बीजेपी में होने वाली है इस बाहुबली की एंट्री, पशुपति पारस को झटका देकर इस सीट से लड़ सकते हैं चुनाव
भोजपुर जिले के तरारी से पूर्व बाहुबली विधायक सुनील पांडे शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल होने जा रहे हैं। दो दिन पहले ही उन्होंने पशुपति पारस की पार्टी रालोजपा से इस्तीफा दिया था।
बिहार में चार सीटों पर होने वाले विधानसभा उपचुनाव से पहले राजनीतिक पारा गर्माया हुआ है। लोकसभा चुनाव में एनडीए से दरकिनार किए जाने के बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस की राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (रालोजपा) को एक और झटका लगा है। भोजपुर जिले की तरारी सीट से चार बार विधायक रहे बाहुबली नेता सुनील पांडे शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल होने जा रहे हैं। दो दिन पहले उन्होंने रालोजपा से इस्तीफा दिया था। बीजेपी उन्हें तरारी से उपचुनाव में टिकट दे सकती है। इससे पहले पारस की पार्टी ने सुनील पांडे के दम पर ही बीजेपी से उपचुनाव में तरारी सीट मांगी थी।
जानकारी के मुताबिक सुनील पांडे शुक्रवार को पटना स्थित बीजेपी प्रदेश कार्यालय में पार्टी की सदस्यता लेंगे। बता दें कि वे इस सीट से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू से विधायक रह चुके हैं। 2015 में उन्होंने जेडीयू छोड़ दी थी। फिर वे लोजपा में चले गए। 2020 में उन्होंने तरारी से निर्दलीय चुनाव लड़ा और दूसरे नंबर पर रहकर बीजेपी के कौशल कुमार विद्यार्थी को तीसरे नंबर पर धकेल दिया था। हाल ही में वे पशुपति पारस गुट वाली रालोजपा से जुड़े। मगर अब वे बीजेपी में शामिल होने जा रहे हैं।
सुनील पांडे अपनी दबंग छवि के लिए क्षेत्र में चर्चित हैं। वे भूमिहार जाति से आते हैं। उनकी गिनती बाहुबली नेताओं में होती है। चर्चित आरा कोर्ट बम धमाके में उनका नाम आया था, हालांकि सबूतों के अभाव में कोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया था। इससे पहले वे चाकूबाजी, रंगदारी, हत्या समेत कई आपराधिक मामलों में जेल गए। उनके गुट की रणवीर सेना के ब्रह्मेश्वर मुखिया से भी अदावत रही। यूपी के बाहुबली नेता मुख्तार अंसारी की हत्या के लिए उन्होंने लंबू सिंह नाम के अपराधी को 50 लाख रुपये की सुपारी तक दी थी, इस केस में वे कुछ महीने जेल में भी रहे। इसी लंबू सिंह को आरा कोर्ट बम ब्लास्ट में फांसी की सजा सुनाई गई है। 2015 में हुए इस बमकांड में दो लोगों की मौत हो गई थी।