तेजस्वी ने समझाया 'नीतीश' का अर्थ, बोले- मस्ती करते हैं चाचा; चिराग को बिहार CM से किया सचेत
बिहार सीएम पर चुटकी लेते हुए तेजस्वी ने कहा कि 'नीतीश' शब्द का अर्थ होता है नीति के ईश यानि नीति के देवता। लेकिन चाचा बार बार पलटी मारते रहते हैं और जब भी नरेंद्र मोदी आते हैं या कोई कार्यक्रम में जाते हैं तो यही कहते हैं कि अब आगे यह गलती नहीं करेंगे।
बिहार के नेता प्रतिपक्ष सह लालू यादव की पार्टी आरजेडी के लीडर तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जोरदार हमला किया है। एक निजी चैनल के कार्यक्रम में तेजस्वी यादव ने नीतीश शब्द की व्याख्या करते हुए सीएम पर तंज कसा। उन्होंने कहा कि गलती नहीं करने की बात बार बार कहकर चाचा मस्ती करते हैं। तेजस्वी यादव ने बीजेपी और नीतीश कुमार की विश्वसनीयता पर सवाल उठाते हुए चिराग पासवान को सचेत रहने की सलाह दी। उन्होंने चुनाव में ईवीएम के उपयोग पर सवाल उठाया लेकिन इंडिया गठबंधन के नेतृ्त्व के सवाल को होशियारी के साथ टाल दिया।
शुक्रवार को तेजस्वी यादव न्यूज चैनल आजतक के प्रोग्राम में बिहार और देश से जुड़े कई सवालों का बेवाकी से जवाब दिया तो कई सवालों को चालाकी से टाल दिया। उन्होंने कहा कि बिहार की जनता ने सरकार को बदल देने की तैयारी कर ली है। बिहार सीएम पर चुटकी लेते हुए तेजस्वी ने कहा कि 'नीतीश' शब्द का अर्थ होता है नीति के ईश यानि नीति के देवता। लेकिन चाचा बार बार पलटी मारते रहते हैं और जब भी नरेंद्र मोदी आते हैं या कोई कार्यक्रम में जाते हैं तो यही कहते हैं कि अब आगे यह गलती नहीं करेंगे। लेकिन बार बार कोई यह बात कहे तो समझ लीजिए कि वह मस्ती कर रहा है और उसे खुद के अलावे किसी से मतलब नहीं है।
तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार बीस साल से उन्हें देख रहा है। किसी भी खेत में अगर बीस सालों तक एक ही फसल की खेती की जाए तो जमीन खराब हो जाती है और उपज भी घट जाती है। इसलिए हम बिहार में नया बीज डालकर नया फसल उगाएं और आने वाली नस्लों के लिए बेहतर बिहार बनाएं। हमलोग महंगाई, बेरोजगारी जैसे जनता के सवालों को मजबूती से उठा रहे हैं। आज राज्य की हालत यह हो गई है कि आज भी बीपीएसी की परीक्षा में पेपर लीक का आरोप लगा और डीएम ने एक विद्यार्थी को जोर से थप्पड़ मारा। लेकिन जब हम सरकार में थे तो बिना पेपर लीक के पांच लाख नौकरी दी गई।
एक सवाल के जवाब में तेजस्वी ने कहा कि हमारी पार्टी का लक्ष्य सत्ता प्राप्ति नहीं है बल्कि बीजेपी के सत्ता से बाहर रखने के लिए कुछ करना पड़ा ताकि बिहार में अमन चैन रहे और राज्य आगे बढ़े। उन्होंने कहा कि जब नीतीश कुमार हमारे साथ थे तो बिहार के लिए विशेष राज्य का दर्जा मांगते थे। लेकिन अब जबकि केंद्र सरकार के अंग हैं तो कुछ नहीं बोल रहे हैं। दावा किया कि मुख्यमंत्री को हाईजैक कर लिया गया है और उन्हें कुछ बोलने नहीं दिया जाता है। वे गलत जगह फंसे हुए हैं। बीजेपी वाले सबको प्रेशर में रखते हैं। नीतीश कुमार के इर्द गिर्द जो लोग हैं उनके पीछे भी ईडी, सीबीआई लगी हुई है। वे आजकल अपने से निर्णय नहीं ले पा रहे हैं। चंद अधिकारी और नेता फैसले लेते हैं। मुख्यमंत्री की हालत यह हो गयी है कि वे सरकारी स्कूल का टाइम भी नहीं बदल पाते हैं।
तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार में भ्रष्टाचार चरम पर है। पिछले दिनों देश ने देखा कि लगातार पुल गिरते रहे। कानून व्यवस्था की भी स्थिति खराब है क्योंकि सीएम के पास कोई विजन नहीं है। उनके कार्यकाल में सरकार में स्थिरता नहीं है। कभी हमारे साथ आते हैं तो कभी बीजेपी के साथ चले जाते हैं। बीजेपी बिहार में इस हालत में है कि उनके पास एक चेहरा नहीं है। कभी उनकी अपने बल बूते पर सरकार नहीं बनी। पीएम कभी चाचा के डीएनए पर सवाल उठाते थे और अमित शाह कहते थे कि अब दरवाजे बंद हो गए। लेकिन नीतीश कुमार को उन्हें लेना पड़ा। और चाचा की हालत भी यह हो गई है कि किसी का पैर छूने लगते हैं।
तेजस्वी यादव ने लोजपा आरवी के अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री को भी नसीहत दी। कहा कि चाचा कभी कभी मुझे आगे करके कहते थे कि आगे यही देखेगा। चिराग पासवान को भी यही कहते होंगे। उन्हें सावधान होकर रहना चाहिए। इंडिया गठबंधन की कमान राहुल गांधी या ममता बनर्जी के हाथों में दिया जाए, इस सवाल पर तेजस्वी ने कहा कि मैं इंडिया अलायंस का सबसे छोटा सदस्य हूं। मेरे उपर इतने बड़े सवाल का बोझ मत डालिए। एक सवाल के जवाब में कहा कि इंडिया गठबंधन में सीट निकालने की क्षमता के आधार पर सीटों का बंटवारा होगा। जहां क्षेत्रीय दल मजबूत होंगे उन्हें ड्राइविंग सीट मिलना चाहिए।