भ्रष्ट पूर्व फूड इंस्पेक्टर पर निगरानी कोर्ट का शिकंजा, 52.80 लाख की संपत्ति जब्त होगी; 30 दिनों की मोहलत
- विशेष अदालत ने डीएम को निर्देश दिया कि इस फैसले के तहत प्रतिवादियों द्वारा उक्त अवैध चल व अचल संपत्ति को 30 दिनों के भीतर नही सौंपते है तो उनकी वह संपत्ति सरकार के पक्ष में जब्त कर लें।
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निगरानी कोर्ट के विशेष न्यायाधीश ब्रजेश कुमार पाठक ने गुरुवार को पटना डीविजन के पूर्व खाद्य निरीक्षक और उसके परिवार के नाम पर अर्जित 52 लाख 80 हजार 333 रुपए अवैध अचल संपत्ति को सरकार के पक्ष में जब्त करने का फैसला दिया है। आदेश में दोषी को 30 दिनों की मोहलत दी गयी है। कोर्ट के फैसले से सरकार को एक भ्रष्ट लोकसेवक के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करने में सफलता मिली है।
विशेष अदालत ने डीएम को निर्देश दिया कि इस फैसले के तहत प्रतिवादियों द्वारा उक्त अवैध चल व अचल संपत्ति को 30 दिनों के भीतर नही सौंपते है तो उनकी वह संपत्ति सरकार के पक्ष में जब्त कर लें। विशेष लोक अभियोजक राजेश कुमार ने बताया कि पटना डिविजन के तत्कालीन खाद्य आपूर्ति निरीक्षक सुरेन्द्र कुमार पर निगरानी अन्वेष्ण ब्यूरो ने वर्ष 2013 में आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का एक मामला दर्ज किया था। निगरानी विभाग की छानबीन में आरोप को सच पाया गया।
निगरानी ब्यूरो ने दर्ज मामले के अनुसंधान के बाद पाया कि आरोपित सुरेन्द्र कुमार ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए भ्रष्ट तरीके से 1 करोड़ 2 लाख 6 हजार की अवैध चल व अचल संपत्ति अपने और परिवार के नाम पर अर्जित की है। इसको सरकार के पक्ष में जब्त करने के लिए निगरानी की ओर से पटना के निगरानी की विशेष अदालत में एक केस 2017 में दायर किया था। लंबी सुनवाई के बाद कोर्ट ने यह फैसला सुनाया है। इस कार्रवाई से निगरानी की कार्रवाई झेल रहे सरकारी सेवकों में हड़कंप मच गया है।