बिहार में अफसरशाही और भ्रष्टाचार का बोलबाला, थाने से सरकारी दफ्तर तक लूट की छूट : तेजस्वी यादव
आरजेडी के संवाद कार्यक्रम के तहत खगड़िया पहुंचे तेजस्वी यादव ने गुरुवार को कहा कि नीतीश सरकार में अफसरशाही और भ्रष्टाचार की वजह से जनता परेशान है। अधिकारियों और कर्मचारियों को लूट की छूट दे रखी है।
बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम और राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के नेता तेजस्वी यादव ने भ्रष्टाचार के मु्द्दे पर एक बार फिर नीतीश सरकार को घेरा है। उन्होंने आरोप लगाया कि बिहार में अफसरशाही और भ्रष्टाचार का बोलबाला है। सूबे में अपराध का ग्राफ बढ़ा है। आज थाना हो अथवा कोई भी सरकारी कार्यालय हर जगह घूस की छूट है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार सरकार अफसरशाही पर अंकुश लगाने में विफल साबित हो रही है।
बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने गुरुवार को खगड़िया स्थित सर्किट हाउस में आरजेडी के संवाद कार्यक्रम से पहले मीडिया से बातचीत की। उन्होंने सीएम नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि वे ढाई सौ करोड़ रुपये खर्चकर करके अलग-अलग जगहों का दौरा करेंगे। इस दौरान वे आसपास के तीन जिलों के चुनिंदा कार्यकर्ताओं से ही मिलेंगे। ऐसे में वे बिहार की क्या समस्या जान पाएंगे? उन्होंने आरोप लगाया कि नीतीश के कार्यक्रम के बहाने अफसरों को लूट की छूट दे दी गई है।
तेजस्वी ने कहा कि जीविका दीदी की मांग राज्य सरकार पूरा नहीं कर रही है। सरकार जीविका दीदी से लगातार काम ले रही है। उन्हें कार्यकर्ता के रूप में हर कार्यक्रम में उपयोग करते हैं। बिहार में स्मार्ट मीटर लगाकर लोगों के साथ ज्यादती की जा रही है। उन्होंने कहा कि वे घोषणा किए थे कि 200 यूनिट बिजली प्रत्येक उपभोक्ताओं को मुफ्त में उपयोग करने के लिए देंगे। वे लोग इसके लिए पूरी तरह से कटिबद्ध हैं। उन्होंने कहा कि स्मार्ट मीटर लगाकर आम जनता के साथ धोखा किया जा रहा है। राजद इसका लगातार विरोध कर रही है। सड़क से सदन तक इसका विरोध जारी रहेगा।
तेजस्वी ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को आरक्षण विरोधी करार देते हुए कहा कि महागठबंधन की 17 माह की सरकार ने रिजर्वेशन बढ़ाकर 65 प्रतिशत तक किया था। उसे एनडीए की राज्य सरकार ने बीजेपी के इशारे पर लागू नहीं होने दिया। इससे पिछड़ा, अति पिछड़ा, एससी, एसटी, आदिवासी आदि लोगों को आरक्षण का पूरा लाभ नहीं मिल पाएगा। वे आरक्षण को 65 प्रतिशत तक कराने के लिए लगातार प्रयासरत हैं। सुप्रीम कोर्ट में भी वे लोग अपील कर चुके हैं। अगर आरक्षण की यह नीति लागू नहीं होती है तो आने वाले दिनों में लाखों दलित, आदिवासी आदि नौकरी से वंचित हो जाएंगे।
उन्होंने आगे कहा कि खगड़िया समेत पूरे बिहार से लोगों को आज रोजगार के अवसर नहीं हैं। ऐसे में लोग रोजगार के लिए दूसरे प्रदेश पलायन कर रहे हैं। आज सरकार की उपेक्षा के कारण बेरोजगारी, महंगाई व भ्रष्टाचार में बढ़ावा हुआ है। पिछले कुछ माह पहले बिहार के विभिन्न जिले में बाढ़ आई, लेकिन क्या इसके लिए कोई विशेष पैकेज मिला? राज्य सरकार इसके लिए किसी भी प्रकार का प्रयास नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि बिहार को विशेष राज्य का पैकेज भी नहीं मिल पा रहा है। आज केंद्र सरकार में जदयू मजबूती के साथ है, लेकिन इसका कोई फायदा बिहार को नहीं मिल पा रहा है। सीएम की चुप्पी के कारण एक बार फिर बिहार के लोगों के साथ धोखा हो रहा है। जब वे केंद्र में सहभागी हैं तो बिहार की समस्याओं को दूर करने के लिए किसी भी प्रकार का प्रयास नहीं कर पा रहे हैं।
पूर्व डिप्टी सीएम ने कहा कि जब वे 17 माह की महागठबंधन सरकार में थे तो उन्होंने खेल व खिलाड़ियों के बेहतर के लिए पहल की। पांच लाख नौकरी बांटी और तीन लाख नौकरियां को प्रक्रियाधीन किया। हमारे प्रयास से पांच सौ करोड़ रुपए का निवेश हुआ। वहीं जाति आधारित जनगणना करायी। वहीं उन्होंने कहा कि बिहार में भूमि सर्वे की प्रक्रिया जटिल है। इसे और आसान बनाने की जरूरत है, लेकिन सरकार प्रयास नहीं कर रही है। इसके साथ ही उन्होंने यूपी में राहुल गांधी को संभल जाने से रोकने को अनुचित बताया। उन्होंने कहा कि यूपी में कानून के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।