विमेंस डे पर महिलाओं को बड़ी जिम्मेदारी मिली, ये चार पावर ग्रिड नारी शक्ति के जिम्मे
- ऊर्जा और योजना एवं विकास मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के महिला सशक्तीकरण के संकल्प का ही परिणाम है कि आज राज्य में विकास पताका महिलाओं के हाथ में है।

बिजली का क्षेत्र महिलाओं के लिए मुश्किल क्षेत्र माना जाता रहा है। अमूमन महिलाएं इस क्षेत्र में आने से गुरेज करती रही हैं, लेकिन पिछले कुछ वर्षों से महिलाएं इस क्षेत्र में अपनी मजबूत पहचान बनाने में सफल रही हैं। वे सिर्फ दफ्तरों में ही बैठकर काम नहीं कर रही हैं, बल्कि फील्ड में भी अपनी प्रभावशाली उपस्थिति दर्ज करा रही हैं। राज्य के चार ग्रिडों का संचालन महिलाएं कर रही हैं। बिलिंग काउंटर से लेकर बिजली कंपनी के अन्य महत्वपूर्ण कार्यों को भी महिलाएं बखूबी अंजाम दे रही हैं।
ऊर्जा और योजना एवं विकास मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के महिला सशक्तीकरण के संकल्प का ही परिणाम है कि आज राज्य में विकास पताका महिलाओं के हाथ में है। हर क्षेत्र में वे बुलंद मुकाम हासिल कर रही हैं। पूरे आत्मविश्वास से खुद के साथ-साथ वे राज्य और देश का भविष्य गढ़ रही हैं। चाहे बिजली के उत्पादन का क्षेत्र हो या फिर संचरण-वितरण का, महिलाएं बिजली से जुड़ी सभी क्षेत्रों में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज करा रही हैं। प्रबंधन, सूचना प्रौद्योगिकी, संग्रहण, सुरक्षा के क्षेत्र में भी उनकी दमदार मौजूदगी दृष्टिगोचर हो रही है। पटना का करबिगहिया ग्रिड ऊर्जा क्षेत्र में महिलाओं की कुशलता और समर्पण की कहानी बयां कर रही है। यह ग्रिड पूरी तरह महिलाओं की कार्यकुशलता को समर्पित है। इस ग्रिड को पूरी तरह से महिलाओं ने ही संभाल रखा है। इसका सफल संचालन महिला शक्ति के माध्यम से किया जा रहा है।
करबिगहिया ग्रिड सब-स्टेशन, दीघा ग्रिड सब-स्टेशन का संचालन भी कर रहीं महिला कर्मचारी-अधिकारी
करबिगहिया ग्रिड सब-स्टेशन, दीघा ग्रिड सब-स्टेशन का संचालन भी महिलाकर्मी ही कर रही हैं। पिछले वर्ष महिला दिवस से तीन अन्य ग्रिड चंदौती, सबौर और दीघा को महिलाएं ही संचालन कर रही हैं। महिलाएं सिर्फ ग्रिड ही नहीं संभाल रही, बल्कि किसी भी ग्रिड स्टेशन में आने वाली खराबियों की पड़ताल के लिए बनाई गई सेंट्रल रिले एंड इंस्ट्रूमेंट लेबोरेटरी में अपनी प्रभावशाली उपस्थिति दर्ज करा रही हैं। स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर (एसएलडीसी) में भी रात-रात भर जागकर वे काम कर रही हैं।
विगत वित्तीय वर्ष 2023-24 में दोनों वितरण कंपनियों की तरफ से 15 हजार 109 करोड़ का संग्रहण हुआ था। इस कार्य में पुरुषों के साथ-साथ महिला कर्मचारी भी सक्रिय थीं। स्मार्ट प्रीपेड मीटर के इंस्टॉलेशन में भी महिला कर्मचारियों की महत्वपूर्ण भूमिका है। स्काडा सेंटर में महिलाकर्मी तीनों शिफ्टों में काम कर रही हैं।
महिलाओं के लिए क्रेच की व्यवस्था की गई है। कार्यस्थल पर उनकी थकान दूर करने के लिए ह्यविथिकाह्ण की स्थापना की गई है, जहां वे आराम कर सकती हैं। उनके लिए खासतौर पर खेलों का आयोजन किया जाता है। आर्ट गैलरी और लाइब्रेरी की भी व्यवस्था की गई है। ड्यूटी के दौरान महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ह्यप्रिवेंशन ऑफ सेक्सुअल हरासमेंट ऑफ वुमेनह्ण नामक विशेष समिति गठित की गई है। महिलाओं के मान-सम्मान और सुरक्षा की जिम्मेदारी इस समिति पर है।