नीतीश के आवास पर NDA की बैठक में रालोजपा को न्योता नहीं, बीजेपी से शिकायत करेंगे पारस
मुख्यमंत्री आवास पर आयोजित हुई एनडीए की बैठक में पशुपति पारस की रालोजपा को न्यौता न मिलने से पार्टी नाराज है। इस मामले पर पार्टी की कोर कमेटी की बैठक में बड़ा फैसला लिया गया है। इस मामले को अब शीर्ष नेताओं के सामने उठाएंगे।
पटना में सोमवार को मुख्यमंत्री आवास पर एनडीए की बड़ी बैठक हुई। जिसमें 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर चर्चा हुई। इस बैठक में एनडीए के सहयोगी दल बीजेपी, जेडीयू, लोजपा (आर), जीतन मांझी की हम और उपेंद्र कुशवाहा की रालोमो शामिल हुए। लेकिन एनडीए का हिस्सा पशुपति पारस की रालोजपा को न्योता नहीं भेजा गया। जबकि पशुपति पारस पटना में ही मौजूद थे। इस बात से पशुपति पारस नाराज चल रहे हैं। अब इस मामले की शिकायत बीजेपी के शीर्ष नेताओं (पीएम मोदी और अमित शाह) से करेंगे।
सोमवार को रालोजपा के केन्द्रीय संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष सूरजभान सिंह के आवास पर इस मुद्दे को लेकर पार्टी की कोर कमिटी की महत्वपूर्ण बैठक हुई। इसमें राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व केन्द्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस, प्रदेश अध्यक्ष पूर्व सांसद प्रिंस राज पासवान, पूर्व सांसद चंदन सिंह मौजूद थे। फैसला लिया गया कि एनडीए की बैठक में आमंत्रण नहीं मिलने का मुद्दा आलाकमान के सामने उठाया जाएगा। हालांकि पशुपति पारस की रालोजपा एनडीए नहीं छोड़ेगी।
बैठक के बाद राष्ट्रीय प्रवक्ता श्रवण कुमार अग्रवाल ने बैठक में नहीं बुलाने के फैसले को दुखद बताया। कहा कि इसके बाद भी पार्टी ने एनडीए में बने रहने का निर्णय लिया गया। मगर हम छठ पूजा के बाद सभी 243 विधानसभा सीटों पर संगठन को मजबूत बनाने की योजना पर काम शुरू करेंगे। पार्टी ने नवंबर में पटना में पार्टी का विशाल कार्यकर्ता सम्मेलन का भी निर्णय लिया। संगठन का पंचायत स्तर तक विस्तार किया जाएगा। हर जिला एवं प्रखंड में कार्यकर्ता सम्मेलन होगा। साथ ही हर बूथ पर मजबूत बूथ कमिटी बनेगी।
वहीं जेडीयू सूत्रों का कहना है कि रालोजपा राष्ट्रीय स्तर पर एनडीए का हिस्सा है। लेकिन बिहार में सरकार चला रही एनडीए में पांच पार्टी ही शामिल हैं। हालांकि पशुपति पारस प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व प लगातार आस्था व्यक्त करते रहते हैं। लेकिन बिहार में भाजपा, जेडीयू, हम, लोजपा और रालोमो ही एनडीए का हिस्सा है। जिन्हें लोकसभा चुनाव में लड़ने के लिए कम से कम एक सीट मिली थी।
आपको बता दें लोकसभा चुनाव में रालोजपा एनडीए का हिस्सा था, और सीट बंटवारे में एक सीट नहीं मिली थी। पशुपति ने केंद्रीय मंत्री पद से भी इस्तीफा दे दिया था। वहीं चिराग पासवान की लोजपा (आर) को 5 सीटें मिली थी। इस पर भी रालोजपा के नेताओं में रोष था। और अब बिहार चुनाव के मद्देनजर बुलाई एनडीए की बैठक रालोजपा को दरकिनार करने पार्टी में नाराजगी है।
वहीं बंगला विवाद में भी पशुपति पारस बैकफुट पर हैं। बिहार सरकार के भवन निर्माण विभाग ने पशुपति कुमार पारस को कार्यालय के तौर पर दिए गए बंगले को खाली करने का निर्देश दिया है। विभाग के अधिकारियों का कहना है, कि 7 दिनों में बंगला खाली नहीं किया तो बलपूर्वक बंगला खाली करवाया जाएगा। दरअसल ये बंगला चिराग पासवान को आवंटित कर दिया गया है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई एनडीए की मीटिंग में बिहार चुनाव में 225 सीटों का लक्ष्य रखा गया है। सीएम ने कहा कि 18 साल के ऊपर के वोटर्स को बिहार और सरकार की आज की नीतियों के बारे में बताना है, उन्हें अवगत कराना है कि सरकार क्या कुछ कर रही है। एनडीए 2005 के पहले का बिहार और आज के बिहार का अंतर बताएगी। साथ हीएनडीए के सभी सहयोगी दलों से तालमेल बनाकर चुनाव लड़ने का ऐलान किया।