Hindi Newsबिहार न्यूज़Rupees 4 Crore cyber fruad from doctor by threatening him of money laundering case

डॉक्टर से 4.40 करोड़ का साइबर फ्रॉड, मनी लॉन्ड्रिंग का केस बताकर शातिरों ने ऐसे निकलवाए रुपये

गया के नामचीन डॉक्टर को मनी लॉन्ड्रिंग के केस में गिरफ्तारी का डर दिखाकर साइबर ठगों ने 4.40 करोड़ रुपये ऐंठ लिए। पुलिस ने आरोपियों के बैंक खाते में जमा 61 लाख रुपये होल्ड करा दिए हैं।

Jayesh Jetawat हिन्दुस्तान, गयाThu, 22 Aug 2024 10:23 PM
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बिहार के गया से साइबर ठगी का बड़ा मामला सामने आया है। शहर के एक नामचीन डॉक्टर को झांसे में लेकर शातिरों ने 4.40 करोड़ रुपये की ठगी कर दी। साइबर अपराधियों ने खुद को सीबीआई बताकर डॉक्टर को मनी लॉन्ड्रिंग के फर्जी केस में गिरफ्तारी का डर दिखाकर उनसे रुपये ऐंठ लिए। यह रकम डॉक्टर के बैंक खाते से 6 दिनों (31 जुलाई से लेकर 5 अगस्त तक) के भीतर ठगों के कई अलग-अलग खातों में ट्रांसफर कराई गई। साइबर थाने ने इस मामले में एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

जानकारी के मुताबिक एक साइबर अपराधी ने डॉक्टर को 29 जुलाई को उनके मोबाइल पर कॉल कर खुद को सीबीआई का अफसर बताया। उनसे कहा गया कि आपके खिलाफ सीबीआई ने क्रिमिनल केस दर्ज किया है। डॉक्टर के नाम से मुंबई में एचडीएफसी बैंक में खाता खोला गया है। उसमें मनी लॉन्ड्रिंग की राशि और अवैध रूप से रकम जमा होती है। अगर क्रिमिनल प्रोसिंडिंग से बचना चाहते हैं तो साइबर कोर्ट ने अपने बैंक खाते में जमा रकम को तत्काल दूसरे अकाउंट में ट्रांसफर कराने को कहा है।

इसके बाद डॉक्टर को कुछ बैंक खातों की संख्या और उनका ब्योरा भेजा गया। साइबर ठगों ने डॉक्टर से यह भी कहा कि यदि वे ऐसा नहीं करते हैं तो उनके खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट जारी होगा और गिरफ्तार कर लिया जाएगा। इसके अलावा 3 करोड़ सिक्योरिटी मनी भी जमा करनी होगी। दहशत में आए चिकित्सक ने 31 जुलाई से लेकर 5 अगस्त के बीच साइबर अपराधी द्वारा दिए गए खातों में राशि ट्रांसफर कर दी।

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पुलिस को दिए बयान में पीड़ित चिकित्सक ने बताया जब साइबर ठगों ने फर्जी सीबीआई अधिकारी बनकर फोन किया तो वे डर गए और उन्होंने रुपये ट्रांसफर कर दिए। जब ठगी का एहसास हुआ तो इसकी जानकारी पुलिस को दी। डॉक्टर ने 6 अगस्त को प्राथमिकी दर्ज कराई। इस मामले में गया के वरीय पुलिस अधीक्षक आशीष भारती ने छानबीन के लिए सिटी एसपी प्रेरणा कुमार के नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया है। पुलिस ने धारा 319(2)/318(4) बीएनएस एवं 66 (सी)/66 (डी) आईटी एक्ट के तहत प्राथमिकी दर्ज की है।

साइबर थानाध्यक्ष साक्षी राय ने बताया कि एफआईआर दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जा रही है। साइबर ठग के 123 बैंक खातों का पता चला है, जिनमें रकम ट्रांसफर कराई गई थी। उनकी जांच शुरू कर दी गई है। संबंधित बैंकों से उन खातों का केवाईसी प्राप्त किया जा रहा है। अब तक उन खातों में जमा करीब 61 लाख रुपये होल्डकराएगएहैं।

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