Hindi Newsबिहार न्यूज़Tampering in TR forgery in degrees Big game exposed in BR Ambedkar Bihar University Muzaffarpur

टीआर में छेड़छाड़, डिग्रियों में फर्जीवाड़ा; BR आंबेडकर बिहार यूनिवर्सिटी में बड़ा खेल उजागर

बीआरएबीयू में हाल में बीएड की पांच डिग्रियों पर संदेह होने के बाद विवि प्रशासन ने जांच कमेटी बनाई है। पांचों बीएड की डिग्रियां जिन छात्रों के नाम पर थीं, वे संबंधित कॉलेज के विद्यार्थी नहीं बताए जा रहे हैं।

Sudhir Kumar हिन्दुस्तान, मुजफ्फरपुर, प्रमुख संवाददाताSat, 21 Dec 2024 11:16 AM
share Share
Follow Us on

बिहार से प्रसिद्ध बीआरए बिहार यूनिवर्सिटी की बीएड से लेकर बीए तक की डिग्रियों में फर्जीवाड़े का संदेह पैदा हो गया है। डिग्री सेक्शन की जांच में कई टेबुलेशन रजिस्टर के पन्नों में छेड़छाड़ पाई गई है। दरअसल, बीआरएबीयू में हाल में बीएड की पांच डिग्रियों पर संदेह होने के बाद विवि प्रशासन ने जांच कमेटी बनाई है। पांचों बीएड की डिग्रियां जिन छात्रों के नाम पर थीं, वे संबंधित कॉलेज के विद्यार्थी नहीं बताए जा रहे हैं। आशंका है कि टीआर में छेड़छाड़ कर छात्रों के नाम पर डिग्री तैयार कर ली गई हैं।

बीआरएबीयू की जिन डिग्रियों के फर्जी होने का संदेह जताया जा रहा है वे दस से 12 साल पुरानी हैं। इनमें बीएड से लेकर सामान्य बीए कोर्स तक की डिग्रियां हैं। सूत्रों ने बताया कि जांच में कई डिग्रियों के टीआर में गड़बड़ी की आशंका जताई गई है। बिहार विवि के एक कर्मचारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि बीएड की पांच डिग्री के अलावा कई अन्य डिग्रियों में भी छेड़छाड़ दिखी है। जांच की जा रही है। जांच के बाद ही इस पर आगे कार्रवाई की जाएगी। एक फर्जी डिग्री छात्रा के नाम की बताई जा रही है, लेकिन उस पर रोल और रजिस्ट्रेशन नंबर किसी छात्र का चढ़ा हुआ है।

ये भी पढ़ें:BRA बिहार यूनिवर्सिटी में पीएचडी का बदला नियम; यूजी का अंक दिलाएगा मौकाै
ये भी पढ़ें:पहले फेल, फिर पास अब रिजल्ट कैंसिल; सच्चाई जान माथा पकड़ लेंगे

होम्योपैथ से लेकर आयुर्वेद तक में मिल चुकी हैं फर्जी डिग्रियां

बीआरएबीयू के होम्योपैथ से लेकर आयुर्वेद कोर्स तक की फर्जी डिग्रियां मिल चुकी हैं। कुछ महीने पहले अहमदाबाद में बिहार विवि के नाम से छपी होम्योपैथ की कई फर्जी डिग्रियां मिली थीं। इस मामले में बिहार विवि के तत्कालीन लॉ अफसर जांच के लिए अहमदाबाद तक गए। इससे पहले भी पंजाब के कई इलाकों में बिहार विवि की फर्जी डिग्रियां मिल चुकी हैं। टीआर सत्यापन में विवि ने डिग्री को फर्जी बताया था।

फर्जीवाड़ा रोकने के लिए विवि अब लगा रहा बार कोड

विवि में डिग्रियों में फर्जीवाड़ा रोकने को अब नए सत्र से मार्क्सशीट और डिग्रियों पर बार कोड लगाया जा रहा है। इसके अलावा, विवि प्रशासन डिग्रियों पर वाटर मार्क भी लगा रहा है। विवि का कहना है कि नई मार्क्सशीट और डिग्री में किसी भी तरह का फर्जीवाड़ा संभव नहीं है।

क्या कह रहे पदाधिकारी?

पहले मिली बीएड की फर्जी डिग्रियों की जांच के लिए कमेटी बनाई गई है। नया क्या मामला सामने आया है, इसकी जानकारी ली जाएगी। इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। -प्रो. अपराजिता कृष्ण, रजिस्ट्रार, बीआरएबीयू

अगला लेखऐप पर पढ़ें