गुरुजी के ट्रांसफर की निकल गई तारीख; आवेदन कब से, कितने विकल्प? ACS ने सब बताया
डॉ. सिद्धार्थ ने कहा कि अगले सप्ताह वेबसाइट लांच होगी। इसमें संबंधित शिक्षक निर्धारित प्रक्रिया के तहत आवेदन करेंगे। पदस्थापन के लिए नियमानुसार दस विकल्प देंगे। इसके बाद तय फॉर्मूला पर उनका तबादला होगा। इसमें कोई पीक एंड चूज नहीं होगा।
बिहार के सरकारी विद्यालयों के शिक्षकों का सर्दियों की छुट्टी के पहले तबादला हो जाएगा। इन्हें दिसंबर के अंत तक नये विद्यालय आवंटित हो जाएंगे। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ ने शनिवार को यह जानकारी दी। वे विभाग के वीडियो संवाद कार्यक्रम में लोगों से रूबरू थे। इस दौरान अपर मुख्य सचिव ने स्कूल, विद्यार्थी और शिक्षकों के तमाम मसलों पर खुलकर बातें कीं। उन्होंने कहा कि सरकार विद्यालयों के इन्फ्रास्ट्रक्चर, बुनियादी सुविधाओं, बच्चों की पढ़ाई और शिक्षकों को बेहतर माहौल देने के लिए बेहद गंभीर है।
डॉ. सिद्धार्थ ने कहा कि अगले सप्ताह वेबसाइट लांच होगी। इसमें संबंधित शिक्षक निर्धारित प्रक्रिया के तहत आवेदन करेंगे। पदस्थापन के लिए नियमानुसार दस विकल्प देंगे। इसके बाद तय फॉर्मूला पर उनका तबादला होगा। इसमें कोई पीक एंड चूज नहीं होगा। सारा कुछ निर्धारित प्रक्रिया के आधार पर ही क्रियान्वित होगा। कोई शिक्षक घबड़ायें नहीं। निश्चिंत रहें। दिसंबर के अंत तक सभी शिक्षकों के तबादले की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। ताकि वे नये साल में नये स्कूल में अपना योगदान दे सकें। इसके पहले सर्दियों की छुट्टी में नये स्थान पर सुविधाजनक ढंग से पहुंच भी सकें। सारा कुछ निर्धारित प्रक्रिया के तहत होगा, इसलिए इधर-उधर की बातों पर शिक्षक कोई ध्यान न दें।
अपर मुख्य सचिव ने कहा कि विद्यालयों की रैंकिंग भी की जाएगी। उन्हें ए से डी तक की कैटेगरी मिलेगी। इससे विद्यालयों में बेहतर करने की प्रवृत्ति बढ़ेगी। इससे विद्यालय और बेहतर होंगे। उन्होंने बच्चों के कौशल विकास पर पूरा ध्यान देने की भी बात की। भविष्य में शिक्षकों या लोगों के हर महत्वपूर्ण सवालों का जवाब विभागीय चैनल पर दिया जाएगा। हर शनिवार को इसका आयोजन होगा।
जून तक विद्यालयों की बुनियादी सुविधाएं दुरुस्त होंगी
डॉ. सिद्धार्थ ने बताया कि अगले साल जून तक सभी विद्यालयों की बुनियादी सुविधाओं पर काम पूरा कर लिया जाएगा। खासकर समरसेबुल पंप लगाने, शौचालयों का निर्माण करने और उपष्कर की जरूरतें पूरी होंगी। इसके लिए जिलों में काम हो रहा है। सभी जिलाधिकारी युद्धस्तर पर अपने-अपने क्षेत्रों के विद्यालयों की जरूरतों का आकलन कर रहे हैं।
तय फॉर्मूला के आधार पर होगा स्थानांतरण
डॉ. सिद्धार्थ ने बताया कि सरकार हर शिक्षक और हर बच्चे की ट्रैकिंग करेगी। उनका पूरा लेखा-जोखा रखा जाएगा। शिक्षकों के ई-सेवा पुस्तिका की व्यवस्था की जा रही है। इसमें उनके तबादले का पूरा ब्योरा रहेगा। साथ ही उनके कार्यों की भी जानकारी होगी। हमारे पास हर विद्यालय, हर शिक्षक और बच्चे की जानकारी मौजूद रहेगी। विभाग के पास यह रिकार्ड भी होगा कि किस शिक्षक ने किस बच्चे को पढ़ाया, कब पढ़ाया? यही नहीं यह जानकारी भी रहेगी कि कौन सा बच्चा कब-कहां पढ़ा? पहली से 12 वीं तक बच्चे ने किस स्कूल में पढ़ाई की, किस शिक्षक से पढ़े, सारी जानकारी उपलब्ध रहेगी। हमारे पास पूरा डाटा मौजूद रहेगा, जिसका उपयोग जरूरत के हिसाब होगा।
सभी स्कूलों में वर्ग टॉपर निर्धारित करने पर विचार
डॉ. सिद्धार्थ ने बताया कि हम तो चाहते हैं कि प्रत्येक विद्यालय में हर परीक्षा के वर्ग टॉपरों का नाम घोषित किया जाए। कौन पहला, दूसरा, तीसरा स्थान पर रहा। या फिर किस बच्चे का स्थान क्या रहा? इसी तरह विभाग ने हर माह, हर प्रखंड से एक-एक शिक्षक को पुरस्कृत करने की योजना बनायी है। इसके तहत हर माह 534 शिक्षकों को पुरस्कार मिलेगा।
शिक्षकों के हर साल प्रशिक्षण की तैयारी
अपर मुख्य सचिव ने बताया कि शिक्षक बेहतर ढंग से बच्चों को पढ़ा सकें, इसको लेकर भी कार्ययोजना बनायी गयी है। इसके तहत सारे शिक्षकों को हर साल प्रशिक्षण देने की योजना है। यह प्रशिक्षण उनके जिलों में ही दी जाएगी। इसके लिए शिक्षकों की जरूरतों का आकलन भी किया जाएगा। उन्हें किस तरह के प्रशिक्षण की आवश्यकता है, कैसे वे बेहतर कर सकते हैं।