रामगढ़ में उपचुनाव की जंग हुई रोचक, वोटर करेंगे खेल तो जातिगत समीकरण हो जाएंगे फेल
बिहार की रामगढ़ सीट पर उपचुनाव रोचक होने वाला है। अगर मतदाताओं ने खेल किया तो पार्टियों के जातिगत समीकरण फेल हो सकते हैं। उपचुनाव में आरजेडी, बीजेपी, बसपा ने दिग्गजों को मैदान में उतारा है। वहीं, प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी भी खेला करने के मूड में है।
बिहार के कैमूर जिले की रामगढ़ विधानसभा सीट पर उपचुनाव की जंग दिलचस्प होने वाली है। यहां की चुनावी बिसात पर शह और मात के खेल में कई दांव आजमाए जाएंगे। प्रमुख पार्टियां अपने किले की रक्षा करने और दूसरे में सेंधमारी करने की जुगत में अभी से जुटी हैं। इस सीट के लिए 25 अक्टूबर तक नामजदगी का पर्चा दाखिल किया जाएगा। इस सीट से राजद से अजीत कुमार सिंह, भाजपा से अशोक कुमार सिंह, बसपा से सतीश सिंह उर्फ पिंटू यादव प्रमुख रूप से चुनाव मैदान में हैं। जन सुराज पार्टी ने सुशील कुशवाहा को अपना प्रत्याशी घोषित किया है।
अजीत राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के पुत्र व बक्सर सांसद सुधाकर के छोटे भाई हैं। अशोक वर्ष 2015 में भाजपा के टिकट पर यहां से जीते थे। सतीश पूर्व विधायक अंबिका यादव के भतीजा हैं। सुशील बक्सर लोकसभा क्षेत्र से वर्ष 2019 में बसपा के टिकट पर चुनाव लड़कर करीब 80 हजार वोट लाए थे। रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र के 290626 मतदाता उपचुनाव में प्रत्याशियों का भविष्य तय करेंगे। इनमें पुरुष 150406, महिला 139152, अन्य 2 तथा सर्विस वोटर 1066 हैं। यह मतदाता 13 अक्टूबर को मतदान करेंगे।
रामगढ़ में कोई किसी से कम नहीं दिख रहा है। एनडीए एवं महागठबंधन का अपना समीकरण है। इस बार के उपचुनाव में अगर जातीय समीकरण बिखर जाए, तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी। कहा तो यह भी जा रहा है कि इसमें कोई दो मत नहीं कि उपचुनाव के अंतिम समय में मतों का ध्रुवीकरण हो जाए। यहां से एनडीए एवं महागठबंधन के प्रत्याशी क्षत्रिय (राजपूत) समाज के हैं, तो बसपा ने यादव एवं जन सुराज पार्टी ने कुशवाहा बिरादरी को अपना प्रत्याशी बनाया है। कौन कितना मत बटोर सकेंगे, इसका उत्तर तो मतगणना के दिन 23 नवंबर को मिलेगा, पर मौन मतदाता खेला करने के मूड में नजर आ रहे हैं।
आरजेडी के लोकसभा और विधानसभा चुनाव में जीत का अंतर
रामगढ़ के विधायक रहे सुधाकर सिंह के बक्सर लोकसभा क्षेत्र से चुनाव जीतने के बाद यह सीट खाली हुई है। वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र से राजद ने 9928 मतों से बढ़त बनाई थी। हालांकि, 2020 में हुए विधानसभा चुनाव में सिर्फ 189 वोट के अंतर से आरजेडी को जीत मिली थी। इस साल हुए लोस चुनाव में रामगढ़ से राजद को 65605, भाजपा को 55677, बसपा को 35568 मत मिले थे। जबकि वर्ष 2020 के विधानसभा चुनाव में राजद को 58083, बसपा को 57894 व भाजपा को 56084 वोट प्राप्त हुए थे।
कहीं खेला ने कर दे मतदाताओं की चुप्पी
अभी रामगढ़ के मतदाता चुप हैं। धान की फसल की कटनी के प्रबंध में जुटे हैं। 13 नवंबर को जब मतदान होगा, तब कटनी का काम जोरों पर रहेगा। प्रत्याशी उन्हें अपने पक्ष में करने के लिए खेत-खलिहान तक की दौड़ लगाएंगे। ऐसे में अब क्षेत्र में यह चर्चा है कि इस बार का उपचुनाव काफी रोचक होगा। क्योंकि उपचुनाव में रणनीतिकार प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी ने भी अपना प्रत्याशी उतारा है और चुनावी मैदान के मंझे हुए खिलाड़ी जगदानंद के पुत्र भी इस मैदान में हैं। पूर्व विधायक अंबिका यादव ने जगदानंद के साथ काफी समय बिताया है। वह इस चुनाव में अपने अनुभव का उपयोग कर भतीजे को जीत दिलाने की कोशिश करेंगे। बीजेपी के अशोक सिंह तो यहां से विधायक भी रह चुके हैं।
रामगढ़ सीट पर मतदाताओं की संख्या
कुल मतदाता 290626
पुरुष मतदाता 150406
महिला मतदाता 139152
सर्विस मतदाता 1066
अन्य मतदाता 02