Hindi Newsबिहार न्यूज़Revenue employees stuck in Bihar for years will be transferred details of action taken against Amins during last 5 years

बिहार में सालों से जमे राजस्व कर्मचारियों का होगा ट्रांसफर, 5 साल के दौरान अमीनों पर हुई कार्रवाई का ब्यौरा भी तलब

राज्य में लंबे समय से एक ही जगह पर जमे राजस्व कर्मचारियों का तबादला होगा। जिसको लेकर सभी जिलों को विभाग ने आदेश भेज दिया है। साथ ही दो दिन में पालन कराने का निर्देश भी दिया है। अमीनों पर बीते 5 सालों में हुई कार्रवाई का ब्यौरा भी तलब किया है।

sandeep लाइव हिन्दुस्तानMon, 4 Nov 2024 08:42 PM
share Share

बिहार के राजस्व और भूमि सुधार विभाग की कार्यप्रणाली को बेहतर और सुगम बनाने के लिए लंबे समय से एक ही जगह पर जमे राजस्व कर्मचारियों का तबादला होगा। जिसको लेकर विभाग ने जिलों को आदेश भेजा है। साथ ही दो दिनों में पालन करने का भी निर्देश दिया है। इसके अलावा जिलो में तैनात अमीनों और राजस्व कर्मचारियों पर बीते पांच साल में हुई कार्रवाई का पूरा ब्यौरा भी मांगा है।

इससे पहले भी राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने कहा था कि कोई राजस्व कर्मचारी पांच वर्षों से अधिक समय से एक अंचल में तैनात हैं, तो उनका तबादला निश्चित रूप से दूसरे अंचलों में किया जाए। शहरी क्षेत्रों में दो वर्षों से ज्यादा समय से तैनात राजस्व कर्मचारियों को ग्रामीण अंचलों में तैनात करने का आदेश दिया गया है। नगर पालिका, नगर परिषद एवं नगर पंचायतों को शहरी क्षेत्र माना गया है।

ये भी पढ़ें:धीमा पड़ गया भूमि सर्वेक्षण का काम, आवेदन भी पेंडिंग; जमीन मालिक परेशान

आपको बता दें इन दिनों राज्य में जमीन सर्वे का काम चल रहा है। जिसे मद्देनजर अमीनों के काम पर भी सख्त नजर रखी जा रही है। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने अमीनों के कार्यकलापों की समीक्षा की तो पता चला कि एक अमीन पूरे माह में औसतन पांच से छह जमीन की मापी करते हैं। समीक्षा में सामने आया कि एक माह में राज्य के कुल 1719 अमीनों ने कुल 9974 मामलों का ही निष्पादन किया है।

विभाग ने अमीनों की इस सुस्ती को गंभीरता से लिया है। विभाग के सचिव जय सिंह ने इसको लेकर सभी जिलों के डीएम से हर अमीन से एक माह में कम से कम 15 से 20 मापी के आवेदन का निष्पादन कराने को कहा है। इससे जमीन मापी की प्रक्रिया सरल होगी और भूमि विवाद के मामले जल्द निपटेंगे। उल्लेखनीय है कि पुलिस ने भी भूमि विवाद को अपराध के एक बड़े कारण के रूप में भी चिन्हित किया है।

ये भी पढ़ें:Bihar Land Survey: हर अमीन के काम की होगी जांच, राजस्व भूमि विभाग का बड़ा आदेश

बिहार के राजस्व और भूमि सुधार विभाग की कार्यप्रणाली को बेहतर और सुगम बनाने के लिए लंबे समय से एक ही जगह पर जमे राजस्व कर्मचारियों का तबादला होगा। जिसको लेकर विभाग ने जिलों को आदेश भेजा है। साथ ही दो दिनों में पालन करने का भी निर्देश दिया है। इसके अलावा जिलो में तैनात अमीनों और राजस्व कर्मचारियों पर बीते पांच साल में हुई कार्रवाई का पूरा ब्यौरा भी मांगा है।

इससे पहले भी राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने कहा था कि कोई राजस्व कर्मचारी पांच वर्षों से अधिक समय से एक अंचल में तैनात हैं, तो उनका तबादला निश्चित रूप से दूसरे अंचलों में किया जाए। शहरी क्षेत्रों में दो वर्षों से ज्यादा समय से तैनात राजस्व कर्मचारियों को ग्रामीण अंचलों में तैनात करने का आदेश दिया गया है। नगर पालिका, नगर परिषद एवं नगर पंचायतों को शहरी क्षेत्र माना गया है।

आपको बता दें इन दिनों राज्य में जमीन सर्वे का काम चल रहा है। जिसे मद्देनजर अमीनों के काम पर भी सख्त नजर रखी जा रही है। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने अमीनों के कार्यकलापों की समीक्षा की तो पता चला कि एक अमीन पूरे माह में औसतन पांच से छह जमीन की मापी करते हैं। समीक्षा में सामने आया कि एक माह में राज्य के कुल 1719 अमीनों ने कुल 9974 मामलों का ही निष्पादन किया है।

विभाग ने अमीनों की इस सुस्ती को गंभीरता से लिया है। विभाग के सचिव जय सिंह ने इसको लेकर सभी जिलों के डीएम से हर अमीन से एक माह में कम से कम 15 से 20 मापी के आवेदन का निष्पादन कराने को कहा है। इससे जमीन मापी की प्रक्रिया सरल होगी और भूमि विवाद के मामले जल्द निपटेंगे। उल्लेखनीय है कि पुलिस ने भी भूमि विवाद को अपराध के एक बड़े कारण के रूप में भी चिन्हित किया है।

|#+|

दअसल राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने जमीन मापी के लिए प्रक्रिया निर्धारित कर रखी है। आवेदन के दिन से मापी की रिपोर्ट देने तक के काम के लिए एक माह की समय सीमा तय है। पिछले माह विभागीय समीक्षा में सामने आया कि वर्तमान में राज्य में जमीन की मापी के लिए कुल 77883 आवेदन आए। इनमें से 21906 निरस्त कर दिए गए। बाकी बचे 55977 आवेदन में से एक माह में अंतिम रूप से कुल 9974 लोगों को ही जमीन मापी की रिपोर्ट मिल सकी। बाकी के आवेदन में ज्यादातर मापी का काम अमीनों की सुस्ती के कारण अटका पड़ा है।

अगला लेखऐप पर पढ़ें