व्यवस्था के नाम पर टेंट बुकिंग आदि के लिए आकर्षक प्रलोभन देकर ऑनलाइन रुपये जमा कराने का लगातार प्रयास किया जा रहा है। कुछ तीर्थयात्रियों को गुमराह कर ऑनलाइन पैसा भी जमा करा लिया गया है। जैसा कि व्हाट्सएप पर प्राप्त पेपर कटिंग और ट्रांजेक्शन डिटेल से स्पष्ट है।
साइबर सुरक्षा से जुड़ी कंपनी McAfee ने अपनी रिपोर्ट में खुलासा किया है कि भारत में ऑनलाइन स्कैम्स बढ़े हैं। इसके अलावा इन स्कैम्स को लेकर भारतीय इंटरनेट यूजर्स की चिंता भी बढ़ी है।
उद्योगपति अमर तुल्सयान के नाम पर कंपनी के जीएम से 2.70 करोड़ रुपये हैदराबाद के दो बैंक खाते में मंगाए गए थे। हैदराबाद में स्थित यश बैंक में 13 नवंबर को 90 लाख और 14 नवंबर को आईसीआईसीआई बैंक में 1.80 करोड़ रुपये जालसाजों ने ट्रांसफर कराया था।
उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी की कंपनी से 2.08 करोड़ रुपये की ठगी कर ली। मंत्री के कंपनी के अकाउंटेंट को झांसा देकर साइबर ठग ने तीन बैंक खातों में रुपये ट्रांसफर करा लिए।
पान मसाला उद्यमी के नाम पर जीएम से 2.70 करोड़ रुपये की जालसाजी की गई। शुद्ध प्लस के मालिक अमर तुलस्यान की फोटो डीपी पर लगाकर जालसाज ने रुपये ट्रांसफर कराए। कम्पनी का मालिक बनकर जीएम को मैसेज भेजा और पैसे मांग लिए।
आगरा में एक कारोबारी के चालू खाते से 30 लाख रुपये साइबर जालसाजों ने निकाल लिए। सुबह उठकर मोबाइल देखा तो कारोबारी के होश उड़ गए। उसने बताया कि उसके पास न कोई फोन नहीं आया और नहीं ही किसी को ओटीपी बताया।
एक डॉक्टर को यूट्यूब ऐड पर क्लिक करने के कारण 76.5 लाख रुपये का नुकसान हो गया। रिपोर्ट के अनुसार सरकारी मेडिकल कॉलेज के एक एसोसिएट प्रोफेसर ने स्टॉक मार्केट और ऑनलाइन ट्रेडिंग की गाइडेंस देने वाले एक यूट्यूब ऐड पर क्लिक किया था।
आगरा कमिश्नरेट में पिछले दस महीने लुटेरों और बदमाशों ने इतनी रकम नहीं लूटी जितनी अकेले साइबर अपराधी बिना किसी को हथियार दिखाए ले गए। ऐसे में विशेषज्ञों ने लोगों को बचने के लिए टिप्स बताए हैं।
जालसाज एसबीआई के ग्राहकों को फर्जी एसएमएस और वॉट्सऐप मेसेज भेज कर अपने जाल में फंसा रहे हैं। इस मेसेज में में यूजर्स से रिवॉर्ड पॉइंट्स को रिडीम करने के लिए कहा जा रहा है। मेसेज में कैश रिडीम करने के लिए एक फर्जी लिंक भी दिया गया है।
एंड्रॉयड प्लेटफॉर्म पर एक नए मालवेयर से जुड़ी जानकारी सामने आई है, जो इंटरनेट यूजर्स को आसानी से शिकार बना सकता है। यह ऐप की शक्ल में फोन का हिस्सा बनता है और कॉल्स स्कैमर्स को रीडायरेक्ट कर देता है।
आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस (AI) टूल्स की मदद से स्कैमर्स लोगों को आसानी से शिकार बना रहे हैं। ऐसे टूल्स किसी की आवाज की हूबहू कॉपी करने का विकल्प देते हैं और यही वजह है कि AI वॉइस क्लोनिंग स्कैम्स तेजी से बढ़े हैं।
सोलह श्रृंगार में भगवान कृष्ण की राधा होने का दावा करने से चर्चा में आए पूर्व आईपीएस अफसर डीके पांडा ने दावा किया है कि ऑनलाइन ट्रेडिंग से उन्होंने 381 करोड़ कमाए थे जो ठग लिए गए हैं। उन्होंने ठगों की एनआईए और सीबीआई से जांच कराने की मांग की है।
WhatsApp पर लगातार नए-नए स्कैम के मामले सामने आ रहे हैं। अब दिवाली के मौके पर स्कैमर्स एक नए तरह का फ्रॉड कर रहे हैं। धोखाधड़ी तब शुरू हुई जब इंजीनियर को कथित तौर पर उसके बॉस से व्हाट्सऐप पर दिवाली गिफ्ट मेसेज मिला।
सरकार ने एक स्पैम-ट्रैकिंग सिस्टम शुरू किया है, यह भारतीय फोन नंबर की तरह दिखने वाली इंटरनेशनल कॉल्स की पहचान कर उन्हें ब्लॉक कर सकेगा। इस नई प्रणाली 'इंटरनेशनल इनकमिंग स्पूफ़्ड कॉल्स प्रिवेंशन सिस्टम' नाम दिया है।
मित लोढ़ा के हवाले से लिखा कि उनका एक मित्र अपना फर्नीचर बेचना चाहता है। फिर भंडारी से चैट करके उन्हें झांसे में ले लिया और यूपीआई के माध्यम से 42 हजार रुपये ट्रांसफर करवा लिया।
इंटरनेट की दुनिया से लगातार जुड़े रहने के चलते आपकी ढेर सारी जानकारी ऑनलाइन सेव रहती है। इस जानकारी के लीक होने की स्थिति में आप फ्रॉड या स्कैम का शिकार बन सकते हैं।
