जहरीली शराब कांडः दो साल पहले 100 की मौत से नहीं ली सबक,सीवान में 8 गांवों के 24 परिवार उजड़े
शराब कांड के बाद जिले के कई लोगों ने कहा कि सारण में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का ड्रीम प्रोजेक्ट शराबबंदी कानून पुलिस की लापरवाही के कारण सफल नहीं हो रही है। इसका नतीजा यह हो रहा है कि शराबबंदी के बाद से सारण में काफी संख्या में लोग असमय काल के गाल में समा रहे हैं।
बिहार के सारण में करीब दो साल पहले 14 दिसंबर 2022 को 100 लोगों की हुई थी। इतनी बड़ी संख्या में मौत के बाद भी पुलिस प्रशासन के स्तर पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। इसका नतीजा यह हुआ कि सारण में दुबारा शराब कांड की पुनरावृत्ति हुई। इस शराब कांड का केंद्र बिंदु मशरक ही रहा। जिले के कई प्रखंडों में शराब पीने से मौत का जो सिलसिला मंगलवार को शुरू हुआ वह अभी तक थमा नहीं है। जिले में अबतक कम से कम 14 लोगों की मौत हो चुकी है और दर्जनों लोग बीमार हैं और बीस लोगों के आखों की रोशनी धुंधली पड़ जाने की बात बताई जा रही है।
शराब कांड के बाद जिले के कई लोगों ने कहा कि सारण में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का ड्रीम प्रोजेक्ट शराबबंदी कानून पुलिस की लापरवाही के कारण सफल नहीं हो रही है। इसका नतीजा यह हो रहा है कि शराबबंदी के बाद से सारण में काफी संख्या में लोग असमय काल के गाल में समा रहे हैं। शराब की बजाय बीमारी से मौत बताकर प्रशासन अपना पल्ला झाड़ लेता है। गरीब व निरीह जनता पुलिस के डर से अपना मुंह नहीं खोलना चाहती है। उसे डर है कि पुलिस उसे मुकदमा में फंसा देगी। दो साल पहले 18-19 जनवरी को मकेर-अमनौर में जहरीली शराब कांड हुआ था और साल के अंत दिसंबर माह में भी जहरीले शराब कांड में काफी संख्या में लोग मौत के शिकार बने।
लोग बोले- घटना के बाद चुप करा दिया जाता है
स्थानीय लोगों का कहना है कि कागजी आंकडों में मौतों की संख्या कम करने के लिए कमजोर परिवार के मृतकों की लाशें जला दी जाती हैं। इसके बाद जिला प्रशासन औ पुलिस अपनी सक्रियता बढ़ा देता है और लोगों के मुंह पर ताला लगाने के लिए भी बाध्य कर देता है। नतीजा यह होता है कि कोई भी लोग शराब से मौत के बारे में स्पष्ट तौर पर बताने को तैयार नहीं होते हैं।
आठ गांवों के 24 परिवारों की उजड़ गई दुनिया
भगवानपुर हाट थाना क्षेत्र में जहरीली शराब ने आठ गांवों के 24 से अधिक परिवारों की जिंदगी उजाड़ दी हैं। पूरे क्षेत्र के लोगों में पुलिस प्रशासन और शराब कारोबारियों के खिलाफ आक्रोश है। मृतकों के घर से निकल रही चीख- पुकार की आवाज से लोगों की आंखें नम हो जा रही हैं। सोमवार से हीं लोगों के मरने का सिलसिला जारी है। अबतक मरने वालों की संख्या 24 को पार कर चुकी है।वहीं कांड को लेकर लगातार प्रशासनिक अधिकारियों का दौरा तेज है। लगातार गाड़ियों की आवाज ग्रामीण सुन रहे हैं। पुलिस के अधिकारी कैंप कर रहे हैं।
सायरन बजाती हुई एम्बुलेंस दौंड रही इसे लेकर गुरुवार को सायरन बजाती हुई एम्बुलेंस दिन- रात रोड पर दौड़ रही है। एंबुलेंस की आवाज सुन लोगों के कान खड़े हो जा रहे हैं। लोगों के दिल में एक डर सा बैठ गया है कि कहीं फिर किसी की मौत तो नहीं हो गई।
दो जून की रोटी के भी लाले पड़ेंगे
जहरीली शराब ने कई परिवारों को रोड पर लाकर खड़ा कर दिया है। मृतकों में ज्यादातर 25 से 50 वर्ष के लोग हैं। गांवों में भ्रमण करने पर मृतकों के घरों से निकल रही चीत्कार की आवाज से दिल दहल जा रहा है।मृतक के परिवार के लोग दहार मार कर रो-रो कर कह रहे थे कि अगर प्रशासन मुस्तैद रहता तो इस प्रकार की घटना नहीं घटती। अब हम लोग किसके सहारे जीएंगे?
क्या कहते हैं एसपी?
शराब कांड में अब तक पांच लोगों की मौत हुई है। शराब माफिया समेत 37 लोग गिरफ्तार किये गये हैं। इस मामले में दोषी चार पुलिस पदाधिकारियों पर कार्रवाई की जा चुकी है। दो को सस्पेंड करने के साथ-साथ दो से जवाब तलब किया गया है। -डॉ कुमार आशीष, एसपी, सारण