बिहार में पुलिस वालों ने बिना वजह जब्त कर ली SUV, हाई कोर्ट ने लगाया 9 लाख का जुर्माना
नालंदा के एकंगरसराय थाना में एक एसयूवी गाड़ी शराबबंदी कानून के तहत जब्त की गई थी। हालांकि वाहन जांच के दौरान शराब नहीं मिली। इसके बावजूद वाहन को जब्त कर लिया गया। उन्होंने कहा कि जब्त वाहन को खुले आसमान के नीचे रखा गया, जिससे गाड़ी की स्थिति खराब हो गई।
पटना हाईकोर्ट ने बगैर किसी दोष के एसवीयू गाड़ी को जब्त करने पर कड़ी नाराजगी जताते हुए सवा नौ लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। साथ ही कोर्ट ने दोषी अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की अनुशंसा की। कोर्ट ने कहा कि वाहन की जब्ती उचित होनी चाहिए न कि अधिकारी अनुचित कार्रवाई कर बेवजह गाड़ी को जब्त कर लें। न्यायमूर्ति पीबी बजन्थरी और न्यायमूर्ति रमेश चंद मालवीय की खंडपीठ ने कारू सिंह उर्फ श्याम सुंदर शर्मा की ओर से दायर अर्जी पर सुनवाई के बाद यह आदेश दिया। कोर्ट ने गाड़ी बीमा राशि के बराबर नौ लाख और अतिरिक्त खर्च के रूप में 25 हजार बतौर मुआवजा देने का आदेश दिया।
आवेदक की ओर से अधिवक्ता अंशुल ने कोर्ट को बताया कि नालंदा के एकंगरसराय थाना में एक एसयूवी गाड़ी शराबबंदी कानून के तहत जब्त की गई थी। हालांकि वाहन जांच के दौरान शराब नहीं मिली। इसके बावजूद वाहन को जब्त कर लिया गया। उन्होंने कहा कि जब्त वाहन को खुले आसमान के नीचे रखा गया, जिससे गाड़ी की स्थिति खराब हो गई। उनका कहना था कि वाहन से न तो शराब और न ही कोई अवैध सामग्री बरामद हुई।
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सिर्फ संदेह के आधार पर वाहन को जब्त कर लिया गया। जब्ती आदेश की वैधता को अपील दायर कर चुनौती दी गई पर कोई राहत नहीं मिली। फिर पुनर्विचार याचिका दायर की गई, लेकिन अधिकारी कुछ सुने बिना ही अर्जी को खारिज कर दिए। कोर्ट ने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि आखिर किस कानून के तहत वाहन को जब्त किया गया। कोर्ट ने अर्जी को मंजूर करते हुए वाहन बीमा राशि के बराबर नौ लाख और क्षतिपूर्ति के रूप में 25 हजार देने का आदेश दिया।