120 रुपये के बैग की 1200 में खरीद, बिहार के शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार की जांच कराएगी नीतीश सरकार
बिहार शिक्षा विभाग में स्कूल बैग की खरीद में भ्रष्टाचार के आरोप लगें हैं। नीतीश सरकार इसकी जांच कराएगी। शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने शुक्रवार को सदन में यह घोषणा की।
बिहार के शिक्षा विभाग में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा है। विधान परिषद के मॉनसून सत्र में शुक्रवार को इसकी गूंज उठी। सत्ताधारी दल जेडीयू के एमएलसी संजीव सिंह ने यह मामला सदन में उठाया। उन्होंने आरोप लगाए कि सरकारी स्कूलों में बच्चों को जो बैग 1200 रुपये में दिया जा रहा है, उसकी कीमत बाजार में महज 120 रुपये है। इसके बाद नीतीश सरकार में शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने ऐलान किया कि पांच गुनी कीमत पर स्कूली बच्चों के बैग सहित मिड डे मिल के बर्तन खरीद मामले में जांच कर दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी। स्कूलों में बेंच और डेस्क की खरीद मानक के अनुरूप हो रही है या नही, इसकी भी जांच कराई जाएगी।
जेडीयू एमएलसी संजीव कुमार सिंह ने सभापति की अनुमति से सदन में स्कूल बैग और उसमें रखी बोतल को दिखाया। उन्होंने कहा कि स्कूली बच्चों को एक बैग 1200 रुपये में दिए जा रहे हैं। जबकि बाजार में इसकी कीमत 120 रुपये है। बैग के साथ 15 रुपए की बोतल है। उन्होंने कहा कि मिड डे मिल की 30 रुपये की थाली 70 रुपये में खरीद हो रही है। स्कूली बच्चों को बैठने के लिए बेंच और डेस्क भी मानक के अनुरूप खरीद नहीं हो रही है।
इस पर शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने कहा कि पहली से तीसरी कक्षा तक के बच्चों के बैग के साथ पानी बोतल और पेंसिल बॉक्स देने की योजना चल रही है। एक बैग की कीमत 1200 या एक हजार नहीं बल्कि 500 रुपये हैं। शिक्षा मंत्री ने आश्वासन दिया कि कहीं अगर गड़बड़ी हो रही है, तो जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। स्कूलों में सबमर्सिबल पंप मामले की पीएचईडी को जांच के लिए पत्र लिखा गया है। बेंच-डेस्क मानक के अनुरूप खरीद नहीं होने पर जांच कर जिलाधिकारियों को कार्रवाई के लिए कहा गया है। हाल में ही किशनगंज के जिला शिक्षा पदाधिकारी को निलंबित किया गया था। हमारे संज्ञान में जो भी मामले आ रहे हैं, जांच कर कार्रवाई की जा रही है। जांच में दोषी पाए जाने वाले कोई अधिकारी नहीं बचेंगे।
स्कूली बच्चों के बैग की खरीद में गड़बड़ी की बात पर विपक्षी दल आरजेडी के अब्दुल बारी सिद्धिकी ने तंज कसा। उन्होंने कहा कि सुशासन की सरकार में ही यह संभव है। इस पर संजीव कुमार सिंह ने कड़ा एतराज जताया। उन्होंने कहा कि प्रश्न को डायवर्ट मत कीजिए। यह मेरा सवाल है।
शिक्षा मंत्री ने यह भी कहा कि दो माह में माध्यमिक, इंटर और संबद्ध डिग्री महाविद्यालय के शिक्षकों को शिक्षकेत्तर कर्मियों अनुदान के लिए राशि भेज दी जाएगी। शिक्षा मंत्री विधान परिषद में संजय कुमार सिंह, संजीव कुमार सिंह और जीवन कुमार के संयुक्त तारांकित प्रश्न का उत्तर दे रहे थे। सभापति अवधेश नारायण सिंह ने कहा कि अनुदान का मामला फंसा रहता है। मेरे चेंबर में शिक्षा मंत्री और सदस्यों के साथ बैठक होगी।
मंत्री सुनील कुमार ने एक अन्य सवाल के जवाब में कहा कि हमने सभी विधायकों और एमएलसी से अपने क्षेत्र के पांच प्रारंभिक और पांच माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्कूलों की सूची मांगी है, जिनका प्राथमिकता के आधार पर जीर्णोद्धार करा दिया जाएगा। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि जिला स्कूल सहरसा के छात्रावास से किलकारी भवन 6 माह के अंदर हटा दिया जाएगा। जेडीयू के गुलाम गौस के तारांकित प्रश्न के उत्तर में शिक्षा मंत्री ने कहा कि स्कूलों के लिए जमीन की कमी की समस्या आ रही है। ऐसे में स्कूल भवन बहुमंजिला बनाने पर विचार किया जा रहा है।