बिहार के इन 4 जिलों में 30 हजार ड्राइवर फेल हो चुके लाइसेंस पर चला रहे गाड़ी, कहां सोया है परिवहन विभाग?
जिला मुख्यालय के समीप गाड़ी चलाने वाले लोगों का रैंडमली ड्राइविंग लाइसेंस को लेकर जांच की गयी। एनजीओ के निदेशक ने बताया कि सीमांचल के इलाकों के लोग ड्राइविंग लाइसेंस को लेकर बहुत संजीदा नहीं हैं।
बिहार में हजारों लोग फेल हो चुके लाइसेंस पर गाड़ी चला रहे हैं। सिर्फ पूर्णिया प्रमंडल के चार जिलों में 30 हजार से अधिक चालक एक्सपायरी ड्राइविंग लाइसेंस से ही गाड़ी चला रहे हैं। परिवहन विभाग का अभियान नहीं चलाए जाने का नतीजा है कि ड्राइविंग लाइसेंस फेल होने के बावजूद भी लोग इसे रिन्यूअल कराने में भी दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं।
जिले के एसपी के आदेश पर थानाध्यक्ष के द्वारा सघन वाहन चेकिंग अभियान चलाया जाता है लेकिन इस दौरान पुलिसकर्मियों का मुख्य फोकस हेलमेट पर ही रह जाता है। कुछ ही फीसदी मामले में ड्राइविंग लाइसेंस को लेकर जांच पड़ताल की जाती है जबकि सरकार के नियमानुसार ड्राइविंग लाइसेंस रिन्यूअल कराने में ड्राइविंग टेस्ट भी दोबारा से नहीं देना पड़ता है। यह प्रक्रिया काफी आसानी से ऑनलाइन कहीं से भी बैठे की जा सकती है। इस मामले का खुलासा तब हुआ जब एक निजी एनजीओ की एजेंसी के द्वारा पूर्णिया, अररिया, किशनगंज और कटिहार जिलों के जिला मुख्यालय के समीप गाड़ी चलाने वाले लोगों का रैंडमली ड्राइविंग लाइसेंस को लेकर जांच की गयी। निजी एनजीओ के निदेशक ने बताया कि सीमांचल के इलाकों के लोग ड्राइविंग लाइसेंस को लेकर बहुत ज्यादा संजीदा नहीं है। इस कारण अनदेखी करते हैं।
90 हेलमेट की होती सिर्फ जांच
90मामलों में पुलिस की टीम के द्वारा सिर्फ प्रथम दृष्टया हेलमेटनहीं रहने की जांच कर मामले की इतिश्री कर देते हैं। यातायात प्रभारी मुकेश कुमार मंडल ने बताया कि अब हेलमेट के साथ लाइसेंस, प्रदूषण समेत कई अन्य कागजातों की जांच भी करने का निर्देश दिया जाएगा।
बोले परिवहन पदाधिकारी
जिला परिवहन पदाधिकारी रामशंकर का कहना है कि जुलाई माह के प्रथम सप्ताह से जिले के सीमाई इलाकों तक सघन रूप से ड्राइविंग लाइसेंस चेकिंग को लेकर अभियान चलाया जाएगा। एमवीआई के कुछ कर्मी प्रशिक्षण में गए हैं वह लौट आएंगे। उसके बाद अभियान चलेगा।
बारीकी से होगी लाइसेंस की जांच
आनन-फानन में जब भी जांच के दौरान उपस्थित पुलिसकर्मी ड्राइविंग लाइसेंस मांगते हैं तो लोग फेल हो चुकी ड्राइविंग लाइसेंस दिखाकर ही चलते बन जाते हैं। ऐसे पुलिसकर्मी बारीकी से उनके लाइसेंस की जांच भी नहीं करते हैं।
पांच हजार जुर्माना
जिला परिवहन पदाधिकारी रामशंकर का कहना कि बिना ड्राइविंग लाइसेंस या एक्सपायर रहने पर चालकों से पांच हजार रुपया का जुर्माना लेने का प्रावधान है। उन्होंने कहा कि कोई भी चालक घर बैठेऑनलाइन लाइसेंस का रिन्यूअल करा सकते है। इसमें कोई भी परेशानी है।
अररिया के पांच हजार चालकों का लाइसेंस फेल
रैंडमली जांच किए जाने के दौरान15 हजार से अधिक पूर्णिया जिले के लोगों के पास ड्राइविंग लाइसेंस फेल मिला जबकि किशनगंज में करीब सात हजार, कटिहार में छह हजार और अररिया में पांच हजार लोगों का लाइसेंस फेल पाया गया।
व्यवसायिक लाइसेंस की अवधि अब पांच साल
व्यवसायिक लाइसेंस की अवधि पहले तीन साल की होती थी। केंद्र सरकार ने नए एमबी एक्ट में इसे बढ़ाकर पांच साल कर दिया है। लाइसेंस धारक को पांच साल में लाइसेंस का नवीनीकरण कराना होगा। जबकि परिवहन विभाग ज्वलनशील पदार्थ के चालकों को पहले एक साल के लिए ड्राइविंग लाइसेंस जारी करता था। अब इसकी अवधि भी बढ़ाकर तीन साल कर दी गई है।
पूर्णिया में सबसे अधिक ड्राइविंग लाइसेंस फेल
फेल ड्राइविंग लाइसेंस लेकर चलने में पूर्णिया जिला के लोग अव्वल हैं। वहीं दूसरे स्थान पर किशनगंज तीसरे स्थान पर कटिहार और चौथे स्थान पर अररिया जिला के लोग हैं। बताया जाता है कि पूर्णिया प्रमंडल में हजारों की संख्या में प्रतिदिन दूसरे जिले के लोग भी आते हैं। इनमें अधिकांश लोगों के पास ड्राइविंग लाइसेंस नहीं रहता है।
पड़ोसी देश नेपाल और सीमाई इलाके के राज्य पश्चिम बंगाल के लोग भी सीमांचल के अलग-अलग जिलों में बिना लाइसेंस की ही धड़ल्ले से घूमते हैं। हालांकि इनमें से कई लोगों के पास बिहार के ही अलग-अलग जिलों के बने लाइसेंस भी होते हैं, जो सिर्फ कागज मात्र का रहता है। जबकि सरकार ने डीएल जारी करने को लेकर नया नियम लागू कर दिया है। इस नियम के तहत 30 वर्ष से कम उम्र का कोई व्यक्ति डीएल बनवाता है तो उसे 40 वर्ष पूरे होने तक लाइसेंस जारी किया जाएगा। इसके बाद लाइसेंस धारक को लाइसेंस रिन्यूअल कराना होगा। 30 साल से अधिक और 55 वर्ष से कम आयु वाले को 10 वर्ष के लिए लाइसेंस जारी होगा। इसके बाद लाइसेंस का नवीनीकरण होगा।