जालसाजों को ठगी की रकम ट्रांसफर करने के लिए बैंक खाता मुहैया करवाने के आरोप में गुरुग्राम साइबर थाना पश्चिम की पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए इन आरोपियों में से एक यूको बैंक का डिप्टी मैनेजर है।
जालसाजों ने मदद के नाम पर सोशल मीडिया पर जाल बिछाया है। ऐप की मदद से वे यह बताने का दावा करते हैं कि उतार-चढ़ाव के हिसाब से शेयर मार्केट में निवेश कराएंगे। अधिक लाभ के लालच में लोग आसानी से इनके शिकार बन जा रहे हैं। लोग आसानी से जालसाजों का भरोसा कर ले रहे हैं।
कूरियर में ड्रग्स बताकर साइबर ठगों ने पूछताछ के नाम पर बरेली की युवती को डिजिटल अरेस्ट कर लोन कराकर दस लाख रुपये ठग लिए। साइबर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। रामपुर बाग की आयुषी जायसवाल नोएडा में निजी कंपनी में कार्यरत हैं।
एसटीएफ की आगरा यूनिट को इनपुट मिला है। इसके आधार पर जांच जारी है। एक साइबर ठग की व्हॉट्सएप चैट से खुलासा हुआ है कि मेवात के साइबर ठग धर्म देखकर लोगों को फंसाते हैं। आरोपित के मोबाइल में चैट मिली है।
कोतवाली चंदपा क्षेत्र के गांव नगला उसर कुंवरपुर निवासी व्यक्ति के साथ हुई धोखाधड़ी,तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर पुलिस मामले की छानबीन में जुटी,कोतवाली चंदपा क्षेत्र के गांव नगला उसर कुंवरपुर निवासी व्यक्ति ने धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया है। मुकदमा दर्ज कर पुलिस जांच में जुटी है।
नवादा में साइबर फ्रॉड का हब बन चुके वारिसलीगंज इलाके में पुलिस ने 15 ऑनलाइन ठगों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार लोगों में एक लड़के ने हाल में बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की परीक्षा दी थी। लड़के को तेज देख गिरोह ने बढ़िया कमाई का झांसा देकर काम पर रख लिया था।
अरावली विहार थाना अधिकारी गुरुदत्त सैनी ने बताया कि थाना क्षेत्र के स्कीम 8 निवासी जगदीश प्रसाद मीणा ने थाने में रिपोर्ट दी। रिपोर्ट में बताया गया कि कजोड़मल सैनी और अशोक सैनी ने 35 की धोखाधड़ी की है।
शेयर और क्रिप्टो के नाम करोड़ों ठगने वाला आठवीं फेल शातिर गिरफ्तार कर लिया गया। कानपुर कैंट निवासी सैन्य अफसर से 1.78 करोड़ की ठगी की थी। कानपुर साइबर सेल की टीम ने भोपाल में छापेमारी कर दबोच लिया। पकड़े गए आरोपियों में तीन बैंक कर्मी भी शामिल हैं।
साइबर ठग फर्जी वेबसाइट बनाकर खरीदारों के साथ ठगी की वारदात को अंजाम देने की फिराक में रहते हैं। ग्राहक थोड़ी सी सावधानी बरतकर धोखाधड़ी से बच सकते हैं।
एमएमएमयूटी में पढ़ने वाली एक छात्रा को जालसाजों ने डिजिटल अरेस्ट कर लिया। फोन कर पहले लोन न अदा करने पर केस दर्ज होने का हवाला देकर 38 हजार रुपये वसूले। फिर शरीर पर टैटू होने की बात कहकर उसके कपड़े उतरवाकर फोटो ले लिया।
मोबाइल टावर इंस्टॉलेशन के नाम पर फ्रॉड के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। फ्रॉड करने वाले फेक पहचान दिखाकर लोगों को लुभाते हैं और बड़ी रकम देने का वादा करते हैं। ऐसे में सावधान रहना बेहद जरूरी है।
अलीगढ़ के एएमयू की एक सेवानिवृत्त महिला प्रोफेसर को डिजिटल अरेस्ट कर 75 लाख रुपये ठगे गए हैं। जिसका मुकदमा शुक्रवार को साइबर थाने में दर्ज कराया गया है। हैरान करने वाली बात है कि 10 दिन तक रोज रकम ऐंठी।
हैरान करने वाली बात ये है कि पहले दिन 2 घंटे तक उन्हें डिजिटल अरेस्ट रखा। फिर दस दिन तक हैकर वीडियो कॉल कर रुपये ऐंठते रहे। उन्हें इतना डराए रखा कि वह किसी को कुछ बता न सकीं। रकम हैकरों के पास पहुंचने के बाद उनसे संपर्क टूटने पर उन्हें ठगी का अहसास हुआ और पुलिस के पास पहुंचीं।
वारिसलीगंज के जिस डॉन अखिलेश सिंह के नाम से नवादा, लखीसराय, शेखपुरा और जमुई के लोग 2000 के दशक में खौफ खाते थे, साइबर ठगों ने उनको ही चूना लगा दिया। इलाके में सरदार के नाम से मशहूर भाजपा की विधायक अरुणा देवी के पति अखिलेश से ऑनलाइन फ्रॉड हो गया है।