साइबर ठग फ्रॉड करने के नए-नए पैंतरे आजमा रहे हैं। पटना में एक युवक को वीडियो कॉल पर अश्लील वीडियो दिखाकर 5 लाख से ज्यादा की ठगी कर ली गई।
दिल्ली में हुए 11 करोड़ के साइबर फ्रॉड में दिल्ली पुलिस ने बिहार के मुजफ्फरपुर से एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। ठगों का नेटवर्क दुबई तक फैला है।
बिहार के जमुई में जमीन बंटवारे में उत्पन्न विवाद में रिश्ते का खून कर दिया गया। घटना जमुई के खैरा थाना क्षेत्र के धोवघट गांव की है। बुधवार की शाम बड़े ने अपने मंझले भाई की गोली मारकर हत्या कर दी। मृतक 36 वर्षीय प्रमोद सिंह उर्फ लालो धोवहट गांव के मुरारी सिंह का बेटा था।
छानबीन में स्पष्ट हुआ है कि बिहार के साथ देश के अलग-अलग राज्यों के ट्रैवल्स एजेंट युवाओं को नौकरी का झांसा देकर विदेश भेज रहे हैं। वहां पाकिस्तान और चीन के हैकर उन युवाओं को ट्रेनिंग देकर साइबर ठगी के लिए बाध्य कर रहे हैं।
बिहार के नवादा में पुलिस ने महिलाओं को गर्भवती बनाने की जॉब के नाम पर कई राज्यों के लोगों से ठगी करने वाले साइबर अपराधियों के गिरोह का पर्दाफाश किया है।
ईओयू (आर्थिक अपराध इकाई) ने इन बैंक शाखाओं और इनमें खोले गए म्यूल खातों की पहचान कर इनके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए आरबीआई (भारतीय रिजर्व बैंक) के अलावा केंद्रीय गृह मंत्रालय एवं केंद्रीय वित्त मंत्रालय को पत्र लिखा है।
उसने बताया कि वैशाली गोलंबर से कुछ लोगों ने उसे अगवा कर लिया है। युवक के इतना कहने के बाद अपहरणकर्ता ने परिजनों से बात कर 12 लाख रुपये फिरौती की मांग की। उन्होंने पुलिस को बताने पर युवक को जान से मारने की धमकी दी।
डकैत मोची पिछले साल जनवरी महीने में जेल से छूटकर आया था। वह रौटा के अन्नगढ़ इलाके का रहने वाला था। उसके ऊपर बिहार और पश्चिम बंगाल में दर्जनों आपराधिक मामले दर्ज हैं जिनमें पुलिस उसकी तलाश कर रही थी।
बिहार के मुजफ्फरपुर में साइबर ठगी का बड़ा मामला प्रकाश में आया है। ऑनलाइन जॉब और छोटे-छोटे निवेश पर अच्छी कमाई का झांसा देकर दो युवक-युवती से 29.37 लाख रुपय की ठगी कर ली गई है। इस संबंध में दोनों ने साइबर थाने में अलग-अलग एफआईआर दर्ज कराई है।
बिहार में ऑनलाइन अपराध से निपटने के लिए साइबर सेल बनाया जाएगा। राज्य सरकार से मंजूरी मिलने के बाद इसका गठन कर दिया जाएगा। पुलिस मुख्यालय ने इसकी तैयारी कर ली हैै।
साइबर अपराधियों ने एक रिटायर प्रोफेसर को चार दिनों तक डिजिटल अरेस्ट कर रखा और उनसे 14 लाख 33 हजार 487 रुपये ठग लिये। घटना की सूचना मिलने पर साइबर थाने की पुलिस ने प्रोफेसर को थाने बुलाया और मामले में प्राथमिकी दर्ज की गयी।
ईडी की टीम को यहां से बड़ी संख्या में डिजिटल साक्ष्य, बैंक के पासबुक, जमीन के कागजात एवं नकदी मिली है। टीम ने बंद कमरे में पूछताछ के बाद वहां से कई महत्वपूर्ण जमीनों के दस्तावेज जब्त किये। ईडी की एक अन्य टीम ने बोरिंग रोड स्थित कार्यालय पर भी छापेमारी की।
बिहार में बीते 11 महीने के भीतर 35 हजार से ज्यादा किशोर साइबर फ्रॉड का शिकार हो चुके हैं। पटना और भागलपुर के बच्चों की संख्या सर्वाधिक है। लड़कों को ठग लड़कियों के नाम पर झांसा देकर फंसा रहे हैं।
युवती ने क्रिप्टो ट्रेडिंग के लिए सिर्फ दस हजार निवेश करने की बात कही। शातिर ने पांच दिनों तक क्रिप्टो ट्रेडिंग की जानकारी दे उन्हें जाल में फंसा लिया। बाद में पीड़ित को एक व्हाट्सएप ग्रुप से जोड़ा दिया गया। मुनाफा के चक्कर में पीड़ित एक महीना में अपने 40 लाख रुपये कंपनी में निवेश कर दिए।
कारोबारी प्रभात कुमार का कहना है कि खाते में मोबाइल नंबर और ई-मेल उनका नहीं है। खाते में 1.75 करोड़ रुपए का फ्रॉड लेन देन हुआ। पुलिस जांच कर रही है।
