Hindi Newsबिहार न्यूज़समस्तीपुरUnregistered Coaching Centers and Schools in Tajpur Raise Safety Concerns After Tragic Incident

तंग गलियों में चल रहे तीन दर्जन से अधिक कोचिंग संस्थान

ताजपुर में 36 से अधिक बिना रजिस्ट्रेशन के कोचिंग संस्थान और आधा दर्जन निजी स्कूल चल रहे हैं। हाल ही में एक छात्रावास में हादसे के बाद संचालकों में हड़कंप मच गया है। शिक्षा विभाग के पास कोई जानकारी...

Newswrap हिन्दुस्तान, समस्तीपुरMon, 9 Sep 2024 04:55 PM
share Share

ताजपुर, निज संवाददाता। ताजपुर, निज संवाददाता। ताजपुर एवं आसपास के इलाके में बिना रजिस्ट्रेशन के तीन दर्जन से अधिक कोचिंग संस्थान एवं करीब आधा दर्जन निजी स्कूल चल रहे हैं। इसमें से अधिकांश ऐसे हैं जो तंग गली मोहल्ले में हैं। इन शिक्षण संस्थानों में सुरक्षा मानकों का भी पालन नहीं किया जाता है। दुर्घटना अथवा अनहोनी से बचाव की भी कोई व्यवस्था नहीं है। जानकारों की माने तो ताजपुर को कोचिंग का हब माना जाता है। यहां सीमावर्ती वैशाली एवं मुजफ्फरपुर जिले से सैकड़ों छात्र रोजाना पढ़ने के लिए बस से आते जाते हैं। इसके बाद भी यहां के कोचिंग संचालक सुरक्षा मानकों का कोई ख्याल नहीं रखते हैं। और तो और यहां के शिक्षा विभाग को भी कोचिंग के बारे में कोई जानकारी नहीं है। न ही कोई लेखा जोखा है।

16 निजी स्कूल हैं निबंधित

ताजपुर। ताजपुर शिक्षा विभाग के पास सरकारी स्कूलों को छोड़ महज 16 निजी स्कूल निबंधित बताए जाते हैं। वहीं कोचिंग संस्थान के बारे में कोई रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं है। एक भी कोचिंग संस्थान निबंधित नहीं है। जबकि विभागीय नियमानुसार शिक्षा विभाग से निजी स्कूल के अलावे कोचिंग, छात्रावास आदि संस्थानों को भी रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है।

हादसे के बाद कोचिंग संचालकों में हड़कंप

ताजपुर के हरिशंकरपुर बघौनी वार्ड 10 स्थित आवासीय प्रतियोगिता निकेतन छात्रावास में हादसे से अन्य कोचिंग संचालकों में हड़कंप मच गया है। मालूम हो कि बीते शनिवार देर शाम खेलने के दौरान दो मंजिले छात्रावास की छत से पांच बच्चे गिरकर गंभीर रूप से जख्मी हो गए थे। जिसमें एक बच्चे की इलाज के दौरान मौत हो गई थी। सभी बच्चे छत के खुले भाग से तीस फीट नीचे गिरे थे। जिस कारण गंभीर रूप से जख्मी हो गए। घटना के बाद छात्रावास संचालक फरार हो गया था। घटना की खबर आसपास के इलाके में फैलते ही छात्रावास में रह रहे अन्य बच्चों के अभिभावक आननफानन में पहुंचे और अपने अपने बच्चे को घर ले गए। जिससे अब उक्त छात्रावास में में ताला लटका हुआ है। आसपास के लोगों ने बताया कि दो तीन साल से इसमें बच्चे रह रहे थे। बहुत ही कम बाहर निकलते थे। ज्यादातर बच्चे छह साल से लेकर 12-13 साल के बच्चे थे। साधारण परिवार के बच्चे मालूम पड़ते थे। वहीं मोहल्ले के लोगों ने बताया कि उन्हें कभी मालूम ही नहीं चला कि यहां पर कोई आवासीय छात्रावास भी चलता है। न कोई बोर्ड बैनर न कोई प्रचार प्रसार ऐसे में कैसे पता चलता। बिल्कुल ही तंग गली है। उधर लोगों का आना जाना भी कम ही होता है। उधर छात्रावास हादसे के बाद यहां के अन्य कोचिंग व बिना रजिस्ट्रेशन वाले निजी स्कूल संचालकों में संभावित कार्रवाई को लेकर डर एवं घबराहट समाया हुआ है। इस मामले में कोई कुछ बोलने में भी घबराने लगे हैं।

कहते हैं पदाधिकारी

ताजपुर में आवासीय छात्रावास हादसे पर प्रभारी बीईओ प्रमिला कुमारी ने बताया कि उन्हें घटना की जानकारी मिली है। छात्रावास संचालक बिना विभाग को जानकारी दिए बिना रजिस्ट्रेशन के चोरी छिपे हॉस्टल चला रहा था। इसकी जांच की जाएगी।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें