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रेलवे की जानलेवा लापरवाही, क्यों दो हिस्सों में बंटी बिहार संपर्क क्रांति एक्सप्रेस? सामने आई वजह

जांच में पता चला है कि कैरेज एंड वैगन के कर्मियों ने इसमें लापरवाही बरती। इससे हजारों पैसेंजरों की जांच खतरे में आ गयी थी। संयोग अच्छा रहा कि कपलर खुलने के बावजूद एक भी यात्री चोटिल नहीं हुआ। डीआरएम ने बताया कि जांच रिपोर्ट सौंपी गयी है। उसका अध्ययन करने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

Sudhir Kumar हिन्दुस्तान, मुजफ्फरपुर, सोमनाथ सत्योमSun, 11 Aug 2024 08:33 AM
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बिहार के दरभंगा से नई दिल्ली जाने वाली 12565 बिहार संपर्क क्रांति सुपरफास्ट के दो हिस्सों में बंटने के मामले की जांच पूरी हो गयी। जांच कमेटी ने डीआरएम समस्तीपुर विनय कुमार श्रीवास्तव को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। इसमें कैरेज एंड वैगन विभाग की लापरवाही सामने आयी है। रिपोर्ट में बताया गया है कि दो बोगियों को एक-दूसरे से जोड़ने की सीबीसी कपलर में टरशरी पिन नहीं मिला। इसकी जांच दरभंगा स्टेशन के वाशिंगपीट पर होनी चाहिए थी। इससे स्पष्ट है कि 29 जुलाई को नई दिल्ली के लिए खुलने वाली बिहार संपर्कक्रांति के रैक का मेंटेनेंस दरभंगा वाशिंगपीट पर मानक के अनुरूप नहीं किया गया।

जांच में पता चला है कि कैरेज एंड वैगन के कर्मियों ने इसमें लापरवाही बरती। इससे हजारों पैसेंजरों की जांच खतरे में आ गयी थी। संयोग अच्छा रहा कि कपलर खुलने के बावजूद एक भी यात्री चोटिल नहीं हुआ। डीआरएम ने बताया कि जांच रिपोर्ट सौंपी गयी है। उसका अध्ययन करने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

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कई पदाधिकारी कार्रवाई की जद में

प्रारंभिक जांच के आधार पर दरभंगा में कार्यरत सीनियर सेक्शन इंजीनियर एवं एमसीएम को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया था। सूत्रों की मानें तो कई पदाधिकारी जांच रिपोर्ट की जद में आये हैं। उनपर भी कार्रवाई हो सकती है। मालूम हो कि हादसे के रोज की प्रारंभिक जांच में कपलर का लॉक पिन नहीं मिला था। अब जांच में यह पाया गया है कि लॉक पिन और टरशरी पिन दोनों ही सीबीसी कपलर में नहीं था।

क्या दरभंगा पहुंचने के बाद टरशरी पिन निकाला गया

जांच टीम ने एक महत्वपूर्ण सवाल भी उठाया है। क्या 28 जुलाई को नई दिल्ली से दरभंगा पहुंची 12566 बिहार संपर्कक्रांति सुपरफास्ट के रैक से टरशरी पिन मेंटेनेंस के दौरान दरभंगा स्टेशन पर निकाला गया, जिसे दोबारा नहीं लगाया जा सका। या फिर नई दिल्ली कैरेज एंड वैगन की टीम ने उसमें पिन नहीं लगाया था। अगर पिन नहीं लगाया था कि तो ट्रेन ने करीब 1100 किमी की दूरी बिना उसके कैसे पूरी कर ली। इस दौरान एक भी जगह ट्रेन को झटके और जर्क नहीं मिले।

क्या करता है टरशरी कपलर पिन

डीआरएम ने बताया कि सीबीसी कपलर के कारण ट्रेन दो हिस्सों में बंटी। इस सीबीसी कपलर में टरशरी लॉक पिन की कमी पायी गयी। टरशरी लॉक पिन को वाशिंग पिट में रैक फिटेनस (अनुरक्षण) के दौरान देखा जाना चाहिए था। टरशरी लॉक पिन जर्क की स्थिति में भी सीबीसी कपलर को खुलने नहीं देता है।

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