1930 पर आने वाली कॉल का उत्तर देने के मामले में बिहार का देश में पहला स्थान है। साथ ही साइबर अपराध से संबंधित राशि को होल्ड कराने में बिहार पांचवें स्थान पर है। साइबर फ्रॉड में संदिग्ध 13 हजार 403 मोबाइल नंबर और 4 हजार 804 आईएमईआई (इंटरनेशनल मोबाइल इक्यूपमेंट आईडेंटिटी) को ब्लॉक कराया गया है।
पीड़ित युवक की मां ने पुलिस को बताया है कि आरोपियों ने थूक भी चटवाया और कान पकड़ कर उठक बैठक करवाया। घटना नगर थाना इलाके के बनारस बैंक चौक के पास स्थित एमएसकेबी कॉलेज परिसर की है।
घटना स्थल से एक लोडेड कट्टा पुलिस द्वारा बरामद किया गया है। लोडेड कट्टा मिस फायर हालत में था। पुलिस ने मृतक का मोबाइल जब्त कर लिया है। उससे मौत से रहस्य से पर्दा उठ सकता है।
28 वर्षीय गोपाल कुमार गोलू के रूप में गुई है। उसकी हत्या बदमाशों ने गोली मार कर दी। शुक्रवार की अहले सुबह गोपाल कुमार एक अपाची बाइक से घर की ओर जा रहा था। उसी समय गाड़ी रुकवा कर बदमाशों ने उसकी जान ले ली।
शेखपुरा के एसपी बलिराम कुमार ने बताया कि गृह मंत्रालय से इनपुट मिला था कि शेखोपुरसराय थाना के पांची गांव में कॉल सेंटर बनाकर ठगी का खेल हो रहा है। फाइनेंस कंपनी से लोन दिलाने के नाम पर लोगों के साथ ठगी की जा रही थी।
चीन और पाकिस्तान के मानव तस्करों ने कंबोडिया, अमेरिका, स्विट्जरलैंड आदि देशों में कंसल्टेंसी खोल रखी है, जहां भारतीय युवकों को नौकरी के नाम पर झांसा देकर पहुंचाया जाता है। साइबर फ्रॉड की ट्रेनिंग देकर खातों में सेंधमारी के लिए विवश किया जाता है।
पैस्क मैनेजर बैंक से रुपए लेकर अपने गांव लौट रहे थे। रास्ते में एक जगह नारियल पानी पीने लगे। वहीं खुजली का पाउडर डाल दिया और रुपये वाला बैग लूटकर फरार हो गए।
छानबीन में पता चला कि पेशेवर तरीके से कॉल सेंटर बनाकर ठगी का रैकेट चलाया जा रहा था। गिरोह अलग-अलग राज्यों में स्थानीय भाषा में लोन का विज्ञापन देते थे। कॉल आने पर शातिर उन्हें जाल में फंसा उनसे अलग-अलग बहाने से रुपये मांगते थे।
राज्य के सभी 40 साइबर थानों में इस वर्ष अब तक साइबर अपराध से संबंधित नौ हजार से अधिक मामले दर्ज किए जा चुके हैं। इनमें एटीएम के माध्यम, फोन कर पासवर्ड पूछना समेत अन्य तरीके से ठगी के मामले सबसे अधिक हैं।
एनआईए की ओर से बताया गया है कि कंबोडिया में फंसे बेरोजगारों को मानव तस्कर भारत में कॉल कर साइबर ठगी के लिए लोगों को शिकार बनाने का आदेश देते हैं। बात नहीं मानने पर उन्हें इलेक्ट्रिक शॉक दिया जाता है।
सरगना ठगी के कॉल सेंटर में काम करने वाले युवकों को प्रशिक्षण भी देता था, ताकि लोगों को झांसे में लेकर ठगा जा सके। सरगना उन्हें मोबाइल, फर्जी सिमकार्ड, बैंक खाता भी उपलब्ध करवाता था। यह गिरोह सैकड़ों लोगों से ठगी कर चुका है।
गया पुलिस ने सस्ते लोन की आड़ में साइबर ठगी को अंजाम देने वाले बड़े रैकेट का खुलासा किया है। एक प्राइवेट कंपनी और कॉल सेंटर में छापा मारकर 36 लोगों को गिरफ्तार किया, जिनमें 17 महिलाएं हैं। यह रैकेट पिछले तीन साल से सक्रिय था।
पूछताछ के नाम पर डरा कर बुजुर्ग से 43 लाख रुपये अगल-अलग खाते में स्थानांतरित करवा लिए गए। प्रदीप और अकांक्षा नाम की युवती ने पीड़ित को कहा कि उनके पहचान पत्र पर मुंबई में खाता खोला गया है।
फर्जी सोशल मीडिया खातों से किशोरों को झांसा देकर शिकार बनाया जा रहा है। साइबर ग्रूमिंग के खतरों से बचाने के रास्ते बताने को एक किताब तैयार की गई है। स्कूलों में इसके माध्यम से किशोरों को जागरूक करने की मुहिम चलेगी। कक्षा 8वीं से ही इस पुस्तक के जरिए बच्चों को जागरूक करने का निर्देश दिया गया है।
ठग ने 38 लाख रुपये का भुगतान एक प्रोजेक्ट के लिए करने को कहा और खाता नंबर दिया। संजय ने कंपनी के खाते से रुपये ट्रांसफर कर दिए। इसके बाद ठग ने 50 लाख रुपये और भेजने को कहा।