बदल गई बिहार के सरकारी स्कूलों की टाइमिंग, ACS एस सिद्धार्थ का निर्देश जारी; नया टाइम-टेबल जानें
बिहार शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव(एसीएस) डॉ एस सिद्धार्थ के आदेश पर अब सरकारी स्कूलों में पठन पाठन का काम सुब 9.30 बजे से शुरू होगा और शाम चार बजे समाप्त हो जाएगा। ताजा निर्देश जारी होने से पहले स्कूलों का संचालन प्रातः नौ बजे से संध्या साढ़े चार बजे तक होता था।
बिहार में मौसम का मिजाज बदल रहा है। धीरे धीरे सर्दी अपना असर दिखा रही है। इसे देखते हुए राज्य के सरकारी स्कूलों की टाइमिंग में फिर से बदलाव किया गया है। बिहार शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव(एसीएस) डॉ एस सिद्धार्थ के आदेश पर अब सरकारी स्कूलों में पठन पाठन का काम सुब 9.30 बजे से शुरू होगा और शाम चार बजे समाप्त हो जाएगा। ताजा निर्देश जारी होने से पहले स्कूलों का संचालन प्रातः नौ बजे से संध्या साढ़े चार बजे तक होता था।
टाइम टेबल में बदलाव से उन महिला शिक्षकों को बड़ी राहत मिली है जो दूर दराज जाकर ड्यूटी करती थीं। शाम को साढ़े चार बजे छुट्टी होने के बाद अंधेरे में घर लौटने में उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ता था। शिक्षा विभाग की ओर जारी पत्र के अनुसार स्कूल अब साढ़े नौ बजे शुरू होंगे। दस बजे से पहला क्लास शुरू होगा। इससे पहले साढ़े नौ से दस बजे के बीच प्रार्थना के साथ बच्चों का गेटअप, पोषाक, नाखून, बाल आदि की जांच की जाएगी। असेंबली में सामान्य ज्ञान, समाचार वाचन एवं अन्य परिचर्चा होगी। इसमें लाउड स्पीकर उपयोग अनिवार्य होगा। दोपहर बारह बजे तक पढ़ाई होगी और 12 बजकर 40 मिनट तक लंच का समय होगा।
शिक्षा विभाग के निदेशक योगेंद्र सिंह की ओर से जारी पत्र के अनुसार स्कूल में खेल-कूद, गीत-संगीत, नृत्य, पेंटिंग की 1 घंटी निर्धारित की जाएगीगा जिसमें बच्चों ये सारी गतिविधियां संपन्न कराई जाएंगी। यदि स्कूल में सेंटअप की परीक्षा ली जा रही है तो अन्य कक्षाओं को स्थगित नहीं किया जा सकता। स्कूल में पठन-पाठन जारी रहेगा। पत्र में कहा गया है कि शनिवार को विद्यालय में पूरे दिन विभिन्न प्रकार की सृजनात्मक गतिविधियां कराई जाएगी। पहली से आठवीं कक्षा तक बैगलेस शनिवार का आयोजन होगा। मध्यान भोजन के बाद बाल संसद, खेलकूद और अन्य गतिविधियां होंगी। इस दिन बच्चों द्वारा निर्मित सामग्रियों और उनकी गतिविधियों का प्रदर्शन किया जाएगा।
शिक्षा विभाग की ओर से कहा गया है कि जो बच्चे पढ़ाई में कमजोर हों उन्हें शिक्षक आगे की पंक्तियों में बैठा कर विशेष रूप से उन पर ध्यान देंगे। शिक्षकों की उपलब्धता के आधार पर प्रधानाध्यापक रूटीन बनाना सुनिश्चित करेंगे। रूटीन के अनुपालन की जिम्मेदारी प्रधानाध्यापक की होगी। छात्र-छात्राओं को होमवर्क देना और अगले दिन उसकी जांच करना शिक्षकों का अनिवार्य दायित्व होगा। प्रतिदिन स्कूल परिसर की सफाई के साथ रसोई घर और शौचालय इत्यादि का निरीक्षण का साफ सफाई दुरुस्त करना प्रधानाध्यापक की जिम्मेदारी होगी।