रैक प्वाईंट से सीधे खुदरा विक्रेताओं को उर्वरक हो उपलब्ध
सहरसा में जिला उर्वरक निगरानी समिति की बैठक आयोजित की गई, जिसमें उर्वरकों की परिचालन, वितरण और भंडारण की चर्चा हुई। जिला कृषि पदाधिकारी ने बताया कि किसानों को उर्वरक की कमी की कोई शिकायत नहीं मिली है।...

सहरसा, हिन्दुस्तान संवाददाता। उर्वरकों के परिचालन, वितरण, भंडारण एवं बिक्री पर अनुश्रवण हेतु जिला उर्वरक निगरानी समिति की बैठक आयोजित की गई। शुक्रवार को जिला पदाधिकारी वैभव चौधरी की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में संबंधित मामले पर विचार विमर्श किया गया और आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए। आयोजित बैठक में जिला कृषि पदाधिकारी द्वारा जिले में विभिन्न उर्वरक की उपलब्धता की जानकारी देते बताया कि किसानों द्वारा उर्वरक की कमी की कोई शिकायत नहीं प्राप्त हुई है। महिषी विधायक गुंजेश्वर साह ने जानकारी दी कि क्षेत्र में किसानों द्वारा कही से उर्वरक की अनुपलब्धता से संबंधित शिकायत प्राप्त नहीं है। किसानों को इस बार उर्वरक सहजता से उपलब्ध है।
वर्त्तमान समय में उर्वरक की कमी नहीं है, परन्तु खरीफ मौसम में उर्वरक की आवष्कता होगी, जिसकी तैयारी अभी से करने की आवश्यकता है। जिलाधिकारी द्वारा निर्देशित किया गया कि जिले में उपलब्ध उर्वरक की उपलब्धता एवं भौतिक मात्रा का सत्यापन करा लें, ताकि उर्वरक की उपलब्धता की वास्तविक मात्रा की जानकारी हो। विधायक सदर डॉ आलोक रंजन द्वारा सुझाव दिया गया कि उर्वरक का रेट चार्ट प्रखंड मुख्यालयों में एवं जिला मुख्यालयों में फ्लैक्स के माध्यम से प्रदर्शित किया जाय, ताकि किसानों को उवर्रक के दर की सही जानकारी हो एवं अनावश्यक परेशानी का सामना नहीं करना पड़े। साथ ही उनके द्वारा बताया गया कि रैंक पर प्राप्त उर्वरक संबंधित थौक विक्रेता के गोदाम में भंडारित किया जाता है, खुदरा विक्रेताओं को गोदाम से उर्वरक उपलब्ध कराया जाता है, जिससे परिवहन में अधिक लागत आती है। उनके द्वारा सुझाव दिया गया कि रैक प्वाईंट से सीधे खुदरा विक्रेताओं को उर्वरक उपलब्ध कराया जाय, ताकि परिवहन लागत कम से कम किया जा सके। डीएम द्वारा अतिरिक्त परिवहन लागत मूल्य के संबंध में विभाग से पत्राचार के माध्यम से दिशा निर्देष प्राप्त करने हेतु निर्देशित किया गया। अध्यक्ष जिला परिषद् किरण देवी द्वारा बताया गया कि सलखुआ के प्रखंड कृषि पदाधिकारी प्रायः प्रखंड में उपलब्ध नहीं रहते है। इस संबंध में जिला कृषि पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि वर्त्तमान में मात्र तीन प्रखंड कृषि पदाधिकारी पदस्थापित है, जिन्हें अतिरिक्त प्रखंडों का प्रभार दिया गया है। जिला पदाधिकारी द्वारा निदेषित किया गया कि पदस्थापित सभी प्रखंड कृषि पदाधिकारी को रोस्टर बनाकर अग्रिम भ्रमण कार्यक्रम उपलब्ध कराने हेतु निदेषित करें, ताकि निर्धारित कार्यदिवस पर संबंधित प्रखंड में उपस्थिति सुनिश्चित की जा सके। बैठक में उप विकास आयुक्त संजय कुमार निराला, जिला सहकारिता पदाधिकारी जयप्रकाश सिंह, जिला सूचना जन सम्पर्क पदाधिकारी, कृषि जिला परामर्शी सहित अन्य थे। नोडल पदाधिकारी की अध्यक्षता जांच दल : जिलाधिकारी द्वारा निर्देश दिया गया कि जिला प्रशासन द्वारा प्रखण्ड के नामित नोडल पदाधिकारी की अध्यक्षता में प्रखण्ड विकास पदाधिकारी, प्रखण्ड कृषि पदाधिकारी एवं संबंधित अनुमंडल कृषि पदाधिकारी के साथ एक जाँच दल का गठन किया जाय जो प्रतिष्ठानों पर सतत् निगरानी रखेंगें तथा प्रतिष्ठानों की जाँच करेंगें। किसान सीधे कर सकते संपर्क : जिला कृषि पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि उर्वरक दुकानों पर उर्वरक रेट चार्ट संधारित है। दीवार लेखन में संधारित रेट चार्ट में उर्वरक मूल्य तालिका के साथ संबंधित प्रखंड के प्रखंड कृषि पदाधिकारी, पंचायत कृषि समन्वयक एवं किसान सलाहकार का मोबाईल नंबर अंकित कराया जा रहा है, जिससे किसी प्रकार की परेशानी की स्थिति में किसान सीधे संपर्क स्थापित कर समस्या का निवारण करा सकते है। जिलास्तर पर जिला कृषि कार्यालय में हेल्पलाईन नंबर-9031643399/06478-228487 कार्यरत है, जिसके नोडल पदाधिकारी कुमार ऋषिरंजन सहायक निदेशक(प्रक्षेत्र), जिला कृषि कार्यालय, सहरसा है। किसानों को उर्वरक उपलब्धता की दे जानकारी : जिलाधिकारी द्वारा प्रखंड प्रमुख की अध्यक्षता में प्रखंड उर्वरक निगरानी समिति की बैठक ससमय कराने हेतु निदेशित किया गया। साथ ही जिले में किसानों को उर्वरक उपलब्धता की जानकारी संबंधित सूचना प्रसारित कराने हेतु निर्देशित किया गया।
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