साबरमती और यमुना की तर्ज पर मुजफ्फरपुर में बनेगा रीवर फ्रंट, गुजरात और दिल्ली जाएगी एक्सपर्ट टीम
- गुजरात और दिल्ली की तर्रज पर रीफ्रंट को पर्यटन स्थल के रूप में भी विकसित किया जाएगा। बूढ़ी गंडक से जुड़ी घाटों को संवारा जाएगा। घाटों या आसपास के इलाकों में नियमित साफ-सफाई से लेकर लाइटिंग तक के इंतजाम किए जाएंगे।
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साबरमती व यमुना रीवर फ्रंट की तर्ज पर मुजफ्फरपुर रीवर फ्रंट बनेगा। संबंधित रीवर फ्रंट के अध्ययन के लिए नगर निगम के अधिकारियों व एक्सपर्ट की टीम गुजरात और दिल्ली भेजी जाएगी। दोनों रीवर फ्रंट अंतरराष्ट्रीय स्तर के माने जाते हैं। उनकी तकनीक से लेकर खूबियों तक के हर पहलू को देखा जाएगा। फिर उसके आधार पर मुजफ्फरपुर रीवर फ्रंट का डिजाइन बनाया जाएगा।
इसको लेकर दो साल पहले राष्ट्रीय स्तर पर गठित नदी-शहर गठबंधन के तहत भी संबंधित निगमों से अहम टिप्स मिलेंगे। निर्माण या अन्य प्रक्रियाओं से जुड़ी चुनौती का पता चलने के साथ ही समस्या के समाधान का रास्ता भी मिलेगा। प्रोजेक्ट का डीपीआर फाइनल करने से लेकर निर्माण तक के काम में आसानी होगी। निगम की योजना के तहत बूढ़ी गंडक नदी के किनारे दादर कोल्हुआ घाट से लेकर बीएमपी 6 तक करीब आठ किलोमीटर लंबे एलिवेटेड रोड का निर्माण होना है।
रीवर फ्रंट को पर्यटन स्थल के रूप में भी विकसित किया जाएगा। बूढ़ी गंडक से जुड़ी घाटों को संवारा जाएगा। घाटों या आसपास के इलाकों में नियमित साफ-सफाई से लेकर लाइटिंग तक के इंतजाम किए जाएंगे। नदी के पानी को निर्मल-स्वच्छ व प्रदूषण मुक्त करने पर भी फोकस होगा। मछली बाजार से लेकर वेंडिंग जोन बनाए जाएंगे। इससे रोजगार के अवसर भी मिलेंगे। रीवर फ्रंट के निर्माण कार्य पर 735 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसको लेकर पिछले सप्ताह निगम के स्तर से नगर विकास व आवास विभाग को प्रस्ताव भेजा जा चुका है। पुराना बसावट होने से शहर में जाम की समस्या से लोग हलकान हैं। ऐसे हालात में रीवर फ्रंट के जरिए शहर के विभिन्न इलाकों की कनेक्टिविटी बेहतर होगी। बिना जाम में फंसे दूसरे मार्गों से गंतव्य तक जाने का बेहतर विकल्प मिलेगा।
नदी-शहर गठबंधन
● अध्ययन के लिए गुजरात और दिल्ली जाएगी नगर निगम की टीम
● नदी और शहर गठबंधन के तहत मिलेंगे संबंधित निगमों से टिप्स
● बूढ़ी गंडक के घाटों का होगा सौंदर्यीकरण, बनेगा मछली बाजार व वेंडिंग जोन
क्या कहते हैं अधिकारी?
मानकों के स्तर पर साबरमती या यमुना रीवर फ्रंट आदर्श है। उसे देखने-समझने को टीम जाएगी। हर पहलू की समीक्षा करके डिजाइन बनेगा। नदी-शहर गठबंधन के तहत संबंधित शहरों से सीख रहे हैं। रीवर फ्रंट में फिशिंग एक्टिविटी व अन्य सुविधाएं भी होंगी। -विक्रम विरकर, नगर आयुक्त