Forgery with IPS Officer Revenue Clerk and CO forged Land of Senior Police officer गजब का फर्जीवाड़ाः आईपीएस की जमीन की हो गई बंदरबांट, जानिए- अंचलकर्मी ने आईपीएस को कैसे लगाया चूना, Bihar Hindi News - Hindustan
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गजब का फर्जीवाड़ाः आईपीएस की जमीन की हो गई बंदरबांट, जानिए- अंचलकर्मी ने आईपीएस को कैसे लगाया चूना

जमीन पर जबरन कब्जा, रजिस्टर में गलत जमाबंदी, गलत सीमांकन, पंजी-2 में गलत खाता और खेसरा चढ़ा देने की घटनाएं तो अक्सर सामने आती हैं। अब पटना जिले के मनेर अंचल में एक ऐसा मामला प्रकाश में आया है, जिसमें...

Sudhir Kumar शैलेश कुमार सिंह, पटनाSun, 23 Jan 2022 12:30 PM
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गजब का फर्जीवाड़ाः आईपीएस की जमीन की हो गई बंदरबांट, जानिए- अंचलकर्मी ने आईपीएस को कैसे लगाया चूना

जमीन पर जबरन कब्जा, रजिस्टर में गलत जमाबंदी, गलत सीमांकन, पंजी-2 में गलत खाता और खेसरा चढ़ा देने की घटनाएं तो अक्सर सामने आती हैं। अब पटना जिले के मनेर अंचल में एक ऐसा मामला प्रकाश में आया है, जिसमें राजस्व कर्मचारी के कारनामे से पूरे प्रशासनिक गलियारे में हड़कंप मचा हुआ है।

ये है मामला

दरअसल, कर्मचारी ने जम्मू-कश्मीर कैडर के एक आईपीएस की 1 एकड़ 10 डिसमिल भूमि को 6 एकड़ 10 डिसमिल बना दिया और अलग-अलग लोगों ने नाम पर उसे पंजी-2 में भी चढ़ा दिया। इतना ही नहीं नये लोगों का अंचल कार्यालय से लगान रसीद भी काट दी गई। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की साइट पर नये लोगों का उसी खाता और खेसरा में नाम शामिल किया गया तो आईपीएस को इसकी जानकारी मिली। उन्होंने डीएम के यहां शिकायत दर्ज कराई। मामला मनेर अंचल के ग्राम ताजपुर का है। यहां जमाबंदी संख्या 106/1 के तहत 1 एकड़ 10 डिसमिल जमीन पुपुल प्रसाद के नाम से दर्ज है। 18 दिसंबर 2020 को इसी जमाबंदी की भूमि को संजीत कुमार ग्राम बाजीतपुर द्वारा परिमार्जन पोर्टल पर दिए गए आवेदन संख्या 20202804040143 के आलोक में कुंज बिहारी एवं अन्य के नाम पर भी जमाबंदी कर दी गई। उसके नाम पर 2018-19 से 2020-21 तक की लगान रसीद निर्गत कर दी गई। जमाबंदी में 1 एकड़ 10 डिसमिल भूमि को 6 एकड़ 10 डिसमिल बना दिया गया तथा इस पर अलग-अलग लोगों का नाम भी दर्ज कर दिया गया।

जमाबंदी में हुई थी छेड़छाड़

जांच में पता चला कि राजस्व कर्मचारी एवं अंचल कर्मियों ने जमाबंदी संख्या 106/1 में छेड़छाड की है। गलत प्रतिवेदन समर्पित कर जमाबंदी को ऑनलाइन एडिट कर तत्कालीन सीओ संजय कुमार झा ने भी उस पर मुहर लगा दी लेकिन जब सीओ को पता चला तो अपने डोंगल से ऑनलाइन सिस्टम में सुधार कर दिया लेकिन पंजी-2 में दो अलग-अलग लोगों के नाम दर्ज होने के बाद विवाद पैदा हो गया।

डीसीएलआर ने की जांच

दानापुर के डीसीएलआर से इसकी जांच कराई गई। डीसीएलआर ने अपनी रिपोर्ट में गलत तरीके के जमाबंदी कराने वालों पर प्राथमिकी दर्ज करने और दोषी कर्मचारी और अधिकारियों पर कार्रवाई की अनुशंसा की है। हालाकि कर्मचारी की मौत हो गई है, लेकिन इस मामले में तत्कालीन सीओ से स्पष्टीकरण और गलत परिमार्जन कराने वालों पर जल्द ही प्राथमिकी दर्ज होगी।

डीम का बयान

भूमि विवाद के मामले का गंभीरता से निष्पादन का निर्देश सभी सीओ और डीसीएलआर को दिया गया है। दानापुर अनुमंडल में मामले अधिक आ रहे हैं, इसीलिए इसकी अलग से समीक्षा की जाएगी। जो भूमि का मालिक है, उसे ही मालिकाना हक दिया जाएगा। इसीलिए अब डीसीएलआर कोर्ट में भी ऐसे मामले की सुनवाई होने लगी है। -डॉ. चंद्रशेखर सिंह, डीएम, पटना

पहले भी हुए हैं मामले

गांधी मैदान थाने में हाल ही में एक महिला ने प्राथमिकी दर्ज कराई, जिसमें कहा गया है कि उसकी रूपसपुर में जमीन को गलत तरीके रजिस्ट्री कर दी गई है। इसमें रजिस्ट्रार समेत 10 लोगों पर मिलीभगत का आरोप है। दानापुर के पूर्व सीओ महेश गुप्ता पर इसीलिए कार्रवाई की अनुशंसा की गई थी कि उन्होंने ऑनलाइन व्यवस्था के तहत अपने डोंगल से एक महिला की जमीन को दूसरे के नाम पर जमाबंदी कर दी थी। मामला प्रकाश में आया तो बगैर डीसीएलआर की अनुशंसा रिपोर्ट के अपने से ही रद्द भी कर दिया। दानापुर के विजय सिंह यादव पथ में कर्मचारियों की मिलीभगत से डीसीएलआर के स्थगन आदेश और धारा-144 का भी अनुपालन नहीं होने का मामला प्रकाश में आया है।