लैंड फॉर जॉब में फंसे आरके महाजन, लालू यादव के समय रेल मंत्रालय में बड़े अफसर थे
आरके महाजन के खिलाफ लैंड फॉर जॉब घोटाले में केस चलाने की मंजूरी मिल गई है। लालू यादव के रेल मंत्री रहते हुए महाजन रेलवे में बड़े अफसर थे। कथित तौर पर उसी समय नौकरी के बदले जमीन घोटाला हुआ था।
रेलवे में जमीन के बदले नौकरी देने के मामले (लैंड फॉर जॉब घोटाला) में बिहार कैडर के रिटायर्ड आईएएस आरके महाजन की मुश्किलें बढ़ गई हैं। आरके महाजन (रजनीश कुमार महाजन) समेत दो अफसरों के खिलाफ केस चलाने की मंजूरी दे दी गई है। सीबीआई ने गुरुवार को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में इस संबंध में जानकारी दी। 1987 बैच के आईएएस रहे महाजन राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के सुप्रीमो लालू यादव के रेल मंत्री रहते रेलवे में बड़े पद पर थे। इसके अलावा वे बिहार सरकार में भी कई अहम पदों पर रहे।
बिहार में महागठबंधन की सरकार के दौरान जब तेज प्रताप यादव स्वास्थ्य मंत्री बनाए गए, तब आरके महाजन को इस विभाग का प्रधान सचिव बनाया गया था। आरके महाजन मूलरूप से हिमाचल प्रदेश के रहने वाले हैं। लालू यादव यूपीए सरकार में 2004-2009 के बीच जब रेल मंत्री थे, तब महाजन उनके करीबी अधिकारी थे। उस समय आरके महाजन को रेलवे के लोक शिकायत विभाग का कार्यकारी निदेशक नियुक्त किया गया था।
आरके महाजन 31 अगस्त 2020 को भारतीय प्रशासनिक सेवा से रिटायर हुए। रिटायरमेंट के बाद राज्य सरकार ने उन्हें बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) का चेयरमैन भी बनाया। रिटायरमेंट से ठीक पहले उन्होंने सबसे अहम विभागों में से एक शिक्षा विभाग में अपर मुख्य सचिव के रूप में सेवा दी थी।
राउज एवेन्यू कोर्ट में गुरुवार को लैंड फॉर जॉब केस में सीबीआई द्वारा दाखिल की गई अंतिम चार्जशीट पर सुनवाई की गई। विशेष लोक अभियोजक डीपी सिंह ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में सीबीआई का पक्ष रखा। मामले की अगली सुनवाई 7 फरवरी को होगी। स्पेशल सीबीआई जज विशाल गोगने ने जांच एजेंसी द्वारा आरके महाजन के खिलाफ केस चलाने की स्वीकृति की रिकॉर्ड में दर्ज किया गया।
बता दें कि 7 जून 2024 को सीबीआई ने लैंड फॉर जॉब केस में पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव समेत 77 अन्य आरोपियों के खिलाफ फाइनल चार्जशीट दायर की थी। आरोप है कि लालू के रेल मंत्री रहते नियमों को ताक पर रखकर कई लोगों को रेलवे में नौकरी दी गई थी। इसके बदले में लालू परिवार के सदस्यों के नाम पर बेशकीमती जमीनें लिखवाई गई थीं।
सीबीआई की चार्जशीट में 38 आरोपी वे भी हैं, जो उस दौरान रेलवे की नौकरी पाए थे। इसके अलावा लालू परिवार के पांच सदस्य राबड़ी देवी, तेजस्वी प्रसाद यादव, मीसा भारती और हेमा यादव का नाम भी चार्जशीट में है। सभी फिलहाल जमानत पर हैं। इसके अलावा, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भी इस केस में मनी लॉन्ड्रिंग के पहलू की जांच कर रहा है।