तेजस्वी के धरना पर सियासत, जीतन मांझी के बेटे का लालू पर बड़ा आरोप, दलित को CM नहीं बनने दिया
संतोष कुमार सुमन ने आरक्षण के मुद्दे पर राज्य भर में राजद के धरना-प्रदर्शन के फैसले को नौटंकी बताया है। उन्होंने पूछा कि राजद ने कभी किसी दलित को मुख्यमंत्री क्यों नहीं बनाया? आरोप लगाया कि जब जब बारी आई राजद ने दलित नेतृत्व का विरोध किया। कुछ बनने की बात आती है तो परिवार पहले दिखता है।
बिहार में 65 प्रतिशत आरक्षण सीमा के मसले को संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर आज राजद ने हल्ला बोल का आयोजन किया है। राज्य के सभी जिलों के मुख्यालयों पर राजद के नेता और कार्यकर्ता धरना प्रदर्शन करेंगे। तेजस्वी यादव के आवाह्न पर राजद आज सड़कों पर उतर रही है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के निर्देश पर पटना में पार्टी ऑफिस पर होने वाले धरना में शामिल होंगे। इधर तेजस्वी के हल्लाबोल पर राजनीति तेज हो गई है। जेडीयू के केसी त्यागी की टिप्पणी के बाद हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा ने इसे नौटंकी करार दिया है। पार्टी अध्यक्ष और नीतीश सरकार के मंत्री संतोष सुमन ने लालू प्रसाद पर गभीर आरोप लगाया है। कहा है कि उन्होंने किसी दलित को सीएम नहीं बनने दिया।
बिहार सरकार में प्रावैधिकी एवं आपदा प्रबंधन मंत्री डॉ. संतोष कुमार सुमन ने आरक्षण के मुद्दे पर राज्य भर में राजद के धरना-प्रदर्शन के फैसले को नौटंकी बताया है। उन्होंने पूछा कि राजद ने कभी किसी दलित को मुख्यमंत्री क्यों नहीं बनाया? आरोप लगाया कि जब जब बारी आई राजद ने दलित नेतृत्व का विरोध किया। चाहे राम सुन्दर दास रहे हों, रामविलास पासवान रहे हों या जीतन राम मांझी रहे हों। सबका विरोध इन लोगों ने किया। आज तक अपनी पार्टी से भी किसी वर्ग में नेतृत्व पैदा नहीं होने दिया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सत्ता में रहते सामाजिक न्याय और आरक्षण पर कभी आंच नहीं आ सकती। राजद के पास कोई मुद्दा नहीं है, इसलिए पार्टी आरक्षण खत्म होने का हौवा खड़ा कर लोगों को गुमराह करती है। कमजोर वर्ग के लोगों में दहशत का माहौल बनाती है।
मीडियाकर्मियों से बातचीत में संतोष सुमन ने तेजस्वी यादव को एक बड़ी चुनौती दी। उन्होंने कहा कि यदि आरजेडी और उनके बड़े नेता दलितों के सही मायने में हितैषी हैं तो किसी दलित समाज के नेता को मुख्यमंत्री का कैंडिडेट घोषित करें। लेकिन उन्हें ऐसा कुछ नहीं करना है। पार्टी या सरकार में जब भी कुछ बनने की बात उठती है तो अपने परिवार के सदस्य या करीबी समर्थक को आगे बढ़ाते हैं। उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव का दलित प्रेम तब निखरेगा जब अपनी पार्टी के किसी दलित नेता मुख्यमंत्री घोषित कर दें। वे दलित के नाम पर सिर्फ नौटंकी कर रहे हैं। इसके शिवा कुछ नहीं है। जनता को भ्रम में डालने की कोशिश की जा रही है। पिछली सरकार में खुद डिप्टी सीएम बन गए। उस समय क्यों किसी दलित को आगे नहीं लाए।
इससे पहले जदयू के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी ने कहा कि जब नीतीश कुमार खुद इस मुद्दे को नौवीं अनुसूची में शामिल किये जाने की मांग कर चुके हैं तो बात ही खत्म हो गई। राजद के नेता सिर्फ दिखावा कर रहे हैं। इसकी कोई जरूरत नहीं है। यह काम होगा भी तो नीतीश कुमार से ही होगा। जनता सब समझ रही है।
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