रामजानकी पथ निर्माण में जमीन व मुआवजा बन रही रोड़ा
आशुतोष कुमार ---------- सीवान। जिले के लिए रामजानकी पथ एक महत्वपूर्ण सड़क परियोजना है जो कई तरह से लाभप्रद होगी। यह परियोजना सीवान को अयोध्या और सीतामढ़ी से जोड़ेगी। साथ ही इससे धार्मिक स्थलों की...

आशुतोष कुमार ---------- सीवान। जिले के लिए रामजानकी पथ एक महत्वपूर्ण सड़क परियोजना है जो कई तरह से लाभप्रद होगी। यह परियोजना सीवान को अयोध्या और सीतामढ़ी से जोड़ेगी। साथ ही इससे धार्मिक स्थलों की यात्रा आसान हो जाएगी। ससमय इस पथ के निर्माण से स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलेगा और क्षेत्र में विकास की गति बढ़ेगी। इसका फायदा जिले में पर्यटकों की संख्या बढ़ने से मिलेगी। लेकिन यह महत्वपूर्ण परियोजना मुआवजा और जमीन अधिग्रहण को लेकर अधर में लटकी हुई। हालांकि, इसके निर्माण में आने वाली अड़चनों को दूर करने को लेकर बिहार सरकार के मुख्य सचिव से लेकर जिलाधिकारी खुद तत्पर दिख रहे हैं।
लेकिन, मुआवजा को लेकर कहीं-कहीं किसानों का विरोध प्रदर्शन कर कार्य में बाधा डाल रहे हैं। कुछ मामलों में, किसानों को उनकी जमीन के मूल्य से कम मुआवजा दिया जा रहा है। इसके अलावा, कुछ लोग सरकारी भूमि के रूप में सरकारी भवनों को चिन्हित करने के बजाय, अन्य भूमि का अधिग्रहण कर रहे हैं, इससे भी समस्या बढ़ रही है। बताते चलें कि जिले में दो खंड में रामजानकी पथ निर्माण का कार्य हो रहा है। पहले चरण में मशरख- सीवान है, इसमें 42 राजस्व गांवों के 3129 खसरा यानी सर्वे नंबर का मुआवजा दिया जाना है। इसमें दो सौ 33 करोड़ जमीन का एवं 90 करोड़ परिसंपत्ति का मुआवजा दिया जा चुका है। इस खंड में मिट्टी और पुल निर्माण जारी है। हालांकि इस खंड में भी कुछ जगहों पर किसान मुआवजा को लेकर अवरोध पैदा कर रहे हैं। इस खंड में कुल 40 किमी सड़क का निर्माण किया जाना है। इसमें पचरुखी, बसंतपुर, भगवानपुर हाट, महाराजगंज एवं गोरेयाकोठी अंचल की जमीन शामिल है। सीवान- मेहरौना खंड में टेंडर हो चुका, मुआवजा और जमीन खाली नहीं होने से बाधा जिले में रामजानकी पथ का दूसरा खंड सीवान-मेहरौना है। इस खंड में सड़क निर्माण को लेकर टेंडर हो चुका है। लेकिन अधिकतर रैयतों को अब तक मुआवजा नहीं मिल पाया है। इसके कारण जमीन खाली नहीं कर रहे हैं। कार्य अधर में लटका हुआ है। हालांकि जिला स्तर से सदर, मैरवा, गुठनी व जीरादेई अंचल के अंचलाधिकारियों को मुआवजा को लेकर आवेदन रैयतों से जल्द से जल्द भेजवाने का निर्देश दिया गया है। साथ ही नोटिस की कार्रवाई की जा रही है। गौर करने वाली बात है कि इस खंड में भी 40 किमी सड़क का निर्माण होना है। कई किसान राम जानकी पथ के निर्माण के लिए अपनी जमीन दे रहे हैं, लेकिन उन्हें उचित मुआवजा नहीं मिल रहा है। वे आरोप लगाते हैं कि सरकार उनके द्वारा दिए गए जमीन का वास्तविक मूल्य नहीं दे रही है, बल्कि बहुत कम मुआवजा दे रही है। जमीन अधिग्रहण में ये आ रही कठिनाई कुछ किसानों को उनकी जमीन का मुआवजा तो मिल गया है, लेकिन अब वे अपनी संपत्ति (मकान, दुकान आदि) के मुआवजे के लिए आवेदन करने में असमर्थ हैं। साथ ही कुछ ऐसे भी रैयत है, जो बाहर नौकरी कर रहे हैं। इसके चलते उनका आवेदन मुआवजा को लेकर जिला भू-अर्जन विभाग को प्राप्त नहीं हो रहा है। इसके चलते न मुआवजा का भुगतान हो रहा है, न जमीन अधिग्रहण हो पा रही है। मुआवजा को लेकर प्रदर्शन कर रहे किसानों से बातचीत कर हल निकालने की जरूरत है। ताकि समस्या का समाधान निकाला जा सके। रामजानकी पथ निर्माण होने से जिले को ये होगा लाभ रामजानकी पथ के निर्माण से सीवान से अयोध्या और सीतामढ़ी तक धार्मिक यात्रा करना आसान हो जाएगा। इससे धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और सीवान में भी पर्यटन गतिविधियों में वृद्धि होगी। साथ ही स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलेगा। सड़क निर्माण से रोजगार के अवसर पैदा होंगे और इससे संबंधित व्यवसाय भी बढ़ेंगे। वहीं आसपास के क्षेत्रों में विकास की गति बढ़ेगी। सड़क के आसपास बुनियादी ढांचे का विकास होगा, जिससे लोगों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी। जल्द निर्माण से सीवान और आसपास के क्षेत्रों में आवागमन में सुधार होगा। इससे लोगों को यात्रा करने में समय और पैसा दोनों की बचत होगी। इस पथ से अयोध्या और सीतामढ़ी के बीच का धार्मिक और सांस्कृतिक संबंध मजबूत होगा। यह दोनों शहरों के लोगों के बीच आपसी समझ और सहयोग को बढ़ावा देगा।
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