ईडी, सेबी, सीबीआई और मुम्बई क्राइम ब्रांच का दिखाया खौफ, साइबर फ्रॉड ने कारोबारी से ठग लिए 90 लाख
साइबर फ्रॉड ने खुद को TRAI का अधिकारी बताया और व्यवसाई को मनी लॉन्ड्रिंग में फंस जाने का भय दिखाकर इतनी बड़ी ठगी कर लिया। उसे ईडी, सेबी, सीबीआई और मुम्बई क्राइम ब्रांच का खौफ दिखाया गया।
बिहार के मुजफ्फरपुर में साइबर फ्रॉड का बड़ा मामला सामने आया है। अहियापुर निवासी व्यवसायी दिनेश कुमार को मुम्बई के चर्चित नरेश गोयल मनी लॉन्ड्रिंग केस में फंसाने का झांसा देकर साइबर शातिरों ने 90 लाख रुपए की ठगी कर ली। व्यवसायी ने शातिरों के खिलाफ मुजफ्फरपुर साइबर थाने में एफआईआर दर्ज कराई है। साइबर फ्रॉड ने खुद को TRAI का अधिकारी बताया और व्यवसाई को मनी लॉन्ड्रिंग में फंस जाने का भय दिखाकर इतनी बड़ी ठगी कर लिया। पुलिस ने ठोस कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
कारोबारी दिनेश कुमार ने पुलिस को बताया कि बदमाशों ने उसे ईडी, सेबी, सीबीआई और मुम्बई क्राइम ब्रांच का खौफ दिखाया। चार बार में 89 लाख 90 हजार रुपये मंगवाए गए। हर पेमेंट पर उन्हें ईडी विभाग का एक पावती दिया जाता था। उनसे विभिन्न बैंक खातों में रुपये मंगवाए गए हैं। इस ठगी से उन्हें बड़ा लॉस हुआ है जिसकी भरपाई में काफी वक्त लगेगा।
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दिनेश ने पुलिस को बताया है कि वह बीते आठ जुलाई को जूरन छपरा में एक मित्र के घर पर थे। उसी समय उन्हें कॉल आई। उक्त व्यक्ति ने खुद को ट्राई का अधिकारी बताया और कहा कि उसके आधार नंबर से एक दूसरा सिम जारी किया गया है। उसने थाने का नंबर बताकर एक मोबाइल पर कॉल ट्रांसफर कराया गया। उसने वीडियो कॉल पर बताया कि उसके आधार कार्ड से केनरा बैंक में अकाउंट खोला गया है। उक्त अकाउंट में ढाई करोड़ का अवैध लेनदेन किया गया है। इस संबंध में तिलक नगर थाने में उपस्थित होना पड़ेगा। साथ ही उसने एक लिंक भेजा। जिसे खोलने पर सेबी, ईडी और सीबीआई के दिशा निर्देश का एक पीडीएफ कॉपी और मनी लॉन्ड्रिंग केस का एक डॉक्यूमेंट मिला। इस तरह भय दिखाकर 89.90 लाख ठग लिए गए।
इतनी बड़ी राशि की ठगी का शिकार हुए व्यवसाई का परिवार सदमे में है। कारोबारी ने आरोपियों पर त्वरित कार्रवाई और ठगी के रुपए की रिकवरी की गुहार लगाई है। मुजफ्फरपुर की यह पहली वारदात नहीं है। अब तक कई लोग साइबर फ्रॉड का शिकार हो चुके हैं। पुलिस का कहना है कि साइबर फ्रॉड का यह नया तरीका है जिसमें बदमाश शिकार हुए व्यक्ति को कार्रवाई का भय दिखाकर डिजिटल अरेस्ट कर लेते हैं।