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Hindi Newsबिहार न्यूज़251 loads sent from Ramlala in laws house to Ayodhya 125 gifts including gold and silver utensils clothes

रामलला के ससुराल से अयोध्या भेजे गए 251 भार; सोने-चांदी के बर्तन, कपड़े समेत 125 गिफ्ट

परंपरा के अनुसार वस्त्र, आभूषण, मिठाई, अनाज, फल, पकवान समेत 125 प्रकार की वस्तुओं के साथ 251 भार भगवान सीता-राम के दरबार अयोध्या तीर्थ में ले जाया गया। श्रीराम को मिथलावासी दामाद मानते हैं।

Sandeep आशुतोष कुमार, वैशाली, पातेपुरSun, 21 Jan 2024 03:42 AM
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अयोध्या तीर्थ में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के लिए 12 जनवरी को ही वैशाली जिले के पातेपुर स्थित श्रीराम-जानकी मठ से 251 भार भेजा गया। मां जानकी की जन्मस्थली पुनौरा धाम सीतामढ़ी से भार पहुंचा। वहां से मिथला परंपरा के अनुसार लड़के के ससुराल पक्ष के लोग नवीन गृह प्रवेश के दौरान भार के रूप में मिष्ठान आदि भेजते हैं। इसी परंपरा का निर्वहन किया गया।

परंपरा के अनुसार वस्त्रत्त्, आभूषण, मिठाई, अनाज, फल, पकवान समेत 125 प्रकार की वस्तुओं के साथ 251 भार भगवान सीता-राम के दरबार अयोध्या तीर्थ में ले जाया गया। गाजे-बाजे के बीच महंथ विश्वमोहन दास ने भार अयोध्या पहुंचाया। 20 जनवरी की रात को एक बार फिर अयोध्या रवाना हुए। बाबा विश्वमोहन दास ने बताया कि मिथिला संस्कृति परंपरा के अनुसार बेटी के यहां होने वाले शुभ कार्यक्रम पर होने वाली परंपरा का निर्वहन हुआ।

इस मौके पर सोना-चांदी, कांसा का बर्तन, आधा दर्जन किस्म से अधिक के फल, अनाज, पकवान, दही, पान, मखान, मशाला, आलू, नमक समेत शृंगार सामग्री, बिछावन भेजा गया। पातेपुर महंत बाबा विश्व मोहन दास ने बताया कि भगवान श्रीराम को मिथलांचलवासी दामाद के रूप में, बहनोई के रूप में मानते हैं। मिथला संस्कृति की परंपरा रही है कि बेटी के ससुराल में कोई शुभ कार्य होता है। इस अवसर पर कुछ संदेश नहिहर (मायके) से भेजा जाता है। इसी परंपरा के अनुसार मिथलांचल से अयोध्या के लिए भार भेजा गया था। 22 जनवरी को अयोध्या तीर्थ क्षेत्र में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा का आयोजन होगा।

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