क्लीनिक छोड़ भागने लगे डॉक्टर और नर्स, परिजनों ने अंदर देखा तो... फिर मच गया बवाल
महिला के प्रसव के लिए भर्ती कराया गया था। प्रसव के दौरान बेहोशी की हालत में बच्चा और जच्चा की मौत हो गई। अचानक डॉक्टर और अन्य कर्मी क्लीनिक छोड़कर भाग निकले।

बिहार के बेतिया में एक निजी नर्सिंग होम में जच्चा-बच्चा की मौत हो गयी है। जच्चा-बच्चा की मौत होते ही उक्त क्लीनिक के चिकित्सक और अन्य कर्मी फरार हो गये। जब परिजनों को शक हुआ कि आखिर क्यों डॉक्टर और कर्मी क्लीनिक छोड़कर भाग रहें तब परिजनों ने जाकर देखा तो प्रसूति महिला की मौत हो गयी थी। मृत महिला मैनाटाड़ थाना क्षेत्र के गौरीपुर सुखलही निवासी संजय मांझी की पत्नी प्रेम शिला देवी है।
घटना रविवार की रात दस बजे मैनाटांड प्रखंड के एक नर्सिंग होम की है। परिजनों ने मामले की जानकारी स्थानीय थाना को दिया। सूचना मिलते ही मैनाटाड़ थानाध्यक्ष राणा प्रसाद ने दरोगा अमित कुमार पाल और दरोगा रंजीत राम को मौके पर भेजा। थानाध्यक्ष ने बताया कि शव का पंचनामा बनाकर पोस्टमार्टम में भेज दिया गया है। परिजनों के द्वारा आवेदन मिलते ही प्राथमिकी दर्ज अग्रेत्तर कार्रवाई की जायेगी। फिलहाल चिकित्सक और कर्मी फरार है।
थानाध्यक्ष ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग से समन्वय बनाकर फर्जी नर्सिंग होम पर कारवाई की जायेगी ताकि किसी मरीज की जान न जा सके। मिली जानकारी के अनुसार गौरीपुर सुखलही निवासी संजय मांझी अपनी पत्नी प्रेमशिला देवी को प्रसव के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में रविवार को सुबह में बजे भर्ती कराया था। डॉक्टर ने उसकी स्थिति देखते हुए बेतिया के लिए रेफर कर दिया। तब संजय मांझी जीएमसीएच नहीं जाकर प्रखंड मुख्यालय स्थित एक निजी नर्सिंग होम में अपनी पत्नी को भर्ती करा दिया।
सुबह के दस बजे से भर्ती प्रसूति महिला के बारे में संजय मांझी के द्वारा बार-बार पूछने के बाद भी आश्वासन दिया गया कि सुरक्षित प्रसव करा लिया जायेगा। संजय मांझी ने बताया कि रात नौ बजे के बाद एक-एक करके जब डॉक्टर और नर्स क्लीनिक छोड़कर भागने लगे तो हमें और हमारे परिजनों को कुछ अनहोनी की शंका हुई। जिस रूम में मेरी पत्नी को प्रसव के लिए रखा गया था उसकी कुंडी अंदर से बंद थी। खोलकर देखा तो पत्नी मृत पड़ी हुई थी। शक है कि मरीज को बेहोश करने के दौरान ही मौत हो गयी है। हम लोग जब तक पुलिस को सूचना देते तब तक सभी चिकित्सा और कमी क्लीनिक छोड़कर भाग गये थे।
संजय ने बताया कि वह विकापार्जन के लिए जम्मू में रहता है। एक महीना पहले अपनी पत्नी का सुरक्षित प्रसव के लिए घर आया हुआ था। उल्लेखनीय है कि प्रखंड मुख्यालय स्थित नर्सिंग होम में प्रसूति महिलाओं की मौत कोई नई बात नहीं है। कई बार मैनाटाड़ थाने में प्राथमिक दर्ज भी कराई गई। लेकिन इसका कोई असर नहीं है। सूदूर देहात की बात छोड़िये प्रखंड मुख्यालय में ही बेखौफ निजी नर्सिंग होम चलाये जाते हैं। जिसका परिणाम है कि अक्सर प्रसूति महिलाओं की मौत हो जाती है।