नीतीश की शराबबंदी का सचः मुजफ्फरपुर हेड पोस्ट ऑफिस बना मयखाना, दो अधिकारी गिरफ्तार
नए साल के जश्न में शराब पीने के जुर्म में डाक विभाग के एक बड़े अधिकारी और एक रिटायर्ड अधिकारी को गिरफ्तार किया है। नए साल में धार्मिक आयोजन की आड़ में प्रधान डाकघर में शराब पार्टी का आयोजन किया गया था
बिहार में शराबबंदी की सफलता को लेकर सरकार और विपक्ष के बीच की टकराहट अक्सर दिख जाती हैं। कई बार सरकार के घटक दलों के नेता भी शराबबंदी की सफलता पर सवाल उठाते रहते हैं । सीएम नीतीश कुमार को खुद इसपर जवाब देना पड़ता है। इसकी बड़ी वजह यह है कि जिनके ऊपर शराबबंदी कानून लागू करने की जिम्मेदारी है, वे लोग भी शराब पीने, पिलाने और कारोबार से पीछे नहीं हटते। मुजफ्फरपुर से एक ऐसा ही मामला सामने आया है।
नए साल के जश्न में शराब पीने के जुर्म में डाक विभाग के एक बड़े अधिकारी और एक रिटायर्ड अधिकारी को गिरफ्तार किया है। नए साल में धार्मिक आयोजन की आड़ में प्रधान डाकघर में शराब पार्टी का आयोजन किया गया था। पहले भी शराब पीने और इसका धंधा करने में कई दारोगा अपनी नौकरी गंवा चुके हैं।
रविवार की देर शाम उत्पाद विभाग को सूचना मिली डाक विभाग के प्रधान कार्यालय में शराब पार्टी का आयोजन किया गया है। यह कार्यालय तिरहुत प्रमंडल के कमिश्नर ऑफिस के ठीक सामने स्थित है। उत्पाद अधीक्षक संजय कुमार राय ने इंस्पेक्टर अभिनव कुमार के नेतृत्व में टीम का गठन किया। छापामारी में डाकघर की कैंटीन में शराब पार्टी की पुष्टि हो गई। मौके पर डिप्टी पोस्ट मास्टर दीनानाथ प्रसाद साह और रिटायर्ड डिप्टी पोस्टमास्टर अभय कुमार वर्मा नशे की हालत में पकड़े गए। ब्रेथ एनालाइजर जांच में दोनों के शराब पीने की पुष्टि हुई। उसके बाद उत्पाद इंस्पेक्टर अभिनव कुमार के निर्देश पर छापामार टीम ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया। हालांकि, टीम के पहुंचने से पहले कई लोग अपने घर जा चुके थे।
प्राप्त जानकारी के अनुसार नव वर्ष के मौके पर पोस्ट ऑफिस में धार्मिक अनुष्ठान का आयोजन किया गया था। जिसमें छुट्टी के दिन वर्त्तमान व पुराने लोगों को बुलाया गया था। धार्मिक अनुष्ठान के बाद वहां शराब पार्टी का आयोजन किया गया।
मुजफ्फरपुर उत्पाद अधीक्षक संजय कुमार राय ने बताया है कि आज दोनों को कोर्ट में पेश किया जाएगा। इनके खिलाफ मद्य निषेध और शराबबंदी कानून के तहत कार्रवाई की जाएगी।