रक्षाबंधन पर मिलावटखोरों की गंदी नजर, पू्र्णिया के रास्ते नेपाल और कानपुर से नकली खोवा-पनीर का धंधा
सुदूर देहाती इलाके के रास्तों से नेपाल से सीतामढ़ी, पूर्वी चंपारण और मधुबनी इलाके में नकली खोवा व पनीर लाया जा रहा है। यहां से पिकअप व अन्य छोटे वाहन से मुजफ्फरपुर लाया जा रहा है। इन्हें कई जिलों में भेजा जा रहा है।
रक्षाबंधन के अवसर पर अचानक मिठाई की मांग कई गुना बढ गई है। इस दिन भाई बहन राखी के साथ एक दूसरे को मिठाई खिलाकर खुशियां बांठत हैं। लेकिन त्योहार की खुशियों पर मिलावटखोरों की गंदी नजर है। मिठाई बनाने के लिए नेपाल और कानपुर के अलावा पूर्णिया से बड़े पैमाने पर मिलावटी खोवा और पनीर की खेप बिहार के विभिन्न शहरों में लाई जा रही है। मुजफ्फरपुर के मिठाई दुकानदारों की मानें तो रक्षाबंधन के मौके पर 200 क्विंटल से अधिक मिठाई की खपत है। स्थानीय स्तर पर दूध की सप्लाई कम होने के कारण ज्यादातर मिठाई दुकानदार बाहरी खोआ-पनीर पर निर्भर हैं। ऐसे में करीब 100 क्विंटल से अधिक नकली खोवा-पनीर की मिठाई की बिक्री की मिलावटखोरों ने तैयारी कर ली है।
बीते एक सप्ताह से शहर में नकली खोवा व पनीर की खेप पहुंच रही है। सुदूर देहाती इलाके के रास्तों से नेपाल से सीतामढ़ी, पूर्वी चंपारण और मधुबनी इलाके में नकली खोवा व पनीर लाया जा रहा है। यहां से पिकअप व अन्य छोटे वाहन से मुजफ्फरपुर लाया जा रहा है। शहर के घिरनी पोखर, बालूघाट, बैरिया, भगवानपुर, गोबरसही, जीरोमाइल, कटहीपुल आदि जगहों पर बड़े पैमाने पर नकली खोवा व पनीर की खेप लाई गई है, जहां से मिठाई दुकानों में इसे सप्लाई की जा रही है।
बीते साल 29 अगस्त को पूर्णिया से आई बस पर 20 क्विंटल नकली खोवा व पनीर जब्त किए गए थे। बैरिया में बीते साल जब्त किए गए नकली खोवा-पनीर को फूड इंस्पेक्टर ने नष्ट करा दिया था। लेकिन, अब तक मिलावटखोरों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई है। शहर में आने वाले करीब 100 क्विंटल नकली खोवा-पनीर की 50 प्रतिशत आपूर्ति पूर्णिया इलाके से हो रही है। फूड इंस्पेक्टर सुदामा चौधरी का कहना है कि मैन पावर की कमी के कारण वह बाजार में पहुंच रहे नकली खोवा-पनीर की खेप को पकड़ पाने में सक्षम नहीं हैं। हालांकि, उनका कहना है कि दुकानों में वह औचक जांच करेंगे। यदि कोई नकली मिठाई मिलेगी तो उसे नष्ट कराया जायेगा। शिकायतकर्ता सामने आयेंगे तो नकली मिठाई बेचने वालों पर कार्रवाई होगी।
मैदा, डालडा व सिंथेटिक गोंद से कर रहे तैयार
सरैयागंज के एक दुकानदार ने बताया कि नकली खोवा तैयार करने में मैदा, डालडा व सिंथेटिक गोंद का कई दुकानदार उपयोग करते हैं। इसी प्रकार डालडा, घी व एक्सपायर्ड मिल्क पाउडर से बर्फी तैयार करते हैं। नकली दूध में एक्सपायर्ड मिल्क पाउडर, रसायन सैफोलाइट का उपयोग होता है। रक्षाबंधन पर मिठाई में मिलावट का धंधा जोर पकड़ लेता है, क्योंकि मांग के अनुरूप खोवे की आपूर्ति जिले भर में नहीं हो पाती है।
क्या कहते हैं अधिकारी?
त्योहारों में अलग-अलग टीम जांच करती है। मिलावटी मिठाई पर अंकुश लगाने के लिए छापेमारी की जाती है। कारोबारियों के स्टोर की भी जांच की जाती है। सैंपल को लैब में भेजा जाता है। वहां प्रोसेस होने के बाद आगे की कार्रवाई की जाती है। अगर कोई व्यक्ति क्लेम करता है तो कार्रवाई होती है। यदि कोई क्लेम नहीं करता है तो नकली माल को नष्ट कर दिया जाता है।-सुदामा चौधरी, फूड इंस्पेक्टर