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MLC राधाचरण साहः 200 बेनामी बैंकों से लेन-देन करते थे जेडीयू एमएलसी,150 करोड़ के निवेश; कई बड़े राज खुले

छापेमारी में राधचरण साह और उनके सहयोगी के 200 से अधिक बेनामी बैंक खातों का पता चला है। इन खातों का पूरा विवरण आयकर विभाग ने निकाल लिया है। इसमें अधिकांश खाते आरा की एसबीआई शाखा में हैं।

Sudhir Kumar हिंदुस्तान, पटनाFri, 10 Feb 2023 08:17 AM
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जदयू एमएलसी राधाचरण साह उर्फ राधाचरण सेठ और उनके सहयोगी ब्रॉडसन्स कंपनी के महाप्रबंधक अशोक कुमार के 22 से अधिक ठिकानों पर आयकर छापेमारी पूरी हो गई है। गुरुवार को भी एमएलसी और उनके पार्टनर के ठिकानों पर छापेमारी की गई। कुल मिलाकर 7 से 9 फरवरी यानी तीन दिनों तक चली। इसमें सहयोग नहीं करने के कारण अशोक कुमार और उनके बेटे जीवन कुमार पर बिहटा थाने में आयकर विभाग ने एफआईआर भी दर्ज करवायी है। पूरी कार्रवाई के दौरान दोनों लापता रहे।  तीन दिनों तक चले छापे में कई अहम खुलासे हुए हैं।

छापेमारी में साह व उनके सहयोगी के 200 से अधिक बेनामी बैंक खातों का पता चला है। इन खातों का पूरा विवरण आयकर विभाग ने निकाल लिया है। इसमें अधिकांश खाते आरा की एसबीआई शाखा में हैं। ये खाते मजदूरों और अन्य गरीबों के नाम पर हैं। इनमें पटना के भी कुछ बैंकों के खाते हैं। बेनामी खातों की मदद से ही करोड़ों के अवैध लेन-देन किए गये हैं। कुछ रसूखदार समेत कई लोगों को पैसे ट्रांसफर किए गये हैं। करीब 225 करोड़ की कर चोरी सामने आ चुकी है। जांच के बाद इसमें बढ़ोतरी की संभावना है। दोनों के पास से 150 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश के कागजात भी मिले हैं। इसमें होटल, जमीन-जायदाद, बैंक, शेयर, बीमा आदि में निवेश शामिल है। राज्य के बाहर नोएडा, गाजियाबाद, मनाली, हरिद्वार में जमीन-जायदाद में काफी निवेश है। दोनों के ठिकानों से क्रमश 91 लाख व 51 लाख नकद भी बरामद हुए हैं। 

बालू की काली कमाई लगाते थे होटल में

आरोप है कि राधाचरण साह व अशोक कुमार अपने सहयोगियों के साथ मिलकर पूरे बिहार में बालू का सिंडिकेट चलाते हैं। बालू घाटों के ठेके दूसरे के नाम पर लेते हैं। परंतु इसमें पैसे लगाने से लेकर इन घाटों का प्रबंधन तक ये लोग ही करते हैं। बालू घाटों से अवैध खनन तथा काली कमाई के भी सबूत मिले हैं। आरोप के अनुसार पूरे राज्य में बालू के अवैध खनन और घाटों का ठेका लेने के पूरे सिंडिकेट में इनकी भूमिका अहम है। पूरा कारोबार कच्चे में करते थे। आयकर जांच में सामने आया है कि बालू की काली कमाई को ये लोग होटल में लगाते थे। आरा के रीगल होटल, रीगल रिसॉर्ट से लेकर मनाली के माइस्टिक ग्राउंट रिसॉर्ट और हरिद्वार के होटल एवं रिसॉर्ट तक में इनकी यही कमाई लगी हुई है। इसके अलावा कई ट्रस्ट भी इन्होंने बना रखा था, जिसके माध्यम से कई अस्पतालों और स्कूलों का संचालन किया जाता है। इनकी जांच भी की जा रही है।

1.42 करोड़ रुपये नगद हुए बरामद 

अशोक कुमार के बिहटा के पास परेव वाले घर से छानबीन के दौरान 51 लाख कैश मिल चुके हैं। इसमें 35 लाख रुपये पहले दिन ही मिले थे। वहीं, राधाचरण के पटना और आरा स्थित आवास से अब तक 91 लाख रुपये बरामद हो चुके हैं। पहले दिन 70 लाख रुपये बरामद हुए थे। इस तरह दोनों के ठिकाने से अब तक एक करोड़ 42 लाख रुपये जब्त हो चुके हैं।

कैश में लोगों को देते थे लोन 

राधाचरण और अशोक लोगों को कैश में लोन देने का भी धंधा करते हैं। खासकर ये व्यापारियों को इस तरह से लोन देते थे। इसके बदले में मोटा ब्याज वसूलते थे।
समय पर पैसे नहीं देने वालों की संपत्ति हड़प लेते थे। इनके पास से ऐसे कई दस्तावेज और संपत्ति के कागजात मिले हैं, जो किसी दूसरे के नाम पर हैं। जांच के बाद यह हकीकत सामने आयी। मिली जानकारी के अनुसार कैश में लोन लेने वालों में कई लोग हैं।

छापे में सहयोग नहीं करने पर चार पर केस

परेव गांव में बालू माफिया के घर पर दो दिनों से चले आयकर छापे में सहयोग नहीं करने का मामला प्रकाश में आया है।  इसके बाद आईटी अधिकारी अनुज कुमार सिंह ने डॉ. अशोक, उनके पुत्र चंदन कुमार, जीवन कुमार और मैनेजर सुदामा कुमार के खिलाफ स्थानीय थाने में मामला दर्ज किया है। बताया जाता है कि डॉ. अशोक के घर से अवैध बालू की अकूत कमाई के साथ-साथ जमीन में पैसे केनिवेश का साक्ष्य प्राप्त हुआ है। जिसका सरकार को कोई टैक्स नहीं दिया गया है। छापे के दौरान सभी लोग घर छोड़कर फरार भी हो गए।

आरा में छापे एमएलसी राधाचरण से जुड़े आरा के हरखेन कुमार के धर्मशाला की खरीद-बिक्री को लेकर हरखेन कुमार एण्ड संस वस्त्रत्तलय में छापेमारी की गई। इस दौरान जमीन से जुड़े मामले की लेन-देन में पूछताछ कर जानकारी ली गई। वहीं रोहतास के डेहरी प्रखंड क्षेत्र की चकन्हा पंचायत की मुखिया पूनम देवी के आवास पर भी छापेमारी चली। मुखिया के परिवार के लोग उनके करीबी बताए जाते हैं

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