे आसमान की तरफ निहार रहे थे और ईश्वर को कोस भी रहे थे कि आखिर किस गलती का खामियाजा उन्हें उठाना पड़ रहा है। किसी के सर से पिता का साया तो किसी के सर से चाचा का साया और असमय उठ गया। मशरक के ब्राहिमपुर, पिलखी व कैया टोला में दूसरे दिन भी चूल्हे नहीं जले और रुदन- क्रंदन का माहौल देखने को मिला। महिलाओं की चीत्कार से कई गांव का माहौल गमगीन था। जब नदी तट व श्मशान घाट पर एक साथ कई शव जलाए जा रहे थे तो सबकी आंखें नम थीं।
पचास का पाउच और दो सौ की मछली ने उजाड़ी दुनिया
मशरक के ब्राहिमपुर के रहने वाले शमशाद व इस्लामुद्दीन को भी पता नहीं था कि पचास रुपये के पाउच व 200 रुपये की मछली की पार्टी उसकी पूरी दुनिया ही उजाड़ देगी। मजदूरी कर अपने परिवार का भरण-पोषण करने वाले इस्लामुद्दीन के जाने के बाद उसके परिवार पर क्या गुजरेगी, वह सबकुछ मौज-मस्ती में ही भूल गया। इतना ही नहीं, उसका चचेरा भाई शमशाद भी उसी मनोरंजन में तल्लीन था। उसके परिवार पर भरण-पोषण का संकट छा गया है।
उत्पाद सचिव व डीएम ने की परिजनों से पूछताछ
उत्पाद विभाग के सचिव विनोद सिंह गुंजियाल और सारण के डीएम अमन समीर गुरुवार को मशरक के ब्राहिमपुर गांव पहुंचे। मृतकों के परिजनों से मिलकर जानकारी ली और सहायता का आश्वासन दिया। इस दौरान दोनों अफसरों ने शराब से होने वाले नुकसान के बारे में बताकर ग्रामीणों को भी जागरूक किया। सचिव विनोद सिंह गुंजियाल ने शराब कांड के बारे में ब्राहिमपुर गांव में मौजूद कुछ ग्रामीणों से बातचीत कर अहम जानकारी हासिल करने की भी कोशिश की।