वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेसवे का बिहार में काम शुरू, 120 की रफ्तार से दौड़ेंगी गाड़ियां
वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेसवे बिहार के चार जिलों से होकर गुजरेगा। कैमूर जिले में इसका निर्माण कार्य शुरू हो गया है। इस एक्सप्रेसवे पर गाड़ियां 120 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ सकेंगी।
उत्तर प्रदेश के वाराणसी से पश्चिम बंगाल के कोलकाता के बीच प्रस्तावित एक्सप्रेसवे का बिहार में काम शुरू हो गया है। कैमूर जिले में इस वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेसवे निर्माण के लिए पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग से फॉरेस्ट क्लीयरेंस मिल गया है। भारतमाला परियोजना के तहत बन रहे इस एक्सप्रेसवे का काम कैमूर जिले में शुरू कर दिया गया है। अन्य जिलों में भी अगले महीने काम शुरू होने की संभावना है।
पथ निर्माण विभाग के अनुसार पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय से इस प्रोजेक्ट के लिए 1.5065 हेक्टेयर वन भूमि के उपयोग के प्रस्ताव पर प्रारंभिक सैद्वांतिक स्वीकृति मिल गई है। साथ ही कैमूर जिले में पथ निर्माण विभाग ने भू-अर्जन की जरूरी प्रक्रिया भी पूरी कर ली है। वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेसवे बिहार के चार जिलों कैमूर, रोहतास, गया और औरंगाबाद से गुजरेगा। बिहार में इसकी लंबाई 161 किलोमीटर होगी।
120 की स्पीड से दौड़ेंगी गाड़ियां
वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेसवे की लंबाई कैमूर में 51.4 किलोमीटर, रोहतास में 35.5 किलोमीटर, औरंगाबाद में 39.3 किलोमीटर और गया में 35.4 किलोमीटर होगी। इसका निर्माण बिहार में कुल सात पैकेजों में किया जाना है। इनमें लगभग 5507 करोड़ की अनुमानित लागत से पांच पैकेजों में संवेदक का चयन कर कार्य आवंटित किया जा चुका है। इस एक्सप्रेसवे पर 120 किलोमीटर प्रतिघंटे की गति से वाहन का परिचालन हो सकेगा। शेष तीन जिले रोहतास, गया और औरंगाबाद के लिए आवश्यक भू अधिग्रहण एवं फॉरेस्ट क्लीयरेंस इस वर्ष दिसंबर तक पूरी होने की संभावना है।