बड़े शहरों में जाम से निजात के लिए स्पेशल प्लान, हाईकोर्ट सख्त, चीफ सेक्रेटरी को दिया यह आदेश
उच्च न्यायालय ने पटना में दोबारा संबंधित स्थानों पर अतिक्रमण न हो, इसके लिए प्रमंडलीय आयुक्त की अध्यक्षता में कमेटी बनाने का भी आदेश दिया है। यह कमेटी निरंतर निगरानी और समन्वय स्थापित करने का काम करेगी। उच्च न्यायालय इस मामले में अगली सुनवाई 15 दिसंबर को करेगी।
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बिहार के बड़े शहरों को अतिक्रमण और जाम से मुक्त किया जाएगा। अतिक्रमण हटाकर उसकी वीडियोग्राफी कराकर मुख्य सचिव (सीएस) को भेजनी होगी। इस अभियान की शुरुआत राजधानी पटना से की गई है। पटना को जाम, अतिक्रमण और अवैध खटाल समेत ऐसे अन्य सभी अवैध संरचनाओं को हटाने से संबंधित याचिका की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने सख्त निर्देश दिया है।
इससे संबंधित आदेश में मुख्य सचिव को खासतौर से हलफनामा दायर करने के लिए कहा गया है। पटना में जाम वाले इलाकों को चिह्नित कर यहां से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई करते हुए इसकी वीडियोग्राफी कराने के लिए कहा है। साथ ही अलग-अलग समय में की गई इन चुनिंदा स्थानों की वीडियोग्राफी को कोर्ट में प्रस्तुत करना है। इससे पहले और बाद की स्थिति स्पष्ट हो सके।
इसके अलावा उच्च न्यायालय ने पटना में दोबारा संबंधित स्थानों पर अतिक्रमण न हो, इसके लिए प्रमंडलीय आयुक्त की अध्यक्षता में कमेटी बनाने का भी आदेश दिया है। यह कमेटी निरंतर निगरानी और समन्वय स्थापित करने का काम करेगी। उच्च न्यायालय इस मामले में अगली सुनवाई 15 दिसंबर को करेगी। इस दिन मुख्य सचिव हलफनामा दायर करेंगे और अतिक्रमण हटाने, शहर में जाम की समस्या को दूर करने को लेकर की गई कार्रवाई से संबंधित पूरा ब्योरा स्पष्ट करेंगे। साथ ही यह भी बताएंगे कि सभी प्रमुख स्थानों से अतिक्रमण एवं सभी अवैध संरचना कब तक पूरी तरह से हटा दिया जाएगा। गृह विभाग की भूमिका इस पूरे मामले में समन्वय स्थापित करने की है।
मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई उच्च स्तरीय बैठक
इस आदेश को आनन-फानन में लागू करने के लिए पूरा प्रशासन हरकत में आ गया है। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बुधवार को इससे संबंधित उच्च स्तरीय बैठक की गई। इसमें निर्णय लिया गया कि पटना के प्रमंडलीय आयुक्त की अध्यक्षता में एक निगरानी एवं समन्वय कमेटी गठित की जाएगी। इसमें आईजी, डीएम, एसएसपी, नगर आयुक्त, एसपी ट्रैफिक समेत अन्य सभी संबंधित अधिकारी सदस्य होंगे। यह कमेटी यह सुनिश्चित करेगी कि जिन प्रमुख स्थानों से एक बार अतिक्रमण हटा दिया गया है, तो दूसरी बार यह नहीं लगे।