11 साल के बजट में क्या मिला? बिहार के साथ सौतेला बर्ताव हुआ; तेजस्वी ने मोदी सरकार को फिर घेरा
बजट 2025 में बिहार के लिए की गई घोषणाओं को जुमलेबाजी बताते हुए नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा बीते 11 साल के बजट में बिहार को क्या मिला। सबकुछ गुजरात को दे दिया। एक बार फिर से सौतेला बर्ताव हुआ है।
केंद्रीय बजट में बिहार के लिए की गईं घोषणाओं को नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने जुमलेबाजी बताया है। एक बार फिर से मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि एनडीए सरकार का ये 12वां बजट है, लेकिन इससे पहले जो 11 बजट पेश हुए, उसमें बिहार को क्या मिला है। सब कुछ तो गुजरात को दिया है। आप आंकड़े उठाकर देख सकते हैं। दूध का दूध, पानी का पानी हो जाएगा। बिहार के साथ एक बार फिर से सौतेला बर्ताव हुआ है। पिछले बजट में विशेष राज्य के दर्जे के लिए लगभग घोषणा हो गई थी, 60 हजार करोड़ कहां है। क्या हिसाब है, मिला तो, क्या मिला? कहां खर्च हुआ। इसका हिसाब-किताब तो बताना चाहिए
तेजस्वी यादव ने कहा राज्य की कानून व्यवस्था को लेकर सीएम नीतीश पर निशाना साधा। उन्होने कहा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार पूरी तरह विफल हो चुकी है। बिहार में कानून-व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं बची है। हम पुलिस अधिकारियों को यह याद दिलाना चाहते हैं कि वे संविधान की शपथ लेकर काम करते हैं, न कि किसी विशेष विचारधारा या संगठन की मानसिकता के तहत। वे जनता के सेवक हैं और जनता के पैसों से उनका वेतन चलता है, लेकिन इसके बावजूद वे निर्दोष लोगों पर अत्याचार कर रहे हैं।
दरअसल आज तेजस्वी मधुबनी के बेनीपट्टी पहुंचे हैं। जहां दर्दनाक घटना घटी है। डीएसपी और अन्य पुलिसकर्मियों ने अल्पसंख्यक व्यक्ति की बेरहमी से पिटाई की, वह भी बिना किसी वजह के। इसी कारण हम पीड़ित परिवार से मिलने जा रहे हैं। बेनीपट्टी में यह कोई पहली घटना नहीं है। इससे पहले भी कई गंभीर वारदातें हो चुकी हैं। तेजस्वी ने कहा कि, थानों और ब्लॉकों में भ्रष्टाचार चरम पर है। पुलिस की इस मानसिकता की कड़ी निंदा होनी चाहिए। अगर कोई भी मुस्लिम भाइयों को निशाना बनाएगा, तो हम उसके खिलाफ हर संभव तरीके से लड़ाई लड़ेंगे।
उन्होंने कहा कि, दरभंगा और मधुबनी में जेडीयू-बीजेपी के 20 सीटें हैं, और ऐसा प्रतीत होता है कि एनडीए के नेताओं और प्रशासन ने पुलिस व्यवस्था को अपने नियंत्रण में ले लिया है। अगर इसी तरह की मानसिकता पुलिस में फैलाई जाएगी, तो इसकी केवल निंदा करना पर्याप्त नहीं होगा। सत्ता में रहें या विपक्ष में, अगर किसी के साथ अन्याय होगा, तो तेजस्वी यादव हमेशा उसके लिए लड़ेंगे।