Hindi Newsबिहार न्यूज़Policeman hand broken 15 vehicles seized 43 supporters detained Know what happened in Prashant Kishor case?

सिपाही का हाथ टूटा, 15 गाड़ियां जब्त, 43 समर्थक हिरासत में; जानिए प्रशांत किशोर मामले में क्या-क्या हुआ?

पटना के जिलाधिकारी डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने प्रशांत किशोर की गिरफ्तारी के बाद कहा कि गांधी मैदान में धरना दे रहे 43 लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। वहीं 15 वाहन जब्त किए गए हैं। हिरासत में लिये गए लोगों में 30 की पहचान की गई है।

sandeep हिन्दुस्तान, प्रधान संवाददाता, पटनाMon, 6 Jan 2025 09:54 PM
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पटना सिविल कोर्ट परिसर में प्रशांत किशोर के सर्थकों व पुलिस के बीच हुई नोंक-झोंक के दौरान एक सिपाही का हाथ टूट गया। पुलिस लाइन से उसकी ड्यूटी पटना सिविल कोर्ट परिसर में लगी थी। बाद में सिपाही के साथियों ने उसे ईलाज के लिये अस्पताल भेजा। दरअसल, प्रशांत किशोर के समर्थक उनकी पेशी के दौरान कोर्ट परिसर में इकट्ठा थे। इसी दौरान पुलिस उनकी नोंक-झोंक हुई। सिपाही उसी जगह ड्यूटी पर तैनात था। भीड़ के धक्के से वह जमीन पर गिर गया जिससे उसके एक हाथ में चोट लगी। बाद में पता चला कि सिपाही के हाथ की हड्डी टूट गई है।

वहीं प्रशांत किशोर गिरफ्तारी मामले में आज खूब हंगामा हुआ। पटना के जिलाधिकारी डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने प्रशांत किशोर की गिरफ्तारी के बाद कहा कि गांधी मैदान में धरना दे रहे 43 लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। वहीं 15 वाहन जब्त किए गए हैं। हिरासत में लिये गए लोगों में 30 की पहचान की गई है। इसमें 25 लोग पटना जिले के बाहर से हैं जबकि पांच दूसरे जिले के रहने वाले हैं। चार लोग दूसरे राज्यों के हैं। तीन उत्तर प्रदेश और एक दिल्ली के रहने वाले हैं।

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डीएम के मुताबिक 12 वाहनों को उस समय जब्त किया गया जब प्रशांत किशोर को गिरफ्तार कर मेडिकल जांच के लिए ले जाया जा रहा था। ये वाहन उनकी एंबुलेंस के पीछे थे और रोकने का प्रयास कर रहे थे। इसके अलावा दो टैक्ट्रर और एक वैनिटी वैन को भी जब्त किया गया है। पटना उच्च न्यायालय के आदेश पर गर्दनीबाग में धरना स्थल चिह्नत है।

गांधी मैदान के प्रतिबंधित इलाके से हटने के लिए दो बार नोटिस दिया जा चुका था। पर्याप्त समय भी दिया गया। इसके बावजूद वे नहीं हट रहे थे। इसीलिए सोमवार की तड़के उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। यदि दोबारा गांधी मैदान में धरना देने का प्रयास करते हैं तो कड़ी कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा कि बीपीएससी प्रारंभिक परीक्षा को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी गई है, इसीलिए बेहतर हो कि इस मामले में जिसे भी कुछ कहना है वे न्यायालय के समक्ष रखें।

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