Hindi Newsबिहार न्यूज़42 Percent Consumers given Electricity Bill without Miter Reading in Bihar Department lapse Consumers facing

खुलासाः हवा हवाई स्टाइल में काम कर रहा बिजली विभाग, बिल थमाने पर क्यों होता है बबाल? जानें सच्चाई

अक्सर यह हो रहा है कि उपभोक्ताओं को एक साथ 20-30 हजार का बिजली बिल दे दिया जा रहा है। ऐसे में जो उपभोक्ता 1000 रुपए से कम महीने का बिजली बिल जमा कर रहे होते हैं। उनके लिए बिजली बिल आफत बन जाती है।

Sudhir Kumar हिंदुस्तान, पटनाMon, 12 Sep 2022 06:33 AM
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बिहार में 42 फीसदी उपभोक्ताओं को बिजली बिल बिना मीटर रीडिंग के मिल रहा है। ऐसे उपभोक्ताओं को अनुमान के आधार पर बिजली बिल दिया जा रहा है। आंकड़ों के हिसाब से देखें तो बिहार के 70 लाख उपभोक्ता इस जद में हैं। ऊर्जा मंत्रालय के अधीन आरईसी लिमिटेड की एक रिपोर्ट से यह खुलासा हुआ है। ऐसे जब उपभोक्ताओं को मीटर रीडिंग कर बकाया बिल थमाया जाता है तो बबाल की स्थिति बन जाती है।

रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली और आंध्रप्रदेश में 98 फीसदी बिजली बिल मीटर रीडिंग कर दिए जाते हैं। तीसरे पायदान पर चंडीगढ़ है जहां 95 फीसदी बिल मीटर रीडिंग के आधार पर मिलते हैं। लद्दाख में 93 फीसदी, पंजाब में 92 फीसदी, गुजरात में 91 फीसदी, हिमाचलप्रदेश में 91 फीसदी, कर्नाटक में 90 फीसदी बिजली बिल रीडिंग के आधार पर दिए जा रहे हैं। जबकि तामिलनाडु में 90 फीसदी, असम, दादर नगर हवेली व तेलंगाना में 89, राजस्थान में 84 फीसदी, उत्तराखंड में 83 फीसदी, केरल में 82 फीसदी, उत्तरप्रदेश में 79 फीसदी, मणिपुर में 78 फीसदी, हरियाणा व गोवा में 77 फीसदी, महाराष्ट्र में 76 फीसदी बिजली बिल मीटर रीडिंग के आधार पर दिए जा रहे हैं। बिहार में 58 फीसदी लोगों को बिना मीटर रीडिंग के बिल दिए जा रहे हैं। 

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मीटर रीडिंग के आधार पर बिजली बिल देने का राष्ट्रीय औसत 79.21 फीसदी है। इस तरह बिहार राष्ट्रीय औसत से 21.21 फीसदी पीछे है। बिना मीटर रीडिंग के ही बिजली कंपनी उपभोक्ताओं को हर महीने बिजली बिल दे रही है। साल-छह महीने के बाद अचानक कंपनी के कर्मी उपभोक्ता के घर पहुंचते हैं और पुराना और मौजूदा रीडिंग का अंतर निकालकर हजारों का बिल थमा देते हैं। 

अक्सर यह हो रहा है कि उपभोक्ताओं को एक साथ 20-30 हजार का बिजली बिल दे दिया जा रहा है। ऐसे में जो उपभोक्ता 1000 रुपए से कम महीने का बिजली बिल जमा कर रहे होते हैं, उनके लिए अचानक से 20-30 हजार का बिजली बिल किसी बड़ी आफत से कम नहीं होता। पैसा जमा नहीं करने पर कनेक्शन काटने की धमकी भी दी जाती है। अधिक पैसा आने पर लोग बिजली कंपनी का चक्कर काटने को विवश हो जाते हैं। अंत में उपभोक्ताओं को पूरी राशि किस्तों में जमा करनी पड़ती है। इस तरह कंपनी की कार्यशैली बिजली उपभोक्ताओं पर भारी पड़ रही है। इन्हीं वजहों से बिजली बिल को लेकर अक्सर बबाल होता है।लोग दावा करते हैं कि जब हर माह बिल जमा कर दिया तो बकाया किस बात का? 


कहां कितनी रीडिंग कर बिजली बिल दिए जा रहे

छत्तीसगढ़ 75 फीसदी

पुडुचेरी 74 फीसदी

बंगाल 73 फीसदी

त्रिपुरा 69 फीसदी

ओड़िशा 59 फीसदी

बिहार 58 फीसदी

झारखंड 56 फीसदी

मध्यप्रदेश 53 फीसदी

जम्मू-कश्मीर 49 फीसदी

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