पटना के चारों ओर बड़ी नदियां लाल निशान पार, नीतीश ने अधिकारियों को हड़काया, छुट्टियां कैंसिल
गंगा का जलस्तर दीघा घाट, गांधी घाट और हाथीदह में खतरे के निशान से काफी ऊपर पहुंच गया है। रविवार को सबसे खतरनाक स्थिति गांधी घाट रही। यहां गंगा का जलस्तर 49.39 मीटर तक पहुंच गया। गांधी घाट पर लाल निशान का स्तर 48.60 मीटर है। यानी खतरे के निशन से करीब 80 सेंटीमीटर ऊपर पानी बह रहा है।
पटना के चारों तरफ नदियां लाल निशान को पार कर गई हैं। अभी पटना शहर जलदुर्ग बन गया है। उत्तर में गंगा, पश्चिम में सोन और दक्षिण-पूर्व में पुनपुन नदी उफान पर है। सोन नद के साथ गंगा और पुनपुन नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। जिससे आस-पास के ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में पानी घुस गया है। हालांकि, रविवार तक इन नदियों का सुरक्षा तटबंध सुरक्षित था, लेकिन जिस रफ्तार से जलस्तर बढ़ रहा है उससे सुरक्षा बांधों पर भी खतरा मंडराने लगा है।
गंगा पटना जिले में उफान पर है। गंगा का जलस्तर दीघा घाट, गांधी घाट और हाथीदह में खतरे के निशान से काफी ऊपर पहुंच गया है। रविवार को सबसे खतरनाक स्थिति गांधी घाट रही। यहां गंगा का जलस्तर 49.39 मीटर तक पहुंच गया। गांधी घाट पर लाल निशान का स्तर 48.60 मीटर है। यानी खतरे के निशन से करीब 80 सेंटीमीटर ऊपर पानी बह रहा है। वर्ष 2016 में 21 अगस्त को गांधी घाट पर अधिकतम जल स्तर 50.52 मीटर मापा गया था। तब शहर में पानी प्रवेश कर गया था। दीघा में गंगा का जलस्तर 19 व हाथीदह में 78 सेंटीमीटर ऊपर है। इधर, श्रीपालपुर में रविवार को पुनपुन खतरे के निशान से 20 सेंटीमीटर और कोइलवर में सोन खतरे के निशान से 5 सेंटीमीटर ऊपर रहा।
बिंद टोली में घुसा पानी
रविवार को दीघा घाट पर सुबह छह बजे गंगा का जलस्तर लाल निशान से 7 सेंटीमीटर ऊपर था। वहीं सोमवार को सुबह आठ बजे तक इसमें 12 सेंटीमीटर बढ़ने की संभावना है। यानी दीघा घाट पर गंगा जलस्तर खतरे के निशान से 19 सेंटीमीटर ऊपर पहुंच जाएगा। दीघा में गंगा उफान पर होने से बिंद टोली में पानी घुस गया है। बिंद टोली के लोगों का अशोक राजपथ से संपर्क टूट गया है। दीघा में अधिकतम जलस्तर 23 अगस्त 1975 में 52.52 मीटर मापा गया था।
शहर में जलजमाव की स्थिति पैदा न हो
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पदाधिकारियों को निर्देश दिया है कि ऐसी व्यवस्था रखें कि मानसून के दौरान तेज बारिश की स्थिति में जलजमाव की समस्या उत्पन्न न हो। शहर के सभी ड्रेनेज पंपिंग स्टेशन को पूरी तरह से क्रियाशील रखें। जलजमाव की स्थिति में तुरंत प्रभावित क्षेत्रों में जल निकासी की व्यवस्था सुनिश्चित करायें, ताकि शहरवासियों को किसी प्रकार की परेशानी न हो। मुख्यमंत्री ने रविवार को पटना एवं आसपास के इलाकों में जलजमाव की स्थिति से निपटने की व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया और अधिकारियों को कई आवश्यक निर्देश दिये। इस दौरान मुख्यमंत्री ने पहाड़ी स्थित ड्रेनेज पंपिंग स्टेशन का जायजा लिया तथा शहर की जलनिकासी की व्यवस्थाओं को देखा। इसके बाद उन्होंने पटना सिटी के वरमुता स्थित अस्थायी ड्रेनेज पंपिंग स्टेशन का जायजा लिया और जलनिकासी व्यवस्था की जानकारी ली। निरीक्षण के दौरान नगर विकास एवं आवास विभाग के प्रधान सचिव आनंद किशोर ने पटना एवं आसपास के इलाकों में जलजमाव की स्थिति से निपटने की व्यवस्थाओं की विस्तृत जानकारी दी।
नगर निगम- बुडको के अधिकारियों की छुट्टी सितंबर तक रद्द
पटना नगर विकास मंत्री नितिन नवीन ने राजधानी में जलजमाव वाले इलाकों में सुपर सकर लगाकर पानी निकालने का आदेश दिया है। साथ ही नगर निगम और बुडको के अधिकारियों की छुट्टी सितंबर तक रद्द कर दी है। मंत्री ने कहा कि बारिश होने पर अधिकारी छुट्टी पर न जाएं। जलनिकासी के उपाय करें। कंट्रोल रूम और क्विक रिस्पांस टीम (क्यूआरटी) की निगरानी करें। उन्होंने कहा कि सितंबर तक नगर निगम और बुडको के अधिकारियों को छुट्टी नहीं मिलेगी। सभी अधिकारी ईमानदारी के साथ अपना कार्य करें।
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