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नीतीश कुमार की नई सरकार में विवादों में घिरे शिक्षा मंत्री मेवालाल चौधरी ने पदभार संभाला  

बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में जीत के नीतीश कुमार की अगुवाई में एनडीए की सरकार बन चुकी है। इसमें मुख्यमंत्री नीतीश समेत 15 मंत्री बनाए गए हैं। जदयू नेता और मुंगेर के तारापुर विधानसभा सीट से जीते...

Sunil Abhimanyu पटना। हिन्दुस्तान ब्यूरो, Thu, 19 Nov 2020 09:38 AM
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बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में जीत के नीतीश कुमार की अगुवाई में एनडीए की सरकार बन चुकी है। इसमें मुख्यमंत्री नीतीश समेत 15 मंत्री बनाए गए हैं। जदयू नेता और मुंगेर के तारापुर विधानसभा सीट से जीते मेवालाल चौधरी को नीतीश सरकार में शिक्षा मंत्री बनाया गया है। मेवालाल चौधरी ने गुरुवार को अपना शिक्षा विभाग संभाल लिया।

इस दौरान एक सवालों के जवाब में शिक्षा म॔त्री मेवालाल चौधरी ने कहा कि विरोधियों की ओर से मेरे ऊपर लगाये गये आरोप बेबुनियाद हैं। मेरे ऊपर कोई चार्जशीट नहीं है। पत्नी की मृत्यु से जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा कि जिस आइपीएस अधिकारी ने यह आरोप लगाये हैं उनके खिलाफ 50 करोड़ रुपये का मानहानि का मुकदमा कर रह हूं। मेरे खिलाफ कोई तथ्य नहीं है जिसकी जांच की बात हो।
 
शिक्षा मंत्री ने कहा कि  शिक्षा में गुणात्मक में बदलाव के लिए सुधार हमारी प्राथमिकता होगी। सिलेबस में जरुरत के हिसाब से स॔शीधन या बदलाव किया जाएगा।मेवालाल चौधरी ने कहा कि शिक्षा जो-जो कदम उठाया है उसे आगे बढ़ाएगें । शिक्षा में बदलाव को लेकर रोडमैप बनाकर काम होगा।

इधर मेवालाल चौधरी को शिक्षा मंत्री बनाने की घोषणा के बाद से ही प्रदेश की राजनीति गरमाई हुई है। दरअसल उनके बीएयू सबौर में वीसी रहते  प्रोफेसर नियु्क्ति में धांधली हुई थी। तत्कालीन वीसी रहे मेवालाल चौधरी पर आरोप लगने के बाद राज्यपाल के आदेश पर जांच कराई गई थी। हाईकोर्ट के पूर्व जस्टिस की जांच में उनपर लगे आरोप सही पाए गए थे। इस केस में मेवालाल चौधरी का भतीजा गिरफ्तार भी हुआ था वहीं पूर्व वीसी पर सबौर थाने में केस दर्ज हुआ था। 

मामले में बुधवार को महागठबंधन के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव ने शिक्षा मंत्री पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए राज्य सरकार पर निशाना साधा। दूसरी ओर, शिक्षा मंत्री ने विपक्ष के आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए कहा कि आरोप लगाने वाले दल के सुप्रीमो भ्रष्टाचार के मामले में जेल में हैं तो दूसरे जेल के दरवाजे पर खड़े हैं। इसी क्रम में राजद के सांसद अशफाक करीम ने शिक्षा मंत्री से मिलकर उन्हें बधाई दी तो इसके कई सियासी मायने लगाए जाने लगे। हालांकि राजद सांसद ने इसे महज शिष्टाचार मुलाकात बताया। 

तेजस्वी ने ट्वीट कर आरोप लगाया है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति और भवन निर्माण में भ्रष्टाचार के गंभीर मामलों के आरोपी को शिक्षा मंत्री बनाया है। उन पर आईपीसी की धारा 409,420,467, 468,471 और 120 बी के तहत मुकदमा दर्ज है। राज्य सरकार से सवाल पू छा कि क्या मेवालाल चौधरी को शिक्षा मंत्री बनाकर क्या भ्रष्टाचार करने का इनाम और लूटने की खुली छूट दी गई है। एक अन्य ट्वीट में तेजस्वी ने कहा कि इस बार नीतीश सरकार में अल्पसंख्यक समुदायों में से किसी को भी मंत्री नहीं बनाया गया। सरकार पर तंज कसा कि क्राइम, करप्शन व कम्यूनलिज्म की बात करते रहेंगे या उस पर अमल भी करेंगे। 

मुझपर लगे सारे आरोप निराधार: मेवालाल
शिक्षा मंत्री डा. मेवालाल चौधरी ने कहा है कि मुझ पर लगे सारे आरोप निराधार हैं। मैं चार्जशीटेड नहीं हूं। सारा मामला कोर्ट में है। विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव द्वारा उनको लेकर दिए गए बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि इल्जाम लगाने वाले जेल के अंदर हैं या जेल के मुहाने पर खड़े हैं। बिहार कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति रहे श्री चौधरी ने कहा कि बातें सकारात्मक होनी चाहिए। राउंड टेबुल पर आकर कोई भी शिक्षा पर मुझसे जिरह करे। बिहार में कैसे क्लासरूम टीचिंग और बेहतर किया जाय, कैसे शिक्षा की गुणवत्ता बेहतर करें, इसके लिए क्या-क्या किया जाय, इन बिंदुओं पर सलाह दें। बताया कि वे गुरुवार को शिक्षा मंत्री का पदभार संभालेंगे। 

जदयू नेता से नहीं, शिक्षा मंत्री से मिले : अशफाक  
शिक्षा मंत्री पर हमलावर राजद नेता तेजस्वी के ही पार्टी के सांसद अशफाक करीम मंत्री से मिलकर उन्हें बधाई दी। इस पर लग रहे राजनीतिक कयासों को अशफाक करीम ने बेबुनियाद बताया। कहा कि वे जदयू नेता से नहीं बल्कि शिक्षा मंत्री से मिलने आए हैं और मंत्री से कोई भी मिल सकता है, क्या पक्ष-क्या विपक्ष। उल्लेखनीय है कि अशफाक करीम मेडिकल कॉलेज के मालिक भी हैं।